No: 0 Dated: Aug, 12 2014

Administrative departments authorized to permit prosecution of staff

Over 250 posts including 200 for High Court sanctioned 
9 group drinking water schemes approved 
CABINET DECISIONS

Bhopal : Tuesday, August 12, 2014, 18:15 IST 

 

A cabinet meeting chaired by Chief Minister Shri Shivraj Singh Chouhan here today decided to authorise administrative departments to give permission for prosecution of their officers-employees. It was also decided to do away with compulsion of obtaining approval of cabinet committee in the cases where defaulter officer-employee is found guilty in departmental enquiry instituted on recommendation of Lokayukta/Economic Offences Wing.

 

Creation of posts

The cabinet sanctioned creation of 200 posts of class II, III and IV employees in establishment of High Court including 10 posts each of personal secretary, section officer, personal assistant, stenographer, assistant grade-1 & II, record supplier, driver and jamadar, 50 posts of assistant grade-3 and 20 posts of contingency workers.

Besides, 7 posts have been sanctioned for Residential Commissioner Office, Madhya Pradesh Bhavan, New Delhi, 2 posts of Assistant Protocol Officer in Vidhan Sabha Secretariat, 26 in Government Dental College, Indore, 8 in Academy of Administration and 15 posts in pre-matric girls hostels of Backward Classes and Minorities Welfare Department.

 

Group drinking water schemes

The cabinet gave administrative sanction to 9 group drinking water schemes to be implemented by Madhya Pradesh Water Corporation Limited. The projects will benefit 5 lakh population of 383 villages. From these schemes, every rural household will be supplied drinking water at the rate of 70 litre per head per day through domestic tap connections.

The schemes include Damhendi, Kiragi, Karanpura, Dhasan, Gorihar, Biriyapur, Badon Kalan, Indwar and Singhora.

 

Other important decisions

 

  • The cabinet decided that in Chief Technical Examiner (Vigilance) Organisation, only those officers will be posted on deputation as chief engineers who basically hold the post of chief engineer in construction departments, semi-government undertakings and Madhya Pradesh Electricity Board. If it is not possible to avail services of chief engineer then superintending engineers with minimum 5 years’ seniority should be posted on deputation as chief engineers.
  • In this regard, the cabinet has decided to constitute a committee to ensure better quality of construction works. The committee will comprise Ministers and Principal Secretaries of concerning departments.
  • The cabinet decided to amend Section-5 of Madhya Pradesh Lokayukta and Up-Lokayukta Act-1981. According to the amendment, after expiry of his term Lokayukta will continue to hold the post until his successor is appointed and assumes office. However, this extended period will not exceed one year in any case.
  • The cabinet decided to sanction increased special allowance to 106 teachers/Karmis of Social Justice & Disabled Welfare Department’s 41 recognised institutions and District Disabled Rehabilitation Centre in every district with effect from April 1, 2014.
  • The cabinet endorsed Chief Minister’s directive to extend time-limit for special recruitment drive to fill up backlog, carry-forward SC, ST and Backward Class posts as well as posts reserved for disabled persons till June 30, 2015.
  • The cabinet sanctioned 34 schemes costing Rs. 1402.22 crore sanctioned by Rural Electrification Corporation during 12th Five Year Plan period and gave consent to its terms and conditions.
  • The cabinet approved the draft Amendment Bill-2014 regarding Sarvapalli Radhakrishnan University, Bhopal.
  • The cabinet decided to extend date of merger scheme for 3 months. The date had expired on August 11, 2014. Besides, it was decided to merge 3 employees on deputation in Madhya Pradesh Mantralaya against unreserved vacancies.
  • The cabinet sanctioned merger of 123 eligible persons of Oilseed Federation posted on deputation under Panchayats & Rural Development Department.
  • The cabinet sanctioned merger of 76 sub-auditors of Cooperatives Department working on deputation in Oilseed Federation on the same post in accordance with merger scheme chalked out for Oilseed Federation’s employees.

D.K. Malviya

 

शासकीय अमले के विरुद्ध अभियोजन की स्वीकृति का अधिकार प्रशासकीय विभाग को

उच्च न्यायालय में 200 पद सहित 250 से अधिक पद स्वीकृत

9 समूह पेयजल योजना मंजूर

मंत्री-परिषद् के निर्णय

भोपाल : मंगलवार, अगस्त 12, 2014, 17:08 IST

 

मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान की अध्यक्षता में आज सम्पन्न मंत्री-परिषद् की बैठक में शासकीय अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध अभियोजन की स्वीकृति का अधिकार संबंधित प्रशासकीय विभाग को देने का निर्णय लिया गया। लोकायुक्त/ आर्थिक अपराध अनुसंधान प्रकोष्ठ की अनुशंसा पर संस्थित विभागीय जाँच प्रकरणों में अपचारी अधिकारी-कर्मचारी के दोषी पाये जाने पर प्रकरण में मंत्री-परिषद् समिति का अनुमोदन प्राप्त करने की अनिवार्यता को भी समाप्त करने का निर्णय लिया गया।

 

पदों का सृजन

मंत्री-परिषद् ने उच्च न्यायालय की स्थापना में द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के 200 पद के सृजन को मंजूरी दी। इनमें 10-10 पद निज सचिव, अनुविभाग अधिकारी, निज सहायक, शीघ्रलेखक, सहायक ग्रेड-1 और ग्रेड-2, रिकार्ड सप्लायर, वाहन चालक तथा जमादार के तथा 50 पद सहायक ग्रेड-3 और 20 पद आकस्मिक निधि से वेतनभोगी के शामिल हैं।

मंत्री-परिषद् ने आवासीय आयुक्त कार्यालय, मध्यप्रदेश भवन, नई दिल्ली में 7, विधानसभा सचिवालय में सहायक शिष्टाचार अधिकारी के दो, शासकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय, इंदौर के लिए 26 पद, प्रशासन अकादमी में 8, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के तीन प्री-मेट्रिक कन्या छात्रावास के लिए 15 पद भी स्वीकृत किये।

 

9 समूह जल प्रदाय योजना को मंजूरी

मंत्री-परिषद् ने मध्यप्रदेश जल निगम मर्यादित द्वारा क्रियान्वित की जाने वाली 9 समूह जल प्रदाय योजना को प्रशासकीय स्वीकृति दी। इन परियोजनाओं से 383 गाँव की लगभग 5 लाख आबादी को लाभ होगा। योजनाओं से ग्रामीण क्षेत्र के प्रत्येक परिवार को नल कनेक्शन द्वारा जल प्रदाय किया जायेगा। प्रत्येक ग्रामवासी को 70 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन पानी दिया जायेगा।

इन योजनाओं में दमहेड़ी समूह जल प्रदाय योजना, किरगी, करनपुरा, धसान, गोरिहार, बरियापुर, बडोनकला, इंदवार तथा सिंघोरा समूह जल प्रदाय योजना शामिल हैं।

 

अन्य महत्वपूर्ण निर्णय

 

मंत्री-परिषद् ने मुख्य तकनीकी परीक्षक (सतर्कता) संगठन में मुख्य अभियंता के पदों पर निर्माण विभाग, अर्द्ध-शासकीय उपक्रमों, मध्यप्रदेश विद्युत मंडल से प्रतिनियुक्ति पर मूलत: मुख्य अभियंता का पद धारण करने वाले अधिकारी ही पदस्थ किये जाये। यदि मुख्य अभियंता की सेवाएँ प्राप्त करना संभव न हो तो अधीक्षण यंत्री के पद पर कम से कम 5 वर्ष की वरिष्ठता वाले अधिकारी की पदस्थापना मुख्य अभियंता के पद के विरुद्ध की जाये।

इस संदर्भ में मंत्री-परिषद् ने निर्माण कार्यों की गुणवत्ता को प्रभावी बनाने के लिए एक कमेटी बनाने का भी निर्णय लिया। कमेटी में मंत्रीगण एवं संबंधित विभाग के प्रमुख सचिव होंगें।

मंत्री-परिषद् ने मध्यप्रदेश लोकायुक्त एवं उप-लोकायुक्त अधिनियम-1981 की धारा-5 में संशोधन का निर्णय लिया। संशोधन के अनुसार लोकायुक्त, उनकी पदावधि समाप्त हो जाने पर भी तब तक पद पर बने रहेंगें जब तक उनका उत्तराधिकारी नियुक्त न कर दिया जाये और वह अपना पदभार ग्रहण न कर ले। किन्तु यह बढ़ी हुई कालावधि किसी भी दशा में एक वर्ष से अधिक नहीं होगी।

मंत्री-परिषद् ने सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग द्वारा संचालित 41 मान्यता प्राप्त संस्था एवं प्रत्येक जिले में स्थापित जिला विकलांग पुनर्वास केन्द्र के 106 शिक्षक/ कर्मियों को बढ़ा हुआ विशेष भत्ता एक अप्रैल 2014 से स्वीकृत करने का निर्णय लिया।

मंत्री-परिषद् ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग के बेकलाग, केरीफारवर्ड पदों के साथ ही नि:शक्तजनों के आरक्षित पदों के लिए विशेष भर्ती अभियान की समय-सीमा को 30 जून 2015 तक बढ़ाने के मुख्यमंत्री के निर्देश का अनुसमर्थन किया।

मंत्री-परिषद् ने 12वीं पंचवर्षीय योजना अवधि में ग्रामीण विद्युतीकरण निगम द्वारा स्वीकृत 1402.22 करोड़ लागत की 34 योजना की स्वीकृति और नियम एवं शर्तों पर सहमति प्रदान की।

मंत्री-परिषद् ने सर्वपल्ली राधाकृष्णन युनिवर्सिटी, भोपाल के संबंध में प्रस्तुत संशोधन विधेयक-2014 के प्रारूप को अनुमति दी।

मंत्री-परिषद् ने संविलियन योजना की तिथि को तीन माह बढ़ाने का निर्णय लिया। यह तिथि 11 अगस्त, 2014 को समाप्त हो गई थी। साथ ही राज्य तिलहन संघ मर्यादित भोपाल के मध्यप्रदेश मंत्रालय में प्रतिनियुक्ति पर तीन कर्मचारी का अनारक्षित वर्ग के रिक्त पदों के विरुद्ध संविलियन करने का निर्णय लिया गया।

मंत्री-परिषद् ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अन्तर्गत तिलहन संघ के प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ 123 पात्र व्यक्ति के संविलियन की स्वीकृति दी।

तिलहन संघ के कर्मचारियों के संविलियन के संबंध में तैयार की गई योजना में निर्धारित मापदंडों के अनुरूप सहकारिता विभाग ने प्रतिनियुक्तिपर कार्यरत तिलहन संघ के 76 उप अंकेक्षक के पदों पर कार्यरत लोगों का संविलियन उन्हीं पदों पर करने की मंत्री-परिषद् ने स्वीकृति दी।

दिनेश मालवीय

 

 

 

 

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