17 road over-bridges sanctioned
No: --- Dated: Apr, 09 2013
17 road over-bridges sanctioned (CABINET DECISION)
A cabinet meeting chaired by Chief Minister Shri Shivraj Singh Chouhan today sanctioned a scheme for construction of 17 road over-bridges (ROBs) and 15 limited height subways (LHSs) under BOT scheme. These works will be completed in three and a half years by Madhya Pradesh Road Development Corporation with the cooperation of private sector.
As many as 14 ROBs will be constructed in Jabalpur Railway Division. These include ROBs on Katni-Vijay Raghogarh-Shahdol main district road bypass in Katni, Kareli-Pipariya-Jabalpu in Narsinghpur district, Katni city state highway, Kareli-Narsinghpur-Chhindwara (state highway) in Narsinghpur district, Narsingpur city (near Sagar-Narsinghpur-Jabalpur railway station) state highway, Jabalpur-Pipariya of Jabalpur (state highway number 22), Katni’s Sleemanabad-Paan-Umariya-Vilayatpura road (state highway), Sagar’s Katni-Damoh (state highway number 14) Sagar’s Sagar-Jhansi (state highway), Sagar’s Sagar Bypass (main district road), Satna’s Satna-Maihar (highway number 11), Singrauli’s Bargawan-Baidhan (main district road) and Singrauli’s Sidhi-Singrauli (National Highway number-75).
Similarly, two other ROBs will be constructed in Kota Railway Division and one in Bhopal Railway Division. Under Kota Railway Division, ROBs will be constructed on Ratlam’s Tal-Alot road (highway number 14 and Ujjain’s Tal-Mahidpur road (district main road) and under Bhopal division on Sagar’s Bina-Kurwari (state highway).
Concession period of the project is proposed to be 18 years including three years of construction period. For the project, model concession agreement developed for state highways by the Union Planning Commission will be used with original concession agreement. Technical provisions will be in accordance with technical provisions of Manual of Standard and Specification released by the Union Road Transport and Highways Ministry. The road will be constructed under Design Built Finance Operate (DBFO) system. Private investors will have to maintain these roads as per prescribed norms throughout the concession period. The roads will be transferred to the State Government on zero cost after completion of concession period. Due to it, the State Government will be free from construction cost and full responsibility of maintenance.
17 रोड ओव्हर ब्रिज को मंजूरी
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज मंत्रि-परिषद् की बैठक में 17 रोड ओव्हर ब्रिज (आरओबी) तथा 15 सीमित ऊँचाई सब-वे (एल.एच.एस.) को बीओटी (टोल) योजना में बनाने की मंजूरी दी गई। मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम के माध्यम से निजी क्षेत्र के सहयोग से यह कार्य तीन से साढ़े तीन वर्ष की अवधि में किया जायेगा। परियोजना की अनुमानित निर्माण लागत 763 करोड़ 81 लाख है।
रेलवे संभाग जबलपुर में 14 आरओबी का निर्माण होगा। इसमें कटनी जिले का कटनी-विजय राघोगढ़-शहडोल मुख्य जिला मार्ग बायपास, नरसिंहपुर जिले का करेली-पिपरिया-जबलपुर (कटनी शहर) राज्य राजमार्ग, नरसिंहपुर जिले का करेली-नरसिंहपुर-छिंदवाड़ा (राज्य राजमार्ग), नरसिंहपुर शहर (सागर-नरसिंहपुर-जबलपुर रेलवे स्टेशन के पास) राज्य राजमार्ग, जबलपुर का जबलपुर-पिपरिया (राज्य राजमार्ग क्रमांक-22), कटनी का सलीमनाबाद-पान-उमरिया-विलायतकाला मार्ग (मुख्य जिला मार्ग), सागर का सागर-कानपुर (राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-86), सागर का सागर-खुरई-बीना (राज्य राजमार्ग), कटनी का कटनी-दमोह (राजमार्ग क्रमांक-14), सागर का सागर-झाँसी (राज्य राजमार्ग), सागर का सागर बायपास (मुख्य जिला मार्ग), सतना का सतना-मैहर (राजमार्ग क्रमांक-11), सिंगरौली का बरगंवा-बैढ़न (मुख्य जिला मार्ग) और सिंगरौली का सीधी-सिंगरौली (राष्ट्रीय राजमार्ग-75) शामिल हैं।
इसी प्रकार रेलवे संभाग कोटा में दो और रेलवे संभाग भोपाल में एक आरओबी का निर्माण किया जायेगा। इसमें कोटा संभाग में रतलाम का ताल-आलोट मार्ग (राजमार्ग क्रमांक-14) और उज्जैन का ताल-महिदपुर मार्ग (मुख्य जिला मार्ग) तथा भोपाल संभाग में सागर का बीना-कुरवाई (राज्य राजमार्ग) का बनाया जाना शामिल है।
परियोजना के लिए कन्सेशन अवधि 18 वर्ष प्रस्तावित है। इसमें 3 वर्ष निर्माण अवधि को भी शामिल किया गया है। परियोजना के लिए भारत सरकार के योजना आयोग द्वारा राज्य राजमार्गों के लिए बनाये गये मॉडल कन्सेशन अनुबंध का उपयोग मूल कन्सेशन अनुबंध के साथ किया जायेगा। तकनीकी प्रावधान भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राज्यमार्ग मंत्रालय द्वारा दो लेन मार्गों के संबंध में जारी मेन्यूअल ऑफ स्टेंडर्ड एण्ड स्पेशिफिकेशन के तकनीकी प्रावधानों के अनुसार अपनाया जायेगा। डिजाइन बिल्ट फायनेंस आपरेट (डी.बी.एफ.ओ.) पद्धति के आधार पर इस मार्ग का निर्माण करवाया जायेगा। निजी निवेशकर्त्ता को पूर्व निर्धारित मापदंडों पर सम्पूर्ण कन्सेशन अवधि में मार्ग का संधारण करना होगा। कन्सेशन अवधि पूरी होने के बाद मार्ग शून्य लागत पर राज्य शासन में वेष्ठित हो जायेंगे। इससे राज्य शासन निर्माण की लागत और संधारण के पूरे दायित्वों से मुक्त होगा। परियोजना पर टोल दर प्रस्तावित की गई हैं, जो थोक मूल्य सूचकांक के आधार पर निकटतम 5 रुपये के पूर्णांक से बढ़ायी जायेंगी।