उत्तराखंड आबकारी (विदेशी मदिरा के प्रीमियम रिटेल वेंड्स शोपिंग माल्स/ डिपार्टमेंटल स्टोर्स के अनुज्ञापनों का व्यवस्थापन) नियमावली, 2013
No: 779 Dated: Dec, 26 2013
उत्तराखण्ड शासन
आबकारी विभाग
अधिसूचना
राज्यपाल, उत्तर प्रदेश साधारण खंड अधिनियम, 1904 (उत्तर प्रदेश अधिनियम संख्या-01, सन् 1904) की धारा 21 सपठित संयुक्त प्रान्त आबकारी अधिनियम, 1910 (संयुक्त प्रान्त अधिनियम संख्या 04 सन 1910) (उत्तराखंड में यथा अनुकूलित एवं उपान्तरित) की धारा 40 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करके निम्नलिखित नियम बनाते हैं :
1.संक्षिप्त नाम और प्रारम्भ :- (1) इस नियमावली का संक्षिप्त नाम “उत्तराखंड आबकारी (विदेशी मदिरा के प्रीमियम रिटेल वैण्डस शॉपिंग मॉल्स/ डिपार्टमेन्टल स्टोर के अनुज्ञापनों का व्यवस्थापन) नियमावली, 2013” है।
(2) यह गजट में प्रकाशित होने के दिनांक से प्रवृत्त होगी।
2. परिभाषाएं :-
(1) मॉल्स:-"शॉपिंग मॉल्स" से पूर्णतः आधुनिक सुविधाओं से पूर्ण इमारत या इमारतों का समूह जो एक दूसरे से जुड़े हों, ग्राहकों की आवाजाही के लिए पर्याप्त स्थान उपलब्ध कराते हों एवं जिनके परिसर में ही पार्किंग के लिये पर्याप्त स्थान हो, के रूप में की जा सकती है, अभिप्रेत है.
(i) "प्रीमियम रिटेल वैण्ड्स शॉपिंग मॉल्स" से परिसर सक्षम प्राधिकारी द्वारा अनुमोदित ऐसे कमर्शियल काम्पलैक्स जिनमें दुकानें एवं फूड कोर्ट सम्मिलित है, जिन्हें सामान्य बोल-चाल की भाषा में शॉपिंग मॉल कहा जाता है, अभिप्रेत है;
(ii) प्रीमियम रिटेल वैण्डस शॉपिंग मॉल्स के लिये कम से कम 400 वर्ग फीट कार्पेट एरिया का परिसर आवश्यक होगा, जो मॉल की सामान्य रुप से निर्मित दुकान में होगा तथा क्योस्क (Kiosk) अथवा अस्थाई ढांचे (Temoprary Structure) में नहीं होगा। किसी मॉल में 15 दुकानों तक दो मदिरा की दुकानें व 15 दुकानों से अधिक होने पर अधिकतम 03 मदिरा की दुकानों को अनुज्ञापन प्रथम आवक प्रथम पावक के सिद्धांत पर दिया जा सकेगा।
(2) डिपार्टमेंटल स्टोर :- “डिपार्टमेंटल स्टोर” से ऐसे स्टोर अभिप्रेत है, एक बड़ी दुकान तथा जिसमें अलग-अलग प्रकार के सामानों/ वस्तुओं की बिक्री की जाती हो. जिन्हें सामान्य बोल-चाल की भाषा में डिपार्टमेंटल स्टोर कहा जाता हो एवं जिनके स्वयं के परिसर में ही पार्किंग की व्यवस्था हो।
(1) प्रीमियम रिटेल वैण्ड्स डिपार्टमेंटल स्टोर के लिये कम से कम 1000 वर्ग फीट कार्पेट एरिया का परिसर आवश्यक होगा, जिसमें एक कार्यालय की व्यवस्था हो ।
(3) अधिनियम :- "अधिनियम" से समय-समय पर संशोधित संयुक्त प्रांत आबकारी अधिनियम, 1910 (उत्तराखंड में यथा अनुकूलित एवं उपान्तरित) अभिप्रेत है;
(4) विदेशी मदिरा :- "विदेशी मदिरा से भारत में आयातित स्प्रिट या मदिरा अथवा भारत में बनाई गई और इस प्रकार परिष्कृत या रंजित स्प्रिट या मदिरा जिससे कि वह सुगंध और रंग में भारत में आयातित मदिरा के सदृश्य मालूम हो, से है और उसमें माल्ट स्प्रिट, व्हिस्की, रम, ब्राण्डी, जिन, वोदका, मदिरा (लिक्यूअर) सम्मिलित है। इससे भारत या विदेश में निर्मित वाईन भी सम्मिलित अभिप्रेत है;
(5) आबकारी वर्ष :- "आबकारी वर्ष से किसी कैलेण्डर वर्ष के 01 अप्रैल से प्रारम्भ होने वाली 12 माह की अवधि अभिप्रेत है;
(6) परिवार :- "परिवार" से दम्पत्ति (पति या पत्नी), पुत्र, अविवाहित पुत्री और आश्रित माता-पिता अभिप्रेत है;
(7) प्रपत्र :- प्रपत्र"" से इस नियमावली के साथ संलग्न प्रपत्र अभिप्रेत है;
(8) लाईसेंस प्राधिकारी :– "लाईसेंस प्राधिकारी" से सम्बन्धित जिले का कलेक्टर अभिप्रेत है;