उत्तराखण्ड जिला योजना समिति अधिनियम, 2007
No: 04 Dated: Jul, 16 2007
उत्तराखण्ड शासन
विधायी एवं संसदीय कार्य विभाग
अधिसूचना
"भारत का संविधान के अनुच्छेद 200 के अधीन महामहिम राज्यपाल ने उत्तराखण्ड विधान सभा द्वारा पारित उत्तराखण्ड जिला योजना समिति विधेयक, 2007 पर दिनांक 13 जुलाई, 2007 को अनुमति प्रदान की और वह उत्तराखण्ड का अधिनियम संख्या 04, सन् 2007 के रूप में सर्वसाधारण की सूचनार्थ इस अधिसूचना द्वारा प्रकाशित किया जाता है।
उत्तराखण्ड जिला योजना समिति अधिनियम, 2007
(उत्तराखण्ड अधिनियम सं0 04, वर्ष 2007)
जिला स्तर पर पंचायतों और नगरपालिकाओं द्वारा तैयार की गयी योजनाओं के समेकन हेतु जिला योजना समिति का गठन करने और संपूर्ण जिले के लिए विकास योजना तैयार करने तथा उससे सम्बन्धित या आनुषांगिक विषयों हेतु अधिनियम |
भारत गणराज्य के अठ्ठावनवें वर्ष में विधान सभा द्वारा निम्नवत अधिनियमित हो:-
1. संक्षिप्त नाम, विस्तार और प्रारम्भ :- (1) इस अधिनियम का संक्षिप्त नाम "उत्तराखण्ड जिला योजना समिति अधिनियम, 2007" है।
(2) यह संपूर्ण उत्तराखण्ड राज्य में लागू होगा।
(3) यह तत्काल प्रवृत्त हुआ समझा जायेगा।
2. परिमाषाएं :- इस अधिनियम में-
(क) "विधान सभा की निर्वाचक नामावली" से राज्य विधान सभा के किसी निर्वाचन क्षेत्र की ऐसी निर्वाचक नामावली अभिप्रेत है जो लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 के उपबन्धों के अनुसार और उसके अधीन तैयार की गई हो;
(ख) "समिति" से धारा 3 के अधीन गठित जिला योजना समिति अभिप्रेत है;
(ग) “जिला स्तरीय अधिकारी" से जिले के ऐसे अधिकारी अभिप्रेत हैं जिसे राज्य सरकार अधिसूचना द्वारा विनिर्दिष्ट करे,
(घ) “ क्षेत्र पंचायत" से "उत्तर प्रदेश क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत अधिनियम, 1961" (उत्तराखण्ड राज्य में यथा प्रवृत्त एवं समय-समय पर यथा संशोधित) की धारा 5 के अधीन स्थापित क्षेत्र पंचायत अभिप्रेत है;
(ङ) “मंत्री" से उत्तराखण्ड सरकार की मंत्रि-परिषद के सदस्य अभिप्रेत हैं और इसके अंतर्गत राज्य मंत्री और उप मंत्री भी सम्मिलित हैं;
(च) “नगर पालिका" से यथास्थिति उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम, 1916 (उत्तराखण्ड राज्य में यथा प्रवृत्त एवं समय-समय पर यथा संशोधित) या उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम, 1959 (उत्तराखण्ड राज्य में यथा प्रवृत्त एवं समय-समय पर यथा संशोधित) के अधीन गठित किसी नगर निगम, किसी नगर पालिका परिषद या किसी नगर पंचायत अभिप्रेत है;
(छ) "जनसंख्या" से ऐसी अंतिम पूर्ववर्ती जनगणना में अभिनिश्चित की गयी जनसंख्या अभिप्रेत है, जिसके सुसंगत आंकड़े प्रकाशित हो गये हों;
(ज) “ग्रामीण क्षेत्र" से नगरीय क्षेत्र से भिन्न कार्य क्षेत्र अभिप्रेत है;
(झ) “नगरीय क्षेत्र" से यथास्थिति किसी नगर निगम, नगर पालिका परिषद या नगर पंचायत के प्रादेशिक क्षेत्र अभिप्रेत है;
(ञ) “जिला पंचायत" से "उत्तर प्रदेश क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत अधिनियम, 1961" (उत्तराखण्ड राज्य में यथा प्रवृत्त एवं समय-समय पर यथा संशोधित) की धारा 17 के अधीन स्थापित कोई जिला पंचायत अभिप्रेत है।
3. जिला योजना समिति का गठन :- (1) प्रत्येक जिले में पंचायतों और नगर पालिकाओं द्वारा तैयार की गयी योजनाओं के समेकन और संपूर्ण जिले के लिए विकास योजना का प्रारूप तैयार करने हेतु एक जिला योजना समिति का गठन किया जायेगा।
(2) समिति विकास योजना का प्रारूप तैयार करने में-
(क) निम्नलिखित का ध्यान रखेगी -
(1) पंचायतों और नगर पालिकाओं के सामान्य हित के विषय, जिनके अंतर्गत स्थानिक योजना, जल और अन्य भौतिक और प्राकृतिक संसाधनों में हिस्सा बटाना, अवसंरचना का एकीकृत विकास और पर्यावरण संरक्षण है,
(2) उपलब्ध वित्तीय या अन्य संसाधनों की मात्रा और प्रकार:
(ख) ऐसी संस्थाओं और संगठनों से परामर्श करेगी जिन्हें राज्यपाल, आदेश द्वारा विनिर्दिष्ट करें।