UTTAR PRADESH SUGAR UNDERTAKINGS (ACQUISITION) (AMENDMENT) ACT, 2009
No: 3 Dated: Feb, 20 2009
UTTAR PRADESH SUGAR UNDERTAKINGS (ACQUISITION) (AMENDMENT) ACT, 2009
उत्तर प्रदेश चीनी उपक्रम (अर्जन) (संशोधन) अधिनियम, 2009
-: अधिनियम :-
चूंकि वर्तमान आर्थिक परिदृश्य में जनहित में ऐसा करना समीचीन है कि उत्तर प्रदेश चीनी निगम लिमिटेड और अनुसूचित उपक्रमों में अपने अंशों को राज्य सरकार परित्याग कर दे और उत्तर प्रदेश चीनी निगम लिमिटेड की चीनी मिलों और इसकी समनुषंगियों का चाहे विक्रय या अंतरण की किसी अन्य रीति से निजीकरण कर दें :-
भारत गणराज्य के साठवें वर्ष में एतदद्वारा निम्नलिखित अधिनियम बनाया जाता है :-
1-(1) यह अधिनियम उत्तर प्रदेश चीनी उपक्रम (अर्जन) (संशोधन) अधिनियम, 2009 कहा जायगा।
(2) यह 29 सितम्बर, 2008 को प्रवृत्त हुआ समझा जाएगा।
2-उत्तर प्रदेश चीनी उपक्रम (अर्जन) अधिनियम, 1971 जिसे आगे मूल अधिनियम कहा गया है, में धारा 3 के पश्चात् निम्नलिखित धारायें बढ़ा दी जायेगी, अर्थात् :-
"3क--इस अधिनियम के किसी अन्य उपबंध में किसी प्रतिकूल बात के होते हुए भी राज्य सरकार, यदि जनहित में ऐसा करना आवश्यक या समीचीन समझे तो अपने सभी या किसी अंश का किसी भी समय परित्याग, विक्रय, अंतरण या अन्यथा पृथक कर सकती है।
3ख--इस अधिनियम के किसी अन्य उपबंध में किसी प्रतिकूल बात के होते हुए भी निगम या इसकी समनुषंगी, जनहित में अपनी किन्हीं आस्तियों और/या दायित्वों या उसके भाग को, जो निगम में निहित हैं, इस अधिनियम के उपबंधों के अनुसार या किसी अन्य रीति से विक्रय या अंतरित कर सकती है।
3ग--तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि में किसी प्रतिकूल बात के होते हुए भी राज्य सरकार के लिए, यदि उसका यह समाधान हो जाता है कि जनहित में ऐसा करना आवश्यक हैं, यह विधिसंगत होगा कि निगम के अनुसूचित उपक्रगों की भूमि के संबंध में या निगम या इसकी समनुषंगी द्वारा अर्जित या स्थापित किसी चीनी मिल की भूमि के संबंध में किसी भी समय भू-उपयोग का परिवर्तन कर दे या भू-उपयोग के परिवर्तन के लिए निर्देश जारी करे।
3घ--निगम और इसकी समनुषंगी के अनुसूचित उपक्रमों या चीनी मिलों के या स्वयं निगम के संबंध में भी किसी भी रूप में अपनियोजन, निजीकरण, विक्रय अंतरण या बन्दी के संबंध में निर्गत शासनादेश संख्या-1215 एससी/ 18-2-07-56/07 टी०सी० दिनांक 04 जून, 2007 तथा समस्त परवर्ती शासनादेश, अधिसूचनाएं या नीतिगत घोषणाएं और की गयी कार्यवाई विधिमान्य मानी जायेगी।
3ड-यदि इस अधिनियम के उपबंधों को प्रभावी बनाने में कोई कठिनाई उत्पन्न होती है तो राज्य सरकार, ऐसी कठिनाई को दूर करने के लिए जैसा आवश्यक या समीचीन समझे, अधिसूचित आदेश द्वारा ऐसे उपबंध कर सकती है जो इस अधिनियम के उपबंधों से असंगत न हों :
परन्तु उत्तर प्रदेश चीनी उपक्रम (अर्जन) (संशोधन) अधिनियम, 2009 के प्रारम्भ के दिनांक से दो वर्ष के पश्चात इस धारा के अधीन कोई आदेश नहीं किया जायगा।"