No: 8 Dated: Mar, 12 2020

UTTAR PRADESH STATE UNIVERSITIES (AMENDMENT) ACT, 2020

उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय (संशोधन) अधिनियम, 2020

-: अधिनियम :-
भारत गणराज्य के इकहत्तरवें वर्ष में निम्नलिखित अधिनियम बनाया जाता है :-
1--यह अधिनियम उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय (संशोधन) अधिनियम, 2020 कहा जाएगा।
2-उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम, 1973, जिसे आगे मूल अधिनियम अधिनियम कहा गया है, में शब्द "ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती उर्दू, अरबी, फारसी विश्वविद्यालय, लखनऊ" जहाँ कहीं अनुसूची सहित आए हों, के स्थान पर शब्द "ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय, लखनऊ" रख दिये जायेंगे।
3--मूल अधिनियम की धारा 5 में, उपधारा (7) के स्थान पर निम्नलिखित उपधारा रख दी जायेगी, अर्थात् :-
"(7) उपधारा (1) में 'अन्तर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी भारतीय और विदेशी भाषाओं की शिक्षा और शोध और उसके ज्ञान की अभिवृद्धि तथा प्रसार के सम्बन्ध में ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय, लखनऊ को प्रदत्त शक्तियां उत्तर प्रदेश राज्य में सर्वत्र प्रयोक्तव्य होंगी।" 
4-मूल अधिनियम की धारा 7-ख निकाल दी जायेगी। 
उद्देश्य और कारण 
उर्दू, अरबी और फारसी भाषाओं में अध्यापन और अनुसंधान के लिए उत्तर प्रदेश स्थित लखनऊ में एक अरबी, फारसी विश्वविद्यालय की स्थापना का उपबन्ध करने के लिए उत्तर प्रदेश अरबी, फारसी विश्वविद्यालय अधिनियम, 2009 (उत्तर प्रदेश अधिनियम संख्या 12 सन् 2009) अधिनियमित किया गया था। कालान्तर में उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय (संशोधन) अधिनियम, 2010 (उत्तर प्रदेश अधिनियम संख्या 11 सन् 2010) अधिनियमित किया गया जिसके द्वारा विश्वविद्यालय का नाम बदलकर उत्तर प्रदेश उर्दू, अरबी, फारसी विश्वविद्यालय, लखनऊ कर दिया गया और उसे राज्य विश्वविद्यालयों में समामेलित कर लिया गया।
तत्पश्चात् उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय (संशोधन) अधिनियम, 2011 (उत्तर प्रदेश अधिनियम संख्या 6 सन् 2011) द्वारा उक्त विश्वविद्यालय का नाम परिवर्तित कर मान्यवर श्री कांशीराम जी उर्दू, अरबी, फारसी विश्वविद्यालय, लखनऊ किया गया था।
तत्पश्चात् उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय (संशोधन) अधिनियम, 2012 (उत्तर प्रदेश अधिनियम संख्या 5 सन् 2013) द्वारा उक्त विश्वविद्यालय का नाम परिवर्तित कर ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती उर्दू, अरबी, फारसी विश्वविद्यालय, लखनऊ किया गया था।