Uttar Pradesh Sri Kashi Vishwanath Temple Act, 1983
No: 29 Dated: Oct, 13 1983
Uttar Pradesh Sri Kashi Vishwanath Temple Act, 1983
उत्तर प्रदेश श्री काशी विश्वनाथ मंदिर अधिनियम, 1983
-: प्रारम्भिक :-
1-- (1) यह अधिनियम उत्तर प्रदेश श्री काशी विश्वनाथ मंदिर अधिनियम 1983 कहा जायेगा।
(2) यह 28 जनवरी, 1983 को प्रवृत्त हुआ समझा जायेगा।
2-- इस अधिनियम के उपबन्ध तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि या प्रथा या रूढ़ि, संविदा, विलेख या प्रलेख, किसी न्यायालय के निर्णय, डिग्री या आदेश या किसी न्यायालय द्वारा निश्चित की गयी किसी स्कीम में किसी बात के होते हुए भी प्रभावी होंगे।
3-- कोई व्यक्ति, जब तक वह हिन्दू धर्मावलम्बी न हो, न्यास परिषद या कार्यपालक समिति के सदस्य या मुख्य कार्यपालक अधिकारी या मंदिर के किसी कर्मचारी के रूप में होने या रहने के लिए पात्र नहीं होगा और जब कोई व्यक्ति हिन्दू न रह जाये तब वह उस पद पर न रह जायेगा और उस रूप में किसी शक्ति का प्रयोग या किसी कृत्य का निर्वहन करना बन्द कर देगा।
4-- इस अधिनियम में, जब तक संदर्भ में अन्यथा अपेक्षित न हो,--
(1) "नियत दिनांक" का तात्पर्य ऐसे दिनांक से है जिसे राज्य सरकार अधिसूचना द्वारा नियत करें;
(2) "अर्चक” का तात्पर्य उस व्यक्ति से है जो मंदिर से किसी पूजा, सेवा, कर्मकाण्ड या अन्य धार्मिक अनुष्ठान का सम्पादन या संचालन करता है और उसमें पुजारी, पंडा पुरोहित या सेवक भी सम्मिलित है;
(3) ''न्यास परिषद्” का तात्पर्य धारा 6 के अधीन गठित न्यास परिषद् से है;
(4) "मुख्य कार्यपालक अधिकारी'' का तात्पर्य धारा (16) के अधीन नियुक्त मुख्य कार्यपालक अधिकारी से है;
(5) "विन्यास'' का तात्पर्य समस्त स्थावर या जंगम सम्पत्ति से है जो मंदिर की हो या उसके अनुपोषण या अनुरक्षण या सुधार के लिए या मंदिर में किसी पूजा, सेवा, कर्मकांड, समारोह या अन्य धार्मिक अनुष्ठान के लिए या उससे संबंधित किसी दान के लिए दी या अर्पित की गई हो और उसमें मंदिर में प्रतिष्ठित देव प्रतिमाएं, मंदिर का परिसर और मंदिर की सीमा के भीतर किसी व्यक्ति को मंदिर या उसमें प्रतिष्ठित देव प्रतिमाओं के लिए दिया गया या देने के लिए आशयित सम्पत्ति का दान भी सम्मिलित है;