Uttar Pradesh Maharishi University of Information Technology Act, 2001
No: 31 Dated: Oct, 06 2001
Uttar Pradesh Maharishi University of Information Technology Act, 2001
उत्तर प्रदेश महर्षि सूचना प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय अधिनियम, 2001
-: अधिनियम :-
भारत गणराज्य के बावनवें वर्ष में निम्नलिखित अधिनियम बनाया जाता है:-
(1) यह अधिनियम उत्तर प्रदेश महर्षि सूचना प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय अधिनियम, 2001 कहा जायेगा।
2-(1) जब तक कि संदर्भ में अन्यथा अपेक्षित न हो, इस अधिनियम में,-
(क) “विद्या परिषद्” का तात्पर्य विश्वविद्यालय के विद्या परिषद् से है;
(ख) “घटक महाविद्यालय” का तात्पर्य विश्वविद्यालय द्वारा अनुरक्षित किसी. महाविद्यालय या संस्था से है।
(ग) "तकनीकी शिक्षा परिषद" का तात्पर्य अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् अधिनियम, 1987 की धारा 3 के अधीन स्थापित अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् से है;
(घ) “दूरस्थ शिक्षा पद्धति” का तात्पर्य संचार के किसी माध्यम से, यथा प्रसारण, दूर-दृष्य प्रसारण पत्राचार पाठ्यक्रम, सेमिनार, सम्पर्क कार्यक्रम या ऐसे किसी दो या अधिक साधनों के संयोजन द्वारा शिक्षा देने की पद्धति से है;
(ङ) “कर्मचारी” का तात्पर्य विश्वविद्यालय द्वारा नियुक्त किसी कर्मचारी से है और इसके अन्तर्गत विश्वविद्यालय या किसी घटक महाविद्यालय के अध्यापक और अन्य कर्मचारिवृन्द भी हैं;
(च) “संकाय” का तात्पर्य विश्वविद्यालय के किसी संकाय से है;
(छ) "छात्र निवास" का तात्पर्य छात्रों के निवास की किसी ऐसी इकाई से है जो विश्वविद्यालय, या किसी घटक महाविद्यालय द्वारा अनुरक्षित हो या मान्यता प्राप्त हो;
(ज) “महर्षि संस्थान” का तात्पर्य महर्षि इन्स्टीट्यूट आफ क्रियेटिव इंटेलिजेंस, ए. 14, मोहन इस्टेट, मथुरा रोड, नई दिल्ली से है जो सोसाइटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1860 के अधीन, रजिस्ट्रार आफ सोसाइटीज, दिल्ली प्रशासन, दिल्ली से रजिस्ट्रीकृत एक सोसाइटी है;
(झ) “नागरिकों के अन्य पिछड़े वर्गों” का तात्पर्य उत्तर प्रदेश लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिये आरक्षण) अधिनियम, 1994 की अनुसूची-एक में विनिर्दिष्ट नागरिकों के पिछड़े वर्गों से है;
(ञ) “विहित” का तात्पर्य परिनियमों द्वारा विहित से है;
(ट) किसी घटक महाविद्यालय के संबंध में "प्राचार्य” का तात्पर्य घटक महाविद्यालय के प्रधान से है और इसके अन्तर्गत जहाँ प्राचार्य न हो वहाँ उपप्राचार्य या प्राचार्य के रूप में कार्य करने के लिये तत्समय नियुक्त किसी अन्य व्यक्त्ति से है;