No: 29 Dated: Dec, 30 1964

Uttar Pradesh Home Guards Act, 1963

उत्तर प्रदेश होमगाडर्स अधिनियम, 1963

-: अधिनियम :-
1- संक्षिप्त शीर्षनाम प्रसार और प्रारम्भः-
(1) यह अधिनियम उत्तर प्रदेश होम-गाडर्स अधिनियम, 1963 कहलायेगा।
(2) इसका प्रसार समस्त उत्तर प्रदेश में होगा।
(3) यह तुरन्त प्रचलित होगा।
2-विषय या प्रसंग में कोई बात प्रतिकूल न होने पर इस अधिनियम में -
(क) जिला कमाण्डेन्ट का तात्पर्य किसी जिले में होम-गाडर्स के समादेशाधिकारी (Officer Commanding) से है;
(ख) होम-गाडर्स के रूप में "कर्तव्य" या "सेवा" के अन्तर्गत इस रूप में प्रशिक्षण लेना भी है;
(ग) असार्वजनिक सेवा के संबंध में "सेवायोजक" का तात्पर्य नियोजक से है, और इसके अन्तर्गत उसका अधिकृत एजेन्ट या प्रबन्धक भी है, और निगम, फर्म या व्यक्तियों के अन्य संघ (association) की दशा में, इस के अन्तर्गत उसका निदेशक, भागीदार, प्रबन्धक, सचिव या अन्य व्यक्ति भी है जो किसी निर्दिष्ट समय में उसके कारोबार के संचालन के लिए प्रभारी हो या उसके प्रति उत्तरदायी हो;
(घ) "अत्यावश्यक सेवाओं" का तात्पर्य मोटर परिवहन, अग्रगामी एवं अभियंत्रण दल (pioneer and engineering corps), अग्निशामक दल (fire brigades), उपचार, प्राथमिक चिकित्सा, जल एवं विद्युत सम्भरण अधिष्ठान का परिचालन और ऐसी अन्य सेवाओं से है जो राज्य सरकार द्वारा सामुदायिक जीवन के लिए अत्यावश्यक विज्ञापित की जायें;
(ड) “होम-गार्ड का तात्पर्य उस व्यक्ति से है जो इस रूप में भर्ती किया गया हो और इसके अन्तर्गत इस अधिनियम के अधीन नियुक्त अधिकारी भी है;
(च) "पुलिस" का वही तात्पर्य होगा जो पुलिस ऐक्ट, 1861 में (ऐक्ट संख्या 5, 1861) शब्द "police" के लिए दिया गया हो;
(छ) "नियत" का तात्पर्य इस अधिनियम के अधीन बनाये गये नियमों द्वारा नियत से है;
(ज) "असार्वजनिक सेवा" का तात्पर्य राज्य के अधीन सेवा से, और भिन्न किसी सेवा से है;