UTTAR PRADESH GOSHALA ADHINIYAM, 1964
No: 10 Dated: Apr, 15 1964
UTTAR PRADESH GOSHALA ADHINIYAM, 1964
उत्तर प्रदेश गोशाला अधिनियम, 1964
-: अधिनियम :-
भारतीय गणतंत्र के पन्द्रहवें वर्ष में निम्नलिखित अधिनियम बनाया जाता है :-
1-- (1) यह अधिनियम उत्तर प्रदेश गोशाला अधिनियम, 1964 कहलायेगा।
(2) इसका प्रसार समस्त उत्तर प्रदेश में होगा।
(3) यह उस दिनांक से प्रचलित होगा, जो राज्य सरकार गजट मे विज्ञप्ति द्वारा नियत करे और उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के लिए विभिन्न दिनांक नियत किये जा सकते है।
2-- विषय या प्रसंग में कोई बात प्रतिकूल न होने पर, इस अधिनियम में ......
(1) "पशु" का तात्पर्य गाय या उसकी सन्तति से है,
(2) "निदेशक'' का तात्पर्य पशुपालन निदेशक, उत्तर प्रदेश से है और इसके अन्तर्गत ऐसे अन्य अधिकारी भी है, जिसे राज्य सरकार इस अधिनियम के अधीन निदेशक के सभी या किन्हीं कृत्यों का सम्पादन करने के लिए नियुक्त करे,
(3) "संघ" का तात्पर्य धारा 3 के अधीन संघटित उत्तर प्रदेश गौशाला संघ से है तथा उक्त संघ के संगठन के पूर्व सोसाइटीज रजिस्ट्रेशन ऐक्ट, 1860 के अधीन निबद्ध (रजिस्टर्ड) यू०पी० स्टेट फेटरेशन आफ गोशालाज और पिंजरापोल्स से है,
(4) “गोशाला'' का तात्पर्य ऐसी धर्मार्थ संस्था से है जो पश रखने, उनका अभिजनन, पालन या भरण-पोषण करने के प्रयोजन के लिए अथवा दुर्बल, बूढे, अशक्त या रोगी पशुओं को भर्ती व प्रस्तुत करने और उनका उपचार करने के प्रयोजन के लिए स्थापित की गयी हो;
(5) "गोशाला की सम्पति" का तात्पर्य ऐसी सम्पत्ति से है, जो गोशाला के उपयोग और लाभ के लिए न्यास में निहित हो या न्यास घृत हो तथा, जिसके अन्तर्गत धारा 11 के अधीन गोशाला को देय कोई धनराशि भी है और उसके अन्तर्गत गोशाला में रखे गए पशु भी हैं;
(6) "नियत" का तात्पर्य इस अधिनियम के अधीन बनाये गये नियमों द्वारा नियत से है;
(7) निबन्धक" का तात्पर्य राज्य सरकार द्वारा नियुक्त गोशालाओं के निबन्धक से है;
(8) "विनियम" का तात्पर्य इस अधिनियम के अधीन बनाये गये विनियमों से है;
(9) "नियम' का तात्पर्य इस अधिनियम के अधीन बनाये गये नियमों से है;
(10) "राज्य सरकार" का तात्पर्य उत्तर प्रदेश सरकार से है; और
(11) गोशाला के सम्बन्ध में "न्यासी" का तात्पर्य किसी व्यक्ति या व्यक्तियों के ऐसे समुदाय से है, भले ही वह किसी भी नाम से जाना जाता हो, जिसमें गोशाला या उसकी सम्पत्ति का प्रबंध निहित हो और इसके अनतर्गत ऐसा व्यक्ति भी जो इस प्रकार उत्तरदायी हो मानो वह न्यासी ही हो।