No: 18 Dated: May, 01 1976

UTTAR PRADESH EDUCATIONAL INSTITUTIONS (TAKING OVER  OF MANAGEMENT) ACT, 1976

उत्तर प्रदेश शिक्षा संस्था (प्रबन्ध हाथ में लेना) अधिनियम, 1976

-: अधिनियम :-

भारत गणराज्य के सत्ताइसवें वर्ष में निम्नलिखित अधिनियम बनाया जाता है :-
1-- (1) यह अधिनियम उत्तर प्रदेश शिक्षा संस्था (प्रबन्ध हाथ में लेना) अधिनियम, 1976 कहा जायगा।
(2) इसका विस्तार सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश में होगा। 
(3) यह 28 फरवरी, 1976 से प्रवृत्त समझा जायगा।
2-- इस अधिनियम में :-
(क) “नियम दिनांक' का तात्पर्य,
(एक) अनुसूची में विनिर्दिष्ट किसी शिक्षा संस्था के सम्बन्ध में, प्रारम्भ में, इस अधिनियम के प्रारम्भ के दिनांक से है;
(दो) किसी ऐसी शिक्षा संस्था के सम्बन्ध में जिसे बाद में धारा 3 की उपधारा (2) के अधीन अधिसूचना द्वारा विनिर्दिष्ट किया जाय, गजट में ऐसी अधिसूचना के प्रकाशन के दिनांक से है; 
(ख) “अनुसूचित संस्था" का तात्पर्य अनुसूची में विनिर्दिष्ट शिक्षा संस्था से है, जो ऐसी संस्था है जिसे प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से, -
(एक) राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ नामक संगठन या उसके सदस्यों या समर्थकों द्वारा, चाहे शिशु शिक्षा प्रबन्ध समिति, उत्तर प्रदेश नामक सोसाइटी के माध्यम से या किसी अन्य सोसाइटी या निकाय के माध्यम से; या
(दो) किसी अन्य संगठन द्वारा जिस पर तत्समय डिफेन्स एन्ड इन्टरनल सिक्यूरिटी आफ इंडिया रूल्स, 1971 का नियम 33 लागू होता है, या उसके सदस्यों या समर्थकों द्वारा, चलाया जा रहा था या भविष्य में पाया जाय कि चलाया जा रहा है।
3-- (1) नियत दिनांक को और से सभी अनुसूचित संस्थाओं का प्रबन्ध उस दिनांक से एक वर्ष की अवधि के लिये राज्य सरकार में निहित होगा:-
परन्तु राज्य सरकार, अधिसूचना द्वारा उपर्युक्त अवधि को एक बार में एक वर्ष या कम समय के लिए बढ़ा सकती है, किन्तु इस प्रकार बढ़ाई गयी कुल अवधि का योग दो वर्ष से अधिक नहीं होगा।
(2) राज्य सरकार, अधिसूचना द्वारा, अनुसूची में कोई अन्य शिक्षा संस्था सम्मिलित कर सकती है जिसके सम्बन्ध में उसका यह समाधान हो जाय कि उसे, प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ द्वारा या किसी अन्य संगठन द्वारा जिस पर उस समय डिफेन्स ऐन्ड इन्टरनल सिक्यूरिटी आफ इंडिया रूल्स, 1971 का नियम 33 लागू होता हो, या उनके सदस्यों या समर्थकों द्वारा चलाया जाता है और गजट में ऐसी अधिसूचना के प्रकाशन पर अनुसूची को तद्नुसार संशोधित समझा जायगा।