No: 16 Dated: Mar, 04 1939

UNITED PROVINCES MELAS ACT, 1938

संयुक्त प्रान्त मेला अधिनियम, 1938

-: अधिनियम :-
1-- (1) यह अधिनियम संयुक्त प्रान्त मेला अधिनियम, 1938 कहलायेगा। 
(2) इसका विस्तार सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश में होगा।
2-- यह धारा तथा धारा 3 तुरन्त प्रचलित होगा। राज्यपाल (उत्तर प्रदेश गजट में विज्ञप्ति प्रकाशित करके यह आदेश दे सकते है कि सम्पूर्ण अधिनियम अथवा कोई भाग (उत्तर प्रदेश में किसी ऐसे क्षेत्र में, जहां ऐसे क्षेत्र में, जहां मेले लगते हों, उस अवधि के लिए प्रवर्तित होंगे, जो ऐसी विज्ञप्ति में निर्दिष्ट की जाय;
3-- यह अधिनियम, एतद्द्वारा, इलाहाबाद के माघ मेले पर लागू किया जाता है।
4-- (1) "मेला" का तात्पर्य किसी धार्मिक मेले अथवा जनता के धार्मिक समारोह से है, जिसमें निम्नलिखित सम्मिलित नहीं है -
(क) स्थानीय बोर्ड के प्राधिकार के अधीन लगने वाला कोई मेला अथवा समारोह;
(ख) किसी दरगाह या पुष्य स्थान के संबंध में लगने वाला कोई मुसलमानी धार्मिक समारोह।
(2) "जिला मजिस्ट्रेट" का तात्पर्य उस जिले के जिला मजिस्ट्रेट से है, जहां मेला लगे या यदि किसी मेले का क्षेत्र एक से अधिक जिले में पड़ता हो तो उस जिला मजिस्ट्रेट से होगा, जिसे राज्य सरकार इस अधिनियम के प्रयोजनों के लिये नियुक्त करे :
परन्तु इलाहाबाद और हरिद्वार में लगने वाले कुम्भ मेला और अर्ध कुम्भ मेला के सम्बन्ध में इस अधिनियम के अधीन जिला मजिस्ट्रेट के अधिकार प्रत्येक ऐसे मेला के प्रभारी अधिकारी में निहित होंगे :
परन्तु यह भी है कि ऐसा प्रभारी अधिकारी इस अधिनियम के अधीन प्रभारी अधिकारी के रूप में उक्त कोई अधिकार या कोई अन्य अधिकार, जो धारा 5 के अधीन अधिकार न हो, ऐसे कुम्भ मेला या अर्ध कुम्भ मेला के लिये राज्य सरकार द्वारा नियुक्त अपर प्रभारी अधिकारी या उप प्रभारी अधिकारी को प्रतिनिहित कर सकता है।
(3) "प्रभारी अधिकारी" का तात्पर्य उस मजिस्ट्रेट या अन्य किसी व्यक्ति से है, राज्य सरकार द्वारा प्रभारी अधिकारी के कर्तव्यों को करने के लिये नियुक्त किया जाय।
(4) "मेला क्षेत्र' का तात्पर्य किसी मेले के उस क्षेत्र से है, जो जिला मजिस्ट्रेट द्वारा निर्धारित किया जाय।
5-- जिला मजिस्ट्रेट, प्रभारी अधिकारी को अपने कर्तव्य पालन में सहायता देने के लिये इन नियमों के अनुसार जो एतदर्थ राज्य सरकार द्वारा बनाये जाय, एक समिति नियुक्त करेगा।