बिहार जमाकर्ताओं के हितों का संरक्षण (वित्तीय स्थापनओं में) अधिनियम, 2002
No: 18 Dated: Sep, 10 2002
(बिहार अधिनियम 18, 2002)
बिहार जमाकर्ताओं के हितों का संरक्षण (वित्तीय स्थापनओं में) अधिनियम, 2002
वित्तीय स्थापनाओं में जमाकर्ताओं के हितों का संरक्षण एवं उससे संबंधित अन्य मामलों के लिए अधिनियम।
भारत गणराज्य के तिरपनवें वर्ष में बिहार राज्य विधान मंडल द्वारा निम्नलिखित रूप में यह अधिनियमित हो यथा : -
1. संक्षिप्त नाम, विस्तार और प्रारम्भ :- (1) यह अधिनियम बिहार जमाकर्ताओं के हितों का संरक्षण (वित्तीय स्थापनाओं में) अधिनियम 2002 कहा जा सकेगा।
(2) इसका विस्तार सम्पूर्ण बिहार राज्या में होगा।
(3) यह तुरंत प्रवृत्त होगा।
2. परिभाषाएँ :- इस अधिनियम में जबतक संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो -
(क) 'सक्षम प्राधिकारी" से अभिप्रेत है धारा-5 के अधीन नियुक्त सक्षम प्राधिकारी,
(ख) "अभिहित न्यायालय" से अभिप्रेत है धारा-6 के अधीन गठित अभिहित न्यायालय,
(ग) "जमा" - विनिर्दिष्ट अवधि के बाद या अन्यथा नकद या वस्तु या विनिर्दिष्ट सेवा के रूप में सूद, बोनस, लाभ या किसी अन्य रूप में किसी फायदा के साथ या फायदा रहित वापसी के इरादे से किसी वित्तीय स्थापना द्वारा धन की प्राप्ति या किसी मूल्यवान वस्तु का प्रतिग्रहण, जमा में शामिल होगा और सदा से शामिल समझा जायेगा किन्तु इसमें निम्नलिखित शामिल नहीं होगा-
(i) भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड अधिनियम 1992 (1992 का 15) के अधीन स्थापित "सेवी द्वारा दिये गए मार्गदर्शक सिद्धांतों एवं बनाए गए विनियमों के अधीन आच्छादित शेयर पूंजी या डिवेंचर, बॉड या किसी अन्य लिखित के रूप में उगाही गयी राशि:
(ii) किसी फर्म के भागीदारों के द्वारा पूँजी के रूप में अभिदत्त राशि:
(iii) अनुसूचित बैंक या सहकारी बैंक या बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (1949 का 10) की धारा-5 के खंड (ग) में यथा परिभाषित किसी अन्य बैंकिंग कम्पनी से प्राप्त राशि निम्नलिखित से प्राप्त कोई राशि -
(क) 'भारतीय औद्योगिक विकास बैंक,
(ख) राज्य वित्तीय निगम,
(ग) भारतीय औद्योगिक विकास बैंक अधिनियम 1964 की धारा-6 क में या उसके अधीन विनिर्दिष्ट किसी वित्तीय संस्था; कारोबार के सामान्य अनुक्रम में |
(v) निम्नलिखित रूप में प्राप्त राशि -
(क) प्रतिभूति जमा,
(ख) व्यवहारी जमा,
(ग) अग्निम धन,
(घ) आदिष्ट माल या सेवा के विरूद्ध दिया गया अग्रिम
(vi) राज्य में तत्समय प्रवृत्त साहूकारी से संबंधित किसी अधिनियमिति के अधीन रजिस्ट्रीकृत किसी व्यक्ति या फर्म या व्यष्टि-संगम, जो नियमित निकाय नहीं है, से प्राप्त कोई राशि; और
(vii) चिट की बाबत अभिदान के रूप में प्राप्त कोई राशि।
स्पष्टीकरण i - "चिट" से वही अभिप्रेत हैं जो चिट फंड अधिनियम 1982 के खंड (ख) की धारा-2 के अधीन नियत किया गया है।
स्पष्टीकरण ii - किसी बिक्रेता द्वारा किसी सम्पत्ति (चल या अचल) की बिक्री पर क्रेता को दिये गये किसी उधार को इस खण्ड के प्रयोजनार्थ जमा नहीं समझा जायेगा।
(घ) “वित्तीय स्थापना" से अभिप्रेत है कोई व्यक्ति जिसमें व्यष्टि-संगम, शामिल है, चाहे वह जिस रूप से कार्य परिचालन करते हो, फर्म या कम्पनी- जो किसी स्कीम या व्यवस्था के तहत् अथवा किसी अन्य प्रकार से जमा का प्रतिग्रहण करता है किन्तु इसमें राज्य सरकार, केन्द्र सरकार अथवा विनियमन अधिनियम 1949 की धारा-5 के खण्ड (ग) के अधीन परिभाषित किसी बैंकिंग कम्पनी द्वारा स्वत्वाधिकृत या नियंत्रित निगम या सहकारी समिति शामिल नहीं है।
(ङ)“सरकार” से अभिप्रेत है बिहार सरकार |
(च) “विहित” से अभिप्रेत है इस अधिनियम के अधीन विहित |