बिहार भूमि विवाद निराकरण (संशोधन) अधिनियम, 2012
No: 15 Dated: Aug, 30 2012
[बिहार अधिनियम 15, 2012]
बिहार भूमि विवाद निराकरण (संशोधन) अधिनियम, 2012
बिहार भूमि विवाद निराकरण अधिनियम, 2009 का संशोधन करने के लिए अधिनियम।
भारत गणराज्य के तिरसठवें वर्ष में बिहार राज्य विधान मंडल द्वारा निम्नलिखित रूप में यह अधिनियमित हो:
1. संक्षिप्त नाम, विस्तार और प्रारम्भ।-(1) यह अधिनियम "बिहार भूमि विवाद निराकरण (संशोधन) अधिनियम, 2012" कहा जा सकेगा।
(2) इसका विस्तार सम्पूर्ण बिहार राज्य में होगा।
(3) यह तुरन्त प्रवृत्त होगा।
2. बिहार भूमि विवाद निराकरण अधिनियम, 2009 की धारा-15 का संशोधन :- (1) धारा-15 के शीर्षक "सक्षम प्राधिकार के द्वारा पारित आदेश का क्रियान्वयन के बाद विद्यमान प्रावधान को उप-धारा-"(1) के रूप में संख्यांकित किया जायेगा।
(2) धारा-15 के विद्यमान प्रावधान के बाद, निम्नलिखित नयी उप-धाराएँ (2), (3), (4), (5), (6) एवं (7) जोड़ी जाएगी :
"(2) अधिनियम की अनुसूची-1 में अन्तर्विष्ट किसी अधिनियम के अधीन किसी बन्दोबस्तीधारी या आवंटी अथवा रैयती भूमि के स्वामी के अनधिकृत एवं अवैध बेदखली की दशा में, सक्षम प्राधिकार इस अधिनियम के अधीन पारित अपने आदेश को, अपने क्षेत्राधिकार के अधीन किसी राजस्व पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति करके तथा सम्बन्धित थाना के थाना प्रभारी को, पर्याप्त पुलिस बल के साथ पुलिस पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति करने हेतु निर्देशित करके, निष्पादित करेगा।
(3) अधिनियम की अनु सूची-1 में अन्तर्विष्ट किसी अधिनियम के अधीन किसी बन्दोबस्तीधारी या आवंटी अथवा रैयती भूमि के स्वामी के बेदखल होने की पर्याप्त संभावना की दशा में सक्षम प्राधिकार एक समुचित आदेश पारित कर सकेगा तथा अपने आदेश को, सम्बन्धित अनुमण्डल पदाधिकारी/कार्यपालक दंडाधिकारी/सम्बन्धित थाना के थाना प्रभारी को दण्ड प्रक्रिया संहिता की सुसंगत धाराओं के अधीन निरोधात्मक कार्रवाई करने का अनुरोध करके, अपने आदेश को निष्पादित करेगा।
(4) भूमि के होल्डिंग के बँटवारा के मामले में, सक्षम पदाधिकारी इस अधिनियम के अधीन पारित अपने आदेश को, विहित प्ररूप में नापी एवं सीमांकन की तिथि एवं समय के बारे में, हिस्सेदारों को पूर्व सूचना के अधीन, अमीन द्वारा भूमि की नापी एवं चिन्हित करवाकर एवं सह-हिस्सेदारों की तख्तबन्दी (सह-हिस्सेदारों के विनिर्दिष्ट हिस्सों का प्रभाजन) तैयार करवा कर निष्पादित करेगा। सक्षम प्राधिकार तख्तबन्दी के विरूद्ध सह-हिस्सेदारों से आपत्ति आमंत्रित करेगा एवं आपत्तियों की सुनवाई के उपरान्त तख्तबन्दी को अन्तिम रूप देगा तथा सह-हिस्सेदारों को उनके तख्त (विर्निदिष्ट हिस्सा) के अनुसार भूमि का दखल देगा। अगर भूमि की नापी या सीमांकन करना अथवा भूमि का दखल देना, बिना बल प्रयोग के सम्भव न हो तो वह अपने क्षेत्राधिकार के अधीन, किसी राजस्व पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति एवं सम्बन्धित थाना प्रभारी को, पर्याप्त पुलिस बल तथा पुलिस पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति करने हेतु, निदेश देगा तथा अपने आदेश को निष्पादित कराएगा।
(5) किसी भूमि के सम्बन्ध में किसी व्यक्ति के अधिकार की घोषणा के मामले में, सक्षम प्राधिकार, इस अधिनियम के अधीन पारित अपने आदेश को, सम्बन्धित राजस्व पदाधिकारियों को अन्य बातों के साथ-साथ चालू खतियान, अभिधारी-खाता-पंजी सहित सम्बन्धित राजस्व अभिलेखों में तथा अपने आदेश के अनुसार खेसरा-पंजी में उस व्यक्ति के अधिकारों को प्रतिबिम्बित करने के लिए, आवश्यक संशोधन करने हेतु निदेश देकर निष्पादित कराएगा।
(6) सीमा विवाद के मामले में, सक्षम प्राधिकार, इस अधिनियम के अधीन पारित अपने आदेश को, एक ही सीमा में पड़नेवाले सभी भू–धारियों को विहित प्ररूप में, नापी एवं सीमांकन की तिथि एवं समय को इंगित करते हुए सूचना द्वारा, अपने आदेश के अनुरूप अमीन द्वारा सम्बन्धित खेसरा या उसके भाग की सीमाओं की नापी एवं सीमांकन करके निष्पादित करेगा, परन्तु यदि बिना बल प्रयोग के यह सम्भव नहीं हो तो वह अपने क्षेत्राधिकार के अधीन एक राजस्व पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति करेगा एवं सम्बन्धित थाना प्रभारी को, पर्याप्त बल के साथ पुलिस पदाधिकारी को प्रतिनियुक्त करने हेतु अपने आदेश को निष्पादित करेगा |
(1) (क) अनधिकृत संरचना के मामले में, सक्षम प्राधिकार, उस अनधिकृत संरचना के लिए उत्तरदायी व्यक्ति को, विहित प्ररूप में नोटिस के माध्यम से उस संरचना को, आदेश प्राप्ति के 30 दिनों के भीतर हटाने के लिए निर्देशित करते हुए अपने आदेश को निष्पादित करेगा।
(ख) अगर कोई व्यक्ति, जिसके विरूद्ध खंड (क) में नोटिस निर्गत किया गया हो, नोटिस की 30 दिनों की अवधि के समाप्त होने के बाद, संरचना को हटाने में व्यतिक्रम करता है तो सक्षम प्राधिकार नोटिस की प्राप्ति के 15 दिनों के भीतर उस संरचना को हटाने, जिसमे असफल होने पर संरचना परिबद्ध की जाएगी या उसके खर्च पर संरचन हटा दिए जाने हेतु निर्देशित करते हुए विहित प्रारूप में द्वितीय नोटिस निर्गत करेगा |
(ग) खंड (ख) के अधीन की नोटिस से 15 दिनों की अवधि समाप्त होने के उपरान्त, संरचना नहीं हटाए जाने के दशा में, सक्षम प्राधिकार जैसा उचित समझे, संरचना को परिबद्ध करेगा अथवा हटा देगा, परन्तु हटाए जाने के मामले में, हटाने का खर्च उस व्यक्ति से वसूल किया जायेगा जिसके विरूद्ध बिहार एवं उड़ीसा लोक माँग वसूली अधिनियम, 1914 के प्रावधानों के अधीन नोटिस निर्गत किया गया हो।"
बिहार-राज्यपाल के आदेश से,
विनोद कुमार सिन्हा,
सरकार के सचिव।