बिहार सहकारी सोसाईटी (संशोधन) अधिनियम 2011
No: 3 Dated: Feb, 10 2012
[बिहार अधिनियम 3, 2012]
बिहार सहकारी सोसाईटी (संशोधन) अधिनियम 2011
बिहार सहकारी सोसाईटी अधिनियम, 1935 में संशोधन के लिए अधिनियम।
प्रस्तावना:- चूंकि राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि इस अधिनियम के अधीन निबंधित सहकारी समितियों के प्रबंध समिति के निर्वाचन का संचालन, बिहार राज्य निर्वाचन प्राधिकार अधिनियम, 2008 के अधीन गठित बिहार राज्य निर्वाचन प्राधिकार द्वारा हो, ताकि इन्हें प्रजातांत्रिक रुप से अधिक सुशासित बनाया जा सके तथा निर्वाचन की प्रक्रिया का संचालन अधिक पारदर्शी हो सके।
और चूंकि, बिहार सहकारी सोसाईटी अधिनियम, 1935 में इस प्रयोजनार्थ कतिपय संशोधन लाना आवश्यक है |
भारत गणराज्य के बासठवें वर्ष में बिहार राज्य विधान-मण्डल द्वारा निम्नलिखित रुप में यह अधिनियमित हो:
1. संक्षिप्त नाम, विस्तार और प्रारम्भ :- (1) यह अधिनियम "बिहार सहकारी सोसाईटी (संशोधन) अधिनियम, 2011" कहा जा सकेगा।
(2) इसका विस्तार सम्पूर्ण बिहार राज्य में होगा।
(3) यह संशोधन बिहार सहकारी सोसाईटी (संशोधन) अधिनियम, 2008 (बिहार अधिनियम 18, 2008) के प्रभाव में आने की तिथि से प्रभावी समझा जायेगा।
2. बिहार सहकारी सोसाईटी अधिनियम, 1935 की धारा-14क (1) का प्रतिस्थापन:- उक्त अधिनियम की धारा-14क की उप-धारा (1) निम्नलिखित द्वारा प्रतिस्थापित की जायेगी:
"(1) इस अधिनियम तथा उसके अधीन बनी नियमावली तथा निबन्धित समिति की उप-विधि के किसी प्रावधानों में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुये भी, इस अधिनियम के अधीन निबन्धित समिति के प्रबंध समिति के निर्वाचन का संचालन, बिहार राज्य निर्वाचन प्राधिकार अधिनियम, 2008 के अधीन गठित बिहार राज्य निर्वाचन प्राधिकार द्वारा, बिहार राज्य निर्वाचन प्राधिकार अधिनियम, 2008 तथा उसके अधीन बनी नियमावली सपठित बिहार सहकारी सोसाईटी अधिनियम, 1935 तथा उसके अधीन बनी नियमावली के अधीन निर्वाचन के संचालन के लिए विहित रीति से किया जायगा :
परन्तु विद्यमान प्रावधानों के अधीन सक्षम प्राधिकार द्वारा संचालित निबंधित सहकारी सोसाईटी के सभी पूर्व निर्वाचन सुरक्षित रहेंगे :
परन्तु, और कि, सहकारी समितियों के प्रबंध समिति का निर्वाचन सम्पन्न कराने संबंधी कोई कार्रवाई, आदेश, निर्णय इस संशोधन के अधीन किया गया समझा जायेगा तथा वैसा सम्पन्न कोई निर्वाचन किसी न्यायालय के निर्णय, आदेश अथवा डीक्री के होते हुये भी, विधिमान्य समझा जायेगा।"
3. बिहार सहकारी सोसाईटी अधिनियम, 1935 की धारा-14क (2) का प्रतिस्थापन :- उक्त अधिनियम की धारा-14क की उप-धारा (2) निम्नलिखित द्वारा प्रतिस्थापित की जायेगी:
"(2] इस अधिनियम तथा उसके अधीन बनी नियमावली तथा निबंधित समिति की उप-विधि के किसी प्रावधान में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुये भी, इस अधिनियम के अधीन निबन्धित सहकारी समितियों के प्रबंध समिति का निर्वाचन, इस धारा के प्रावधान के अधीन सम्पन्न होगा यदि निर्वाचन की प्रक्रिया प्रारम्भ हो चुकी हो परन्तु निर्वाचन का परिणाम घोषित नही हुआ हो।"
4. बिहार सहकारी सोसाईटी अधिनियम, 1935 की धारा-14क (3) का प्रतिस्थापन :- उक्त अधिनियम की धारा-14क की उप-धारा (3) निम्नलिखित द्वारा प्रतिस्थापित की जायेगी:
"(3) इस अधिनियम तथा उसके अधीन बनी नियमावली तथा निबंधित समिति की उपविधि के किसी प्रावधान में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुये भी, इस अधिनियम के अधीन निबन्धित सहकारी समितियों के प्रबंध समिति का निर्वाचन, इस अधिनियम की धारा-14 की उप-धारा (9) में यथा विहित प्रबंध समिति की कालावधि की समाप्ति के पूर्व अथवा इस अधिनियम के प्रावधानों के अधीन पारित प्रबंध समिति के अधिक्रमण आदेश की तिथि से नौ माह के भीतर संपन्न होगा:
परन्तु इस संशोधन की अधिसूचना की तिथि को प्रबंध समिति के अधिक्रमण के मामले में, प्रबंध समिति का निर्वाचन नौ माह के भीतर होगा।
5. बिहार सहकारी सोसाईटी अधिनियम, 1935 की धारा-14क (4) का विलोपन :- उक्त अधिनियम की धारा-14क की उप-धारा (4) एतद् द्वारा विलोपित की जाती है।
6. बिहार सहकारी सोसाईटी अधिनियम, 1935 की धारा-14क (5) का विलोपन :- उक्त अधिनियम की धारा-14क की उप-धारा (5) एतद् द्वारा विलोपित की जाती है।
बिहार राज्यपाल के आदेश से,
ओम प्रकाश सिन्हा,
सरकार के संयुक्त सचिव ।