बिहार अपार्टमेन्ट स्वामित्व (संशोधन) अधिनियम, 2011
No: 1 Dated: Jan, 09 2012
[बिहार अधिनियम 1, 2012]
बिहार अपार्टमेन्ट स्वामित्व (संशोधन) अधिनियम, 2011
बिहार अपार्टमेन्ट स्वामित्व अधिनियम, 2006 (बिहार अधिनियम, 28, 2006) का संशोधन करने के लिये अधिनियम।
भारत गणराज्य के बासठवें वर्ष में बिहार राज्य विधान मंडल द्वारा निम्नलिखित रूप में यह अधिनियमित हो: -
1. संक्षिप्त नाम, विस्तार और प्रारम्भ :- (1) यह अधिनियम "बिहार अपार्टमेंट स्वामित्व (संशोधन) अधिनियम, 2011" कहा जा सकेगा।
(2) इसका विस्तार सम्पूर्ण बिहार राज्य में होगा।
(3) यह तुरंत प्रवृत्त होगा।
2. बिहार अधिनियम 28, 2006 की धारा-3 का संशोधन:- उक्त अधिनियम की धारा-3 में निम्नलिखित संशोधन किये जायेंगे:-(1) धारा 3 की कंडिका (भ) के पश्चात् निम्नलिखित नयी उप-धारा (म) एवं (य) क्रमशः जोड़ी जायेंगी:
"(म) "पूर्णता प्रमाण-पत्र" से अभिप्रेत है, वह प्रमाण-पत्र जो विहित प्रपत्र में विकासकर्ता/प्रर्वत्तक/निर्माता के द्वारा सक्षम पदाधिकारी को इस सूचना के साथ दिया जायेगा कि उसने अपार्टमेंट का निर्माण स्वीकृत नक्शा तथा निर्माण से संबंधित सभी विधियों एवं नियमों का पालन करते हुये कर लिया है और उन्हें अधिभोग की अनुमति दे दी जाए।"
" (य) "अधिभोग अनुमति" से अभिप्रेत लिखित रूप में दी गयी उस अनुमति से है जिसके द्वारा सक्षम पदाधिकारी, पूर्णता प्रमाण-पत्र प्राप्त होने पर, अपार्टमेंट के निरीक्षण के पश्चात् इस बात से संतुष्ट होते हुये कि अपार्टमेंट के निर्माण में उससे संबंधित सभी शर्तों का अनुपालन किया गया है, किसी अपार्टमेंट या उसके एक हिस्से के उपयोग की अनुमति देता हो।"
(2) धारा-3 की उप-धारा (ण) निम्नलिखित द्वारा प्रतिस्थापित की जायेगी:-
"(ण) "स्थानीय प्राधिकार" से अभिप्रेत है समय-समय पर संशोधित बिहार नगरपालिका अधिनियम, 2007 और जिसमें नगर निगम, नगर परिषद, नगर पंचायत और कोई विकास और योजना प्राधिकार जिसे किसी विधि द्वारा स्थापित किया गया हो।"
(3) धारा-3 के खंड (झ) (i) में प्रयुक्त शब्द "सेटबैक एरिया सहित" को 'भूमि और भवन' शब्द के बाद शामिल किया जायेगा।
3. बिहार अधिनियम 28, 2006 की धारा-6 का संशोधन:- उक्त अधिनियम की धारा-6 में निम्नलिखित संशोधन किया जायेगा, यथा-
(1) धारा-6 में, शब्द 'उप विधियों' के पश्चात् शब्द 'सार्वजनिक व्यय, सार्वजनिक आय, सेवा शुल्क में हिस्सेदारी से संबंधित अपार्टमेंट के स्वामियों की संस्था के निर्णयों' जोड़े जायेंगे।
(2) उक्त अधिनियम की धारा-6 को धारा-6 (1) के रूप में पुनसंख्यांकित किया जायेगा। (3) धारा-6 (1) के बाद निम्नलिखित उप-धाराएँ क्रमशः (2), (3) एवं (4) जोड़ी जायेंगी, यथा
"(2) अगर अपार्टमेंट स्वामियों की संस्था की ओर से प्रबंधक या बोर्ड, उचित मामलों में, व्यथित अपार्टमेंट स्वामी हर्जाना के लिये देय राशि लेने या आगमन सहायता प्राप्त करने या दोनों में असमर्थ हो जाता है तो अपार्टमेंट स्वामियों की संस्था की ओर से प्रबंधक या बोर्ड की ओर से सक्षम पदाधिकारी को आवेदन-पत्र देगा जो इस नियमावली में निर्धारित तरीका से हर्जाना के लिये देय राशि की वसूली करायेगा।
"(3) अपार्टमेंट स्वामियों की संस्था की ओर से या प्रबंधक या बोर्ड सक्षम पदाधिकारी को वैसे अपार्टमेंट स्वामी जो 6 (छह) माह से अधिक समय से प्रबंधक या बोर्ड के प्रयत्नों के बावजूद सार्वजनिक व्यय और सेवा शुल्क में हिस्सेदारी देना अस्वीकार करते हैं से सार्वजनिक व्यय और सेवा शुल्क को जमा कराने के लिये आवेदन-पत्र देगा जो इस नियमावली में निर्धारित तरीका से वैसे अपार्टमेंट स्वामी से देय राशि की वसूली करायेगा।
"(4) क्षतिपूर्ति हेतु बकाया या आगमन सहायता या दोनों और सार्वजनिक व्यय और सेवा शुल्क में हिस्सेदारी की बकाया राशि को अपार्टमेंट स्वामियों पर सम्पत्ति कर का बकाया माना जायेगा और उसी प्रकार से वसूल की जायेगी।"