No: 18 Dated: Aug, 14 2013

[बिहार अधिनियम 18, 2013]

पटना विश्वविद्यालय (संशोधन) अधिनियम, 2013 

पटना विश्वविद्यालय अधिनियम, 1976 (बिहार अधिनियम 24, 1976) का संशोधन करने के लिए अधिनियम।

प्रस्तावना:- चूँकि, बिहार राज्य के विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में शिक्षकों के पद नियुक्ति की समस्त व्यवस्थाओं को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप बनाया जाना राज्य के शिक्षण हित में अत्यंत ही आवश्यक है, 

      और, चूँकि, पटना विश्वविद्यालय अधिनियम, 1976 में शिक्षकों की नियुक्ति से संबंधित प्रावधानों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा निर्गत विभिन्न विनियमों में अंकित प्रावधानों के अनुरूप राज्य के विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के पद पर नियुक्ति किया जाना अनिवार्य है। 

    अतः विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा निर्गत रेगुलेशनों के अनुरूप अधिनियम में संशोधन किया जाना आवश्यक है। 

     भारत गणराज्य के चौसठवें वर्ष में बिहार राज्य विधान-मंडल द्वारा निम्नलिखित रूप में यह अधिनियमित हो: 

1. संक्षिप्त नाम एवं प्रारंभ ।-(1) यह अधिनियम "पटना विश्वविद्यालय (संशोधन) अधिनियम, 2013" कहा जा सकेगा। 

       (2) यह तुरंत प्रवृत्त होगा।

2. बिहार अधिनियम 24, 1976 की धारा-2 का संशोधन ।- पटना विश्वविद्यालय अधिनियम, 1976 (बिहार अधिनियम 24, 1976) (इसमें आगे उक्त अधिनियम के रूप में निर्दिष्ट) की धारा-2 के खंड-(य) को निम्नलिखित द्वारा प्रतिस्थापित किया जायगाः

"(य) “आयोग" से अभिप्रेत है बिहार लोक सेवा आयोग ।" बिहार अधिनियम 24, 1976 की धारा-56 का संशोधन ।- उक्त अधिनियम की धारा-56 में निम्नलिखित संशोधन किए जायेंगे, यथा :

(क) विद्यमान खण्ड (i) के पहले शीर्षक सहित नई उप-धारा (1) अन्त:स्थापित की जायगी, यथाः

"56. विश्वविद्यालय तथा उसके अधीनस्थ अंगीभूत महाविद्यालयों में शिक्षकों के पदों पर नियुक्ति । (1)(i) इस अधिनियम और परिनियमों में निहित प्रावधानों के अधीन रहते हुए आयोग विश्वविद्यालय के शिक्षकों के स्वीकृत पदों पर नियुक्ति के संबंध में यथासंभव उन्हीं कृत्यों का पालन करेगा, जो उसे राज्य सेवाओं के संबंध में भारत के संविधान के अनुच्छेद 320 द्वारा सुपुर्द  किये गये है।

(ii) राज्य सरकार की अनुशंसा पर आयोग विश्वविद्यालय एवं उसके अधीनस्थ अंगीभूत महाविद्यालयों में शिक्षक (सहायक प्राचार्य) के पदों पर नियुक्ति हेतु पात्रता परीक्षा का आयोजन कर सकेगा, जिसे राज्य पात्रता परीक्षा (स्टेट इलिजिविलिटी टेस्ट) कहा जा सकेगा। इस निमित आयोग केवल वैसे अभ्यर्थियों से विषयवार आवेदन आमंत्रित करेगा, जिन्हें यू०जी०सी० के विनियम 2010 में अथवा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा समय-समय पर विहित अर्हतायें प्राप्त हो; 

         परन्तु आयोग ऐसी परीक्षा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा बनाई गई विनियम के अनुरूप राज्य सरकार द्वारा निर्गत आदेश के अध्यधीन संचालित करेगी।

(iii) आयोग प्रतिवर्ष विश्वविद्यालय एवं उसके अधीनस्थ अंगीभूत महाविद्यालयों में शिक्षक (सहायक प्राचार्य) के पदों पर नियुक्ति हेतु केवल वैसे अभ्यर्थियों से विषयवार आवेदन आमंत्रित करेगा, जो विश्वविद्यालय अनुदान आयोग/कौसिंल फौर साइन्टिफिक एण्ड इंडस्ट्रीयल रिसर्च द्वारा आयोजित राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा/राज्य पात्रता परीक्षा में उत्तीर्णता प्राप्त कर लिये हों एवं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग विनियम 2010 द्वारा निर्धारित न्यूनतम अर्हतायें अथवा समय-समय पर विहित अर्हताएं प्राप्त हो; 

परन्तु ऐसे अभ्यर्थी जिन्होंने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा एमफिल/पी.एच0डी0 उपाधि के लिए गठित न्यूनतम मानक एवं प्रक्रिया विनियम 2009 के आधार पर पी.एचण्डी० डिग्री प्राप्त कर लिया है, को राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा से उत्तीर्णता प्राप्त करने की छूट होगी |

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