No: 13 Dated: Aug, 13 2013

[बिहार अधिनियम 12, 2013]

नालन्दा खुला विश्वविद्यालय (संशोधन) अधिनियम, 2013 

नालन्दा खुला विश्वविद्यालय अधिनियम, 1995 (बिहार अधिनियम 11, 1995) का संशोधन करने के लिए अधिनियम। 

प्रस्तावना -चूँकि, राज्य के शैक्षणिक हित में राज्य में कुलपति एवं प्रति-कुलपति के पद पर नियुक्ति विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा विहित समस्त मानक प्रावधानों के अनुकूल; और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा निर्गत विभिन्न विनियमों में निर्धारित प्रावधानों के अनुरूप बनाया जाना अत्यन्त आवश्यक है, 

     और, चूँकि, कुलपति और प्रतिकुलपति की नियुक्ति के मामले में पारदर्शिता और सामंजस्य का होना आवश्यक है, 

     और, चूँकि, पूर्व में कुलपति और प्रतिकुलपति की नियुक्ति बिना राज्य सरकार के साथ प्रभावी परामर्श के किया गया है, 

     और, चूँकि, विभिन्न अधिसूचनाओं के द्वारा नियुक्त कुलपति और प्रतिकुलपति के कामकाज पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रोक लगा दी गयी है, 

     और, चूँकि, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के विनियम 2010 तथा यथा अद्यतन संशोधित विनियम 2013 में कुलपति का चयन सर्च कमिटी के माध्यम से किये जाने का उल्लेख किया गया है, 

     और, चूँकि, नियमित कुलपति और प्रतिकुलपति की नियुक्ति विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सन्नियम और न्यूनतम मानकों में उत्कृष्टता प्रदान करते हुए शीघ्रातिशीघ्र किया जाना उच्च शिक्षा के हित में समीचीन प्रतीत हो रहा है। 

भारत गणराज्य के चौसठवें वर्ष में बिहार राज्य विधान-मंडल द्वारा निम्नलिखित रूप में यह अधिनियमित हो। 

1. संक्षिप्त नाम, विस्तार और प्रारम्भ ।- (1) यह अधिनियम "नालन्दा खुला विश्वविद्यालय (संशोधन) अधिनियम, 2013" कहा जा सकेगा। 

(2) इसका विस्तार सम्पूर्ण बिहार राज्य में होगा । 

(3) यह तुरन्त प्रवृत्त होगा।

2. बिहार अधिनियम 11, 1995 की धारा-11 का संशोधन।-नालन्दा खुला विश्वविद्यालय अधिनियम 1995 (बिहार अधिनियम-11, 1995) की धारा-11 की उप-धारा-(1) निम्नलिखित द्वारा प्रतिस्थापित किया जायगा यथा : 

    “(1) (i) सर्वोच्च दक्षता, सत्यनिष्ठा, नैतिकता एवं संस्थागत प्रतिबद्धता के सर्वोच्च व्यक्तियों को ही कुलपति के रूप में नियुक्ति किया जाएगा। कुलपति पद पर नियुक्ति किये जाने वाले व्यक्ति विख्यात शिक्षाविद, होने चाहिए, जिनके पास किसी भी विश्वविद्यालयी प्रणाली में प्रोफेसर के रूप में न्यूनतम 10 वर्ष का अनुभव हो अथवा किसी भी प्रतिष्ठित शोध एवं/ अथवा अकादमिक प्रशासनिक संस्था में समकक्ष पद पर दस वर्ष का अनुभव हो ।

    (ii) कुलपति का चयन 3-5 प्रख्यात सदस्यों की नामसूची द्वारा किया जाएगा, जिसे एक सर्च-समिति द्वारा एक सार्वजनिक सूचना या नामांकन या एक टेलेंट सर्च प्रक्रिया या इन दोनों विधियों की प्रक्रिया के जरिये चिन्हित किया जाएगा । उपर्युक्त सर्च समिति के सदस्य, उच्च शिक्षा क्षेत्र के अत्यंत प्रतिष्ठित व्यक्ति होंगे तथा वे किसी भी रूप में संबद्ध विश्वविद्यालय से या उसके महाविद्यालयों से संबद्ध नहीं होंगे । सर्च समिति द्वारा अकादमिक उत्कृष्टता को उचित महत्व देते हुए देश-विदेशों में उच्च शिक्षा संबंधी अध्यापन कार्य की योग्यता तथा अकादमिक या प्रशासनिक शासन में पर्याप्त अनुभव को उचित महत्व दिया जाएगा तथा इसे लिखित रूप में पैनल सदस्यों की सूची के साथ कुलाधिपति को प्रस्तुत किया जाएगा ।

    (iii) सर्च कमिटी का गठन निम्नलिखित रूप में होगा : 

      (क) कुलाधिपति द्वारा नामित एक सदस्य, जो शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त एक प्रख्यात विद्वान या पद्म पुरस्कार से विभूषित शिक्षाविद होगा जो इसका पदेन अध्यक्ष होगा।

      (ख) कुलाधिपति द्वारा सदस्य के रुप में नामित राष्ट्रीय ख्याति के संस्थान या राष्ट्रीय स्तर के संगठन यथा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भारतीय विज्ञान संस्थान, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय या राष्ट्रीय अनुसंधान प्रयोगशाला के निदेशक या प्रमुख या वैधानिक विश्वविद्यालय के कुलपति। राज्य सरकार के द्वारा एक विख्यात विद्यानुरागी को जिन्हें राज्य के उच्च शिक्षा की शैक्षणिक संरचना तथा उसकी समस्याओं की पूर्ण जानकारी हो, को सदस्य के रूप में नामित किया जायगा ।

3. बिहार अधिनियम 11, 1995 की धारा-13 क का संशोधन।- नालन्दा खुला विश्वविद्यालय अधिनियम 1995 (बिहार अधिनियम 11, 1995) की धारा-13 क की उप-धारा-(1) निम्नलिखित द्वारा प्रतिस्थापित किया जाएगा यथा : 

    "(1) कुलपति की नियुक्ति के लिए यथा विहित रीति से ही, राज्य सरकार के परामर्श से कुलाधिपति द्वारा प्रतिकुलपति नियुक्त किया जायगा।" 

बिहार-राज्यपाल के आदेश से, 
उज्जवल कुमार दुबे,    
सरकार के संयुक्त सचिव  

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