Municipal Corporation (Transfer of Immovable Property) Rules 2016
No: --- Dated: Feb, 24 2016
Municipal Corporation (Transfer of Immovable Property) Rules 2016
(संशोधन) नगरपालिक निगम (अचल सम्पत्ति का अंतरण) नियम 2016
नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग मंत्रालय , वल्लभ भवन , भोपाल
दिनांक 24 फरवरी 2 016
अधि. क्र. 4-एफ-1-1-2016 - अठारह- 3.- मध्यप्रदेश नगरपालिक निगम अधिनियम 1956 (क्रमांक 23 सन् 1956) की धारा 80 के साथ पठित धारा 433 तथा मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम, 1961 (क्रमांक 37 सन् 1961) की धारा 109 के साथ पठित धारा 355 द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए, राज्य सरकार एतद्द्वारा, निम्नलिखित नियम बनाती है, अर्थात् : -
नियम
1. संक्षिप्त नाम तथा प्रारंभ . - (1) इन नियमों का संक्षिप्त नाम मध्यप्रदेश नगरपालिका (अचल संपत्ति का अंतरण) नियम 2016 है.
(2) ये नियम मध्यप्रदेश राजपत्र में इनके प्रकाशन की तारीख से प्रवृत्त होंगे.
(3) ये नियम समस्त नगरपालिक निगमों नगरपालिका परिषदों तथा नगर परिषदों को लागू होंगे.
2. परिभाषाएं . - (1) इन नियमों में जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो -
(क) ''अधिनियम'' से अभिप्रेत है मध्यप्रदेश नगरपालिक निगम अधिनियम 1956 (क्रमांक 23 सन् 1956) एवं मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम 1961 (क्रमांक 37 सन् 1961);
(ख) ''मुख्य कार्यपालक अधिकारी'' से अभिप्रेत है नगरपालिक निगम की स्थिति में आयुक्त तथा नगरपालिका परिषद् व नगर परिषद् की स्थिति में मुख्य नगरपालिका अधिकारी:
(ग) ''सक्षम प्राधिकारी'' से अभिप्रेत है कि इन नियमों के नियम 5 के खण्ड (एक) के अन्तर्गत अचल सम्पत्ति के अंतरण की स्वीकृति देने के लिये विहित प्राधिकारी;
(घ) ''संपरिवर्तन'' से अभिप्रेत है यथा उल्लिखित भूमियों के सम्बन्ध में फ्री-होल्ड अधिकार का दिया जाना;
(ङ) ''परिषद्'' से अभिप्रेत है मध्यप्रदेश नगरपालिक निगम अधिनियम 1956 (क्रमांक 23 सन् 1956) के अधीन गठित नगरपालिक निगम कोई तथा मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम 1961 (क्रमांक 37 सन् 1961) के अधीन गठित कोई नगरपालिका परिषद् या नगर परिषद्;
(च) ''प्रारूप'' से अभिभप्रेत है इन नियमों के संलग्न प्रारूप;
(छ) ''दान'' से अभिप्रेत है किसी वर्तमान जंगम या स्थावर सम्पत्ति का वह अंतरण जो एक व्यक्ति द्वारा जो दाता कहलाता है दूसरे व्यक्ति को जो आदाता कहलाता है स्वेच्छया और प्रतिफल के बिना किया गया हो और आदाता द्वारा या की ओर से प्रतिग्रहीत किया गया हो;
(ज) 'अचल संपत्ति’ से अभिप्रेत है, स्थानीय नगरीय निकाय के स्वामित्व का भवन, भूमि दुकान, छत, चबूतरा, बरामदा, सीढ़ियाँ आदि परन्तु उसके अन्तर्गत खड़ा काष्ठ, उगती फसलें या घास सम्मिलित नहीं है
(झ) 'भूमि’ में सम्मिलित है, भूमि से उत्पन्न होने वाले लाभ, मकान और भूमि से बद्ध या भूमि से बद्ध किसी वस्तु से स्थायी रूप से बंधी हुई वस्तुएं तथा ऐसी भूमि भी सम्मिलित है जिस पर निर्माण किया जा रहा हो या निर्माण किया गया हो या जो जल से ढकी हुई हो;
(ञ) ''पट्टा” से अचल सम्पत्ति का उपभोग करने के अधिकार का ऐसा अन्तरण अभिप्रेत है जो एक अभिव्यक्त या विवक्षित समय के लिए या शाश्वत काल के लिए, किसी कीमत के, जो दी गई हो या जिसे देने का वचन दिया गया हो, अथवा धन या फसलों के अंश या सेवा या किसी अन्य मूल्यवान वस्तु के जो कालावधीय रुप से या विनिर्दिष्ट अवसरों पर अन्तरिती द्वारा, जो उस अंतरण को ऐसे निबंधनों पर प्रतिग्रहीत करता है, अन्तरक को की या दी जानी है. प्रतिफल के रुप में किया गया हो;
(ट) ''बाजार मूल्य' से अभिप्रेत है, भारतीय स्टाम्प अधिनियम, 1899 (1899 का 2) के अधीन बनाये गये मध्यप्रदेश बाजार मूल्य मार्गदर्शक सिद्धांतों का बनाया जाना तथा उनका पुनरीक्षण नियम, 2000 के अधीन कलेक्टर, द्वारा जारी दिशा निर्देश के अनुसार निर्धारित भूमि / भवन का मूल्य;
(ठ) ''प्रीमियम” से अभिप्रेत है, ऐसी राशि जो आवंटिती द्वारा आवंटन के समय भू-भाटक को छोड़कर नियत की गई हो;
(ड) “आरक्षित मूल्य” से अभिप्रेत है, सम्पति के अंतरण के प्रयोजन हेतु स्थानीय नगरीय निकाय के मुख्य कार्यपालक अधिकारी द्वारा निर्धारित किया गया मूल्य;
(ढ) “विक्रय” से अभिप्रेत है, ऐसी कीमत के बदले में स्वामित्व का अंतरण जो दी जा चुकी हो या जिसके देने का वचन दिया गया हो या जो अंशत: दी जा चुकी हो या जिसके अंशत: दिए जाने का वचन दिया जा चुका हो;
(ण) “प्रतिभूति” से अभिप्रेत है, निधियों का ऐसी शर्तो के अधीन, जो कि अवधारित की जाएं, निक्षिप्त किया जाना ;
(त) “धारा” से अभिप्रेत है अधिनियम की धारा;
(थ) “संपत्ति का अंतरण” से अभिप्रेत है, स्थानीय नगरीय निकाय द्वारा किसी निश्चित समयावधि के लिये एक या अनेक व्यक्तियों को यथा निर्धारित किन्हीं शर्तो के अधीन प्रीमियम एवं भू-भाटक अथवा संपरिवर्तन फ्री-होल पर अचल सम्पत्ति के उपयोग के अधिकार का दिया जाना;
(द) “स्थानीय नगरीय निकाय” से अभिप्रेत है, यथास्थिति, मध्यप्रदेश नगरपालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा-7 के अधीन गठित कोई नगरपालिक निगम या मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम, 1961 की धारा-5 के अधीन गठित कोई नगरपालिका परिषद या नगर परिषद;
(2) उन शब्दों तथा के, जो इन नियमों में प्रयुक्त हुए हैं किन्तु परिभाषित नहीं किए गए हैं, वे अर्थ होंगे जो अधिनियम में उन्हें दिए गए है ।