No: --- Dated: Dec, 17 2004

संशोधन - 

(संशोधन) जैव विविधता नियम 2004

मध्यप्रदेश जैव विविधता नियम, 2004

क्र. एफ. 1-2-2003-सत्तावन- जैव विविधता अधिनियम, 2002 (2003 का 18) की धारा 63 की उपधारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुये, राज्य सरकार, एतद द्वारा, निम्नलिखित नियम बनाती है, अर्थात :-

1. संक्षिप्त नाम तथा प्रारंभ - (1) इन नियमों का संक्षिप्त नाम मध्यप्रदेश जैव विविधता नियम, 2004 हैं |

2. परिभाषायें - इन नियमों में, जब तक संदर्भ में अन्यथा अपेक्षिप न हो -

(क) ''अधिनियम'' से अभिप्रेत है, जैव विविधता अधिनियम, 2002(2003 का 18);

(ख) ''प्राधिकरण'' से अभिप्रेत है, अधिनियम की धारा 8 की उपधारा (1) के अधीन स्थापित राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण;

(ग) ''बोर्ड'' से अभिप्रेत है अधिनियम की धारा 22 के अधीन स्थापित मध्य प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड;

(घ) ''समिति'' से अभिप्रेत है अधिनियम की धारा 41 के अधीन स्थापित निकायों द्वारा स्थापित जैव विविधता प्रबंधन समिति;

(ड) ''अध्यक्ष'' से अभिप्रेत है, राज्य जैव विविधता बोर्ड का अध्यक्ष;

(च) ''फीस'' से अभिप्रेत है, इन नियमों में नियम की गई फीस;

(छ) ''प्रारूप'' से अभिप्रेत है, इन नियमों से संलग्न प्रारूप;

(ज) ''राज्य सरकार'' से अभिप्रेत है, मध्यप्रदेश सरकार;

(झ) ''सदस्य'' से अभिप्रेत है, राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण या राज्य जैव विविधता बोर्ड का सदस्य और उसमें सम्मिलित है यथास्थिति उसका अध्यक्ष;

(ञ) ''धारा'' से अभिप्रेत है, अधिनियम की धारा;

(ट) सदस्य सचिव से अभिप्रेत है बोर्ड का सदस्य सचिव

(ठ) उन शब्दों और अभिव्यक्तियों का, जिनका इन नियमों में प्रयोग किया गया है किंतु जिन्हें परिभाषित नहीं किया गया है तथा अधिनियम में परिभाषित किया गया है, का वही अर्थ होगा जो अधिनियम में क्रमश: उनके लिये दिया गया है ।

3. अध्यक्ष के चयन और नियुक्ति की रीति - 

(1) राज्य सरकार का कोई मंत्री या सेवारत अधिकारी या कोई विख्यात व्यक्ति जो जैव विविधता के संरक्षण तथा पोषणीय उपयोग और लाभों के साम्यापूर्ण प्रभाजन से संबंधित मामलों में पर्याप्त ज्ञान तथा अनुभव रखता हो, बोर्ड का अध्यक्ष होगा ।

(2) बोर्ड का अध्यक्ष राज्य सरकार द्वारा नियुक्त किया जायेगा ।

(3) उपनियम (2) के अधीन सरकार के किसी मंत्री या सेवारत अधिकारी की नियुक्ति नहीं होने की दशा में, यह इस प्रयोजन के लिये नियुक्त तीन सदस्यीय खोज समिति, जिसकी अध्यक्षता मुख्य सचिव द्वारा की जायेगी, की सिफारिश पर की जायेगी ।

परंतु राज्य सरकार के सेवारत, अधिकारी की दशा में, वह शासन के प्रमुख सचिव की पद श्रेणी से निम्न पद श्रेणी का नहीं होगा ।

4. अध्यक्ष की पदावधि - 

(1) बोर्ड का अध्यक्ष तीन वर्ष की अवधि के लिए पद धारण करेगा तथा पुनर्नियुक्ति के लिए पात्र होगा परन्तु कोई अध्यक्ष 65 वर्ष की आयु से परे पद धारण नहीं करेगा ।

(2) अध्यक्ष राज्य सरकार को कम से कम एक मास की लिखित सूचना देकर

अपना पद त्याग सकेगा ।

(3) इन नियमों के अन्य उपबंधों के होते हुये आई अध्यक्ष, राज्य सरकार के प्रसाद पर्यन्त अपने पद पर बना रहेगा ।

5. अध्यक्ष का वेतन तथा भत्ते - अध्यक्ष ऐसे वेतन, भत्ते अवकाश, पेंशन, भविष्य निधि, मकान तथा अन्य परिलब्धियों का हकदार होगा जो राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर अवधारित की जाएं ।

6. गैर-सरकारी सदस्य का नाम निर्देशन तथा पदावधि और भत्ते - 

(1) राज्य सरकार द्वारा, जैव विविधता के संरक्षण जैव संसाधनों के पोषणीय उपयोग तथा जैव संसाधनों के उपयोग से उदभूत लाभों के साम्यापूर्ण प्रभाजन संबंधी विषयों के विशेषज्ञों में से पांच गेर सरकारी सदस्य नामनिर्देशित किये जायेंगे । इनमें से कम से कम दो सदस्य स्थानीय समुदायों में से विशेषज्ञ होंगे, जो संबंधित समुदायों द्वारा नाम निर्देशित किये जायेंगे ।

(2) बोर्ड का गैर सरकारी सदस्य उसके नाम निर्देशन की तारीख से, एक समय में. तीन वर्ष से अनधिक अवधि के लिये पद धारण करेगा ।

(3) गैर सरकारी सदस्य बैठक भत्ते, यात्रा व्यय, दैनिक भत्ते तथा ऐसे अन्य भत्तों का हकदार होगा जैसे कि राज्य सरकार बोर्ड के सम्मिलन/सम्मिलनों में उपस्थित होने के लिये नियत करें ।

7. गैर सरकारी सदस्य की रिक्तियों का भरा जाना - 

(1) बोर्ड का कोई गैर सरकारी सदस्य किसी भी समय राज्य सरकार को लिखित में अपने हस्ताक्षर से संबोधित करके अपने पद से त्यागपत्र दे सकेगा तथा बोर्ड में उस सदस्य का पद रिक्त हो जाएगा ।

(2) बोर्ड में आकस्मिक रिक्त नए नाम निर्देशन द्वारा भरी जाएगी तथा रिक्ति को भरने के लिए नाम निर्देशित व्यक्ति, उस सदस्य की, जिसके स्थान पर उसे नाम निर्दिष्ट किया गया है, शेष पदावधि पदावधि के लिये ही पद धारण करेगा ।

8. बोर्ड के सदस्यों का हटाया जाना - बोर्ड के किसी सदस्य को, अधिनियम की धारा 11 में विनिर्दिष्ट किन्हीं आधारों पर, राज्य सरकार द्वारा इस प्रयोजन के लिये नियुक्त किये जाये प्रमुख सचिव की पद श्रेणी से अनिम्न पद श्रेणी के किसी अधिकारी द्वारा सम्यक् तथा उचित जांच किये बिना और सदस्य को सुनवाई का युक्तियुक्त अवसर दिये बिना उसके पद से नहीं हटाया जायेगा ।

9. पदेन सदस्यों की नियुक्ति - राज्य सरकार के निम्नलिखित विभागों/संगठनों से पांच पदेन सदस्य, जब तक कि वे अपने-अपने पद धारण करेंगे, नियुक्त किये जायेंगे : -

(1) कृषि उत्पादन आयुक्त,

(2) प्रमुख सचिव/सचिव, जैव विविधता एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग,

(3) प्रधान मुख्य वन संरक्षक,

(4) कुलपति, जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर,

(5) राज्य जैव विविधता बोर्ड का सदस्य - सचिव ।

10. बोर्ड का मुख्यालय - बोर्ड का मुख्यालय भोपाल में होगा ।

11. बोर्ड का सदस्य-सचिव - 

(1) सदस्य-सचिव, राज्य सरकार द्वारा, प्रतिनियुक्ति पर नियुक्त किया जायेगा । उसकी नियुक्ति की अवधि तथा शर्ते राज्य सरकार द्वारा अवधारित की जायेगी ।

(2) सदस्य-सचिव, बोर्ड के अध्यक्ष के मार्गदर्शन के अधीन, बोर्ड के दिन प्रतिदिन के प्रशासन, निधियों के प्रबंधन तथा विभिन्न क्रियाकलापों या कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के लिये उतरदायी होगा ।

(3) बोर्ड द्वारा जारी किये जाने वाले समस्त आदेश या अनुदेश सदस्य-सचिव या बोर्ड द्वारा इस निमित्त प्राधिकृत किसी अन्य अधिकारी के हस्ताक्षर से होंगे ।

(4) सदस्य-सचिव या तो स्वयं या इस प्रयोजन के लिये प्राधिकृत किसी अधिकारी के माध्यम से अनुमोदित बजट में से समस्त भुगतानों को स्वीकृत तथा संवितरित कर सकेगा ।

(5) सदस्य-सचिव को, बोर्ड के बजट में सम्मिलित प्राक्कलनों पर प्रशासनिक स्वीकृति देने की शक्ति होगी ।

(6) सदस्य-सचिव, बोर्ड के समस्त गोपनीय कागज-पत्रों का भारसाधक होगा तथा उनकी सुरक्षित अभिरक्षा के लिये उत्तरदायी होगा; जब कभी भी बोर्ड/राज्य सरकार द्वारा इस प्रकार निर्देशित किया जाये, वह ऐसे कागज-पत्र पेश करेगा ।

(7) सदस्य-सचिव, बोर्ड के समस्त अधिकारियों तथा कर्मचारीवृन्द के गोपनीय प्रतिवेदन लिखेगा तथा उन्हें संधारित करेगा तथा उन्हें अध्यक्ष द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित करवायेगा ।

(8) सदस्य-सचिव ऐसी अन्य शक्तियों का प्रयोग करेगा तथा ऐसे अन्य कृत्यों का पालन करेगा जैसे कि उसे - बोर्ड द्वारा, समय-समय पर, प्रत्यायोजित किये जायें ।

12. बोर्ड के सम्मिलन - 

(1) बोर्ड के सम्मिलन, बोर्ड के मुख्यालय या ऐसे अन्य स्थान पर, जो कि अध्यक्ष द्वारा विनिश्चित किया जाये । एक वर्ष में सामान्यत- तीन मास के पश्चात् कम से कम चार बार होंगे ।

(2) अध्यक्ष, बोर्ड के कम से कम पांच सदस्यों के अनुरोध पर या राज्य सरकार के निर्देश पर, बोर्ड का एक विशेष सम्मिलन बुलायेगा ।

(3) साधारण सम्मिलन की पन्द्रह दिन की सूचना तथा विशेष सम्मिलन की तीन दिन की सूचना, प्रयोजन, समय तथा स्थान जिस पर ऐसा सम्मिलन किया जाना है, विनिर्दिष्ट करते हुये सदस्यों को दी जायेगी ।

(4) प्रत्येक सम्मिलन की अध्यक्षता अध्यक्ष द्वारा तथा उसकी अनुपस्थिति में उपस्थित सदस्यों में से उनके द्वारा निर्वाचित किये गये पीठासीन अधिकारी द्वारा की जायेगी ।

(5) बोर्ड का विनिश्चय, यदि आवयक हो तो, उपस्थित सदस्यों के सामान्य बहुमत तथा मतदान से लिया जायेगा और अध्यक्ष या उसकी अनुपस्थिति में अध्यक्षता करने वाले सदस्य का द्वितीय या निर्णायक मत होगा ।

(6) प्रत्येक सदस्य का एक मत होगा ।

(7) बोर्ड के सम्मिलन की गणपूर्ति पांच से होगी ।

(8) कोई भी सदस्य किसी मामले को जिसकी उसने दस दिन की सूचना न दी हो सम्मिलन में विचारण के लिये लाने का तब तक हकदार नहीं होगा जब तक कि अध्यक्ष स्वविवेक से उसे ऐसा करने की अनुज्ञा न दे ।

(9) सदस्य को सम्मिलन की सूचना, उसके अंतिम ज्ञात निवास या कारबार के स्थान पर संदेशवाहक द्वारा परिदत्त कर या रजिस्ट्रीकृत डाक द्वारा भेजकर या किसी ऐसी अन्य रीति में, जैसी कि बोर्ड का सदस्य-सचिव मामले की परिस्थितियों में उचित समझे, दी जा सकेगी ।

(10) इसके अतिरिक्त, बोर्ड उसके कारबार के संव्यवहार के लिये ऐसी अन्य प्रक्रिया बना सकेगा जैसी कि वह उपयुक्त तथा उचित समझे ।

13. बोर्ड द्वारा विशेषज्ञ समिति की नियुक्ति तथा उनकी हकदारी - 

(1) बोर्ड, ऐसे प्रयोजनों के लिये, उतनी संख्या में, जैसी कि वह उचित समझे, समितियों का गठन कर सकेगा जो पूर्णत: सदस्यों से या पूर्णत: अन्य व्यक्तियों से या अंशत:. सदस्यों - या अंशत: व्यक्तियों से मिलकर बनेगी ।

(2) बोर्ड के सदस्यों से भिन्न, विशेषज्ञ समिति के सदस्यों को, सम्मिलन मे उपस्थित होने के लिये ऐसी फीस तथा भत्तों का भुगतान किया जायेगा जैसा कि बोर्ड उचित समझे ।

(3) बोर्ड किसी ऐसे व्यक्ति को आमंत्रित कर सकेगा जिसकी सहायता या सलाह अभिप्राप्त किये जाने को, वह उसके किन्ही कृत्यों के निष्पादन में तथा उसके किन्हीं सम्मिलनों के विचार-विमर्श में भाग लेने के लिये, उपयोगी समझे ।

बोर्ड से सहयुक्त ऐसा व्यक्ति ऐसे भत्ते प्राप्त करने का हकदार होगा जैसे कि बोर्ड द्वारा समय-समय पर विहित किये जायें ।

14. बोर्ड के साधारण कृत्य - विशिष्टतया और अन्य उपबंधों की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, बोर्ड निम्नलिखित कृत्यों का पालन कर सकेगा : -

(एक) अधिनियम की धारा 23 के अधीन उपबंधित क्रियाकलापों को शासित करने के लिये प्रक्रिया तथा मार्गदर्शक सिद्धांत अधिकथित करना,

(दो) राज्य सरकार को जैव विविधता के संरक्षण, उसके संघटकों के पोषणीय उपयोग तथा जैविक स्त्रोतों और ज्ञान के उपयोग से उदभूत लाभ के उचित और साम्यापूर्ण प्रभाजन से संबंधित विषयों के संबंध में सलाह देना,

(तीन) राज्य सरकार के विभागों को तकनीकी सहायता तथा मार्गदर्शन उपलब्ध कराना,

(चार) भरतीय नागरिकों द्वारा किसी जैव संसाधन की वाणिज्यिक उपयोगिता या जैव सर्वेक्षण तथा जैव उपयोगिता के लिये अनुरोधों को अनुमोदन प्रदान करके या अन्यथा विनियमित करना,

(पांच) राज्य जैव विविधता कार्यनीति तथा कार्ययोजना का अद्यतनीकरण तथा कार्यान्वयन को सुकर बनाना,

(छः) अध्ययन करवाना तथा जांच और अनुसंधान प्रायोजित करना,

(सात) बोर्ड के कृत्यों के प्रभावी निष्पादन में तकनीकी सहायता उपलब्ध कराने हेतु एक विनिर्दिष्ट कालावधि के लिये, जो तीन वर्ष से अधिक न हो सलाहकार नियुक्त करना,

परंतु यदि किसी सलाहकार को तीन वर्ष की कालावधि से परे नियुक्त किया जाना आवश्यक तथा समीचीन हो तो बोर्ड ऐसी नियुक्ति के लिये राज्य सरकार का पूर्व अनुमोदन मांगेगा,

(आठ) जैवविविधता के संरक्षण उसके संघटकों के पोषणीय उपयोग तथा जैवीय संसाधनों तथा ज्ञान से उदभूत लाभों के उचित और साम्यापूर्ण प्रभाजन से संबंधित तकलीकी और सांख्यिकीय आंकड़े (डाटा) निर्देशिका (मैन्युअल) सहितायें (कोड्स), या मार्गदर्शन (गाइड्‌स) संग्रहीत संकलित तथा प्रकाशित करना,

(नौ) जनसंपर्क साधन के माध्यम से जैव विविधता संरक्षण, उसके संघटकों के पोषणीय उपयोग और जैविक संसाधनों और ज्ञान के उपयोग से उदभूत लाभों के उचित और साम्यापूर्ण प्रभाजन से संबंधित एक व्यापक कार्यक्रम आयोजित करना,

(दस) जैव विविधता संरक्षण और उसके संघटकों के पोषणीय उपयोग के लिये कार्यक्रमों में लगे हुये या लगाये जाने वाले कार्मिकों के लिये योजना और प्रशिक्षण आयोजित करना,

(ग्यारह) प्रभावी प्रबंधन, संवर्धन तथा पोषणीय उपयोग को सुनिश्चित करने के लिये जैव विविधता संसाधनों तथा उससे संबंधित पारम्परिक ज्ञान के लिये जैव मध्यप्रदेश जैवविविधता नियम विविधता रजिस्टर तथा इलेक्ट्रानिक डाटा बेस के माध्यम से, डाटा बेस तैयार करने तथा सूचना और प्रलेखीकरण प्रणाली बनाने हेतु कदम उठाना,

(बारह) अधिनियम के प्रभावी कार्यान्वयन के लिये स्थानीय निकायों/जैव विविधता प्रबंधन समितियों को लिखित में या समुचित मौखिक साधनों के माध्यम से निर्देश देना तथा संरक्षण. पोषणीय उपयोग तथा साम्यापूर्ण लाभों के प्रभाजन से संबंधित समस्त उपायों में उनकी अथपूर्ण सहभागिता को सुकर बनाना,

(तेरह) बोर्ड के कृत्यों तथा अधिनियम और उसके अधीन बनाये गये नियमों के कार्यान्वयन के बारे में राज्य सरकार को रिपोर्ट देना,

(चौदह) समय-समय पर जैविक संसाधनों की फीस की अनुशंसा करना, उसे विहित करना,

उपांतरित करना तथा संग्रहीत कमना.

(पन्द्रह) ऐसे तरीके ढूंढना जिससे अधिकारों का संरक्षण सुनिश्चित किया जा सके जिसमें जैविक संसाधन तथा उससे सहयुक्त ज्ञान पर बौद्धिक संपत्ति संबंधी अधिकार और ऐसी समुचित जानकारी की गोपनीयता बनाये रखे जाने की प्रणाली सम्मिलित है तथा उसमें पीपल्स बायोडाइवरसिटी रजिस्टर में रिकार्ड की गई जानकारी का संरक्षण सुनिश्चित करना भी सम्मिलित है,

(सोलह) जैव विविधता प्रबंधन समितियों को विशिष्ट प्रयोजनों के लिये सहायता अनुदान तथा अनुदान स्वीकृत करना,

(सत्रह) अधिनियम के कार्यान्वयन के संबंध में किसी क्षेत्र के भौतिक निरीक्षण का जिम्मा लेना,

(अठारह) यह सुनिश्चित करना कि जैव विविधता तथा उस पर आश्रित जीविका योजना एवं प्रबंधन

के समस्त सेक्टरों में तथा राज्य से लेकर स्थानीय योजना के सभी स्तरों पर एकीकृत हो जाये ताकि उनके संरक्षण तथा पोषणीय उपयोग के लिये प्रभावी रूप से योगदान देने के लिये ऐसे सेक्टरों और प्रशासकीय स्तरों को समर्थ बनाया जा सके,

(उन्नीस)बोर्ड का, उसको स्वयं की प्राप्तियों के साथ ही राज्य तथा केन्द्रीय सरकार से उसके

अवमूल्यन को भी समाविष्ट करते हुये, वार्षिक बजट तैयार करना परंतु केन्द्रीय सरकार द्वारा आबंटन केन्द्रीय सरकार द्वारा अनुमोदित उपबंधों के अनुसार प्रचालित किया जायेगा,

(बीस) बोर्ड को समस्त प्राक्कलनों को प्रशासनिक तथा तकनीकी स्वीकृति प्रदान करने की पूर्ण शक्तियां होगी, वह, तथापि, ऐसी प्रशासनिक तथा तकनीकी स्वीकृति शक्तियों को जैसी कि आवश्यक समझी जायें, बोर्ड से सदस्य सचिव को प्रत्यायोजित कर सके,

(इक्कीस) बोर्ड द्वारा कृत्यों के प्रभावकारी निर्वहन के लिये, राज्य सरकार को पदों के सृजन के

लिये सिफारिश करना तथा ऐसे पदों का सृजन करना परंतु ऐसा पद चाहे स्थायी/अस्थायी या किसी अन्य प्रकृति का तो, राज्य सरकार के पूर्व अनुमोदन के बिना सृजित नहीं किया जाएगा |

(बाईस) ऐसे अन्य कृत्यों का जैसे कि अधिनियम के उपबंधों के क्रियान्वयन के लिये आवश्यक हों या जैसे कि राज्य सरकार द्वारा, समय-समय पर विहित किये जायें पालन करना

(तेईस) जंगम तथा स्थावन, दोनों ही संपत्ति को अर्जित, धारण तथा व्ययन करने और उसके

लिये संविदा करने की शक्ति होगी ।

15. अध्यक्ष की शक्तियां तथा कर्तव्य - 

(1) अध्यक्ष, यह सुनिश्चित करेगा कि बोर्ड के क्रियाकलाप प्रभावशील रूप से तथा अधिनियम और उसके अधीन बनाये गये नियमों के उपबंधों के अनुसार चल रहे हैं ।

(2) अध्यक्ष को, बोर्ड के अधिकारियों तथा कर्मचारीवृन्द पर सामान्य अधीक्षण की शक्ति होगी तथा अध्यक्ष, बोर्ड के क्रियाकलाप के संचालन और प्रबंधन के लिये आवश्यक निर्देश जारी कर सकेगा ।

(3) अध्यक्ष, बोर्ड से समस्त सम्मिलनों को बुलायेगा तथा उनकी अध्यक्षता करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि बोर्ड द्वारा लिये गये समस्त विनिश्चयों का उचित रीति में निष्पादन हो रहा है ।

(4) अध्यक्ष ऐसी अन्य शक्तियों का प्रयोग करेगा तथा ऐसे अन्य कृत्यों का पालन करेगा जो बोर्ड द्वारा उसे समय-समय पर प्रत्यायोजित किये जायें ।

16. बोर्ड के कर्मचारियों की सेवा के निबंधन तथा शर्ते - 

(1) बोर्ड के कर्मचारियों की सेवा के निबंधन तथा शर्तें राज्य सरकार के अधीन तत्स्थानी वेतनमान के समान ही होगी, नियुक्तियां सामान्यत- संविदा या प्रतिनियुक्ति के आधार पर होगी, जब तक कि राज्य सरकार द्वारा अन्यथा विनिश्चित न की जायें ।

(2) बोर्ड में पदों पर भरती/पदोन्नति के तरीके बोर्ड अनुमोदित करेगा ।

17. जैव संसाधनों तक पहुंच तथा उनके संग्रहण की प्रक्रिया - 

(1) अनुसंधान के लिये या वाणिज्यिक उपयोग के लिये जैव संसाधनों तथा उनसे सबंधित ज्ञान तक पहुंच/उनका संग्रहण चाहने वाला कोई व्यक्ति इन नियमों से संलग्न प्ररूप-1 में बोर्ड को आवेदन करेगा । प्रत्येक आवेदन से साथ यदि ऐसी पहुंच अनुसंधान के प्रयोजन के लिये है तो 100 रुपये और वाणिज्यिक उपयोग के लिये 1000 रुपये फीस होगी और वह चैक या डिमान्ड ड्राफ्ट के रूप में होगी ।

(2) बोर्ड, आवेदन की सम्यक समीक्षा करने के पश्चात् तथा संबंधित नगरीय निकायों से परामर्श करने के पश्चात् तथा ऐसी अतिरिक्त जानकारी एकत्रित करने के पश्चात्, जैसी कि वह आवश्यक समझे, आवेदन का, उसकी प्राप्ति से यथासंभव तीन मास की कालावधि के भीतर विनिश्चय करेगा । इस संदर्भ में, अधिनियम के प्रयोजनों के लिये शब्द ''परामर्श'' में अन्य बातों के साथ-साथ निम्नलिखित कदम भी सम्मिलित हैं : -

(क) पहुंच/संग्रहण के लिये प्रस्ताव की, स्थानीय भाषा में, सार्वजनिक सूचना जारी की जाना,

(ख) स्थानीय निकाय की साधारण सभा में चर्चा/संवाद, और

(ग) संरक्षण तथा जीविका के लिये प्रस्ताव तथा उसके निष्पादन के बारे मे यथोचित जानकारी उपलब्ध कराये जाने के पश्चात् सभा से औपचारिक सहमति प्राप्त करना,

(3) आवेदन से गुणागुण से समाधान हो जाने पर बोर्ड, आवेदन को अनुज्ञात कर सकेगा या ऐसे क्रियाकलाप को निर्बन्धित कर सकेगा, यदि उसकी राय में ऐसे क्रियाकलाप जैव विविधता के संरक्षण या ऐसे क्रियाकलाप से उदभूत लाभ के साम्यापूर्ण प्रभाजन के पोषणीय उपयोग के उद्देश्यों के लिये हानिकारक या उनके प्रतिकूल हैं ।

(4) पहुंच/संग्रहण, बोर्ड के प्राधिकृत अधिकारी तथा आवेदक द्वारा सम्यकरूप से हस्ताक्षिरत लिखित करार द्वारा शासित होगा । करार का प्रारूप बोर्ड द्वारा विनिश्चित किया जायेगा ।

(5) पहुंच/संग्रहण की शर्तों मे, जैव संसाधनो के, जिनके लिये, पहुंच/संग्रहण स्वीकृत किया गया है, संरक्षण तथा अनुरक्षण के लिये विशेष रूप से उपाय किये जायेंगे ।

(6) बोर्ड, यदि यह समझता है कि आवेदन स्वीकार नहीं किया जा सकता है तो वह उसके लिये कारण अभिलिखित करने के पश्चात् आवेदन नामंजूर कर सकेगा । नामंजूरी का आदेश जारी करने के पूर्व आवेदक को सुनवाई का युक्तियुक्त अवसर प्रदान किया जायेगा ।

(7) पूर्व सूचना के लिये उपनियम (1) में निर्दिष्ट प्ररूप में दी गयी कोई भी जानकारी गोपनीय रखी जायेगी एवं उससे असम्बद्ध किसी भी व्यक्ति को साशय अथवा बिना किसी आशय के प्रकट नहीं की जायेगा ।

18. पहुंचा/अनुमोदन का प्रतिसंहरण - 

(1) बोर्ड निम्नलिखित परिस्थितियों के अधीन या तो किसी शिकायत के आधार पर या स्वप्रेरणा से स्वीकृत की गयी पहुंच को वापस ले सकेगा तथा लिखित करार का प्रतिसंहरण कर सकेगा : -

(एक) इस युक्तियुक्त विश्वास के आधार पर कि जिस व्यक्ति के द्वारा जैव संसाधन तक पहुंच बनाई है उसने अधिनियम के किन्हीं उपबंधों या शर्त का उल्लंघन किया है, जिसके आधार पर आवेदन स्वीकृत किया गया था ।

(दो) जबकि वह व्यक्ति करार के निबंधन के अनुपालन करने में असफल रहता हैं|

(तीन) पहुंच की किसी भी शर्त का अनुपालन करने में असफल होने पर ।

(चार) पर्यावरण संरक्षण तथा जैव विविधता संरक्षण, अधिकारों के संरक्षण आजीविका एवं स्थानीय समुदायों के ज्ञान के संदर्भ में लोकहित का उल्लंघन करने के कारण । (ऐसी जांच करने के पश्चात्/जैसी कि अपेक्षित हो, इस प्रकार) ।

(2) प्रतिसंहरण का आदेश ऐसी जांच करने के पश्चात् जैसी कि अपेक्षित हो इस प्रकार तथा प्रभावित व्यक्ति को सुनवाई का अवसर देने के पश्चात् ही किया जायेगा ।

(3) बोर्ड, ऐसी प्रतिसंहरण के आदेश की एक प्रति, पहुंच को निषिद्ध करने हेतु तथा हानि, यदि कोई हो तो उसकी वसूली के लिये कदम उठाने हेतु जैव विविधता प्रबंधन समिति को भेजेगा ।

19. जैव संसाधनों तक पहुंच से संबंधित क्रियाकलापों पर निबन्धन - 

(1) बोर्ड यदि आवश्यक तथा युक्तियुक्त समझे तो निम्नलिखित कारणों से जैव संसाधनों तक पहुंच के प्रस्ताव को निर्बंधित या प्रतिषिद्ध करने के लिये कदम उठा सकेगा. -

(एक) पहुंच के लिये अनुरोध किसी आशंकित प्रजाति के लिये हो अथवा उस प्रजाति के लिये हो जो इस तरह की पहुंच से आशंकित हो सकती हो ।

(दो) पहुंच के लिये अनुरोध किसी स्थानिक अथवा दुर्लभ प्रजाति के लिये हो ।

(तीन) पहुंच के लिये अनुरोध का स्थानीयजनों की जीविका, संस्कृति तथा जातीय ज्ञान पर विपरीत प्रभाव पड़ने की संभावना हो ।

(चार) पहुंच के लिये अनुरोध का विपरीत पर्यावरणीय प्रभाव हो, जिसे नियंत्रित एवं कम करना कठिन हो ।

(पांच) पहुंच के लिये अनुरोध से अनुवांशिक क्षरण होता हो अथवा परिस्थितिक तंत्र की किया विधि प्रभावित होती हो ।

(छः) राष्ट्रीय हित तथा देश में किये गये अन्य संबंधित अंतर्राष्ट्रीय अनुबंधों के विपरीत उद्देश्यों के लिये संसाधनों का प्रयोग

(2) निर्बन्धन का कोई भी आदेश ऐसी जांच करने के पश्चात् जैसी कि आवश्यक हो स्थानीय निकायों एवं जैव विविधता प्रबंधन समिति से परामर्श करके तथा प्रभावित व्यक्ति को सुनवाई का अवसर देकर ही किया जायेगा ।

20. राज्य जैवविविधता निधि का प्रचालन - 

(1) राज्य जैव विविधता निधि को बोर्ड के सदस्य सचिव या इस निमित्त प्राधिकृत बोर्ड के किसी अन्य अधिकारी द्वारा प्रचालित किया जायेगा ।

(2) राज्य जैव विविधता निधि में दो पृथक लेखा शीर्ष होंगे । एक में केन्द्र शासन/राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण तथा राज्य सरकार एवं बोर्ड द्वारा निर्धारित ऐसे अन्य स्त्रोतों की प्राप्तियां (अनुदान तथा ऋण) सम्मिलित होंगी तथा दूसरा फीस अनुज्ञप्ति फीस, रॉयल्टी तथा बोर्ड की अन्य प्राप्तियों से संबंधित होगा ।

(3) राज्य सरकार विधि द्वारा इस निमित्त राज्य विधानमंडल द्वारा सम्यक् विनियोग करने के पश्चात् ऐसी राशि बोर्ड को संदत्त करे जैसी कि अधिनियम के प्रयोजन से हो, उपयोग किये जाने के लिये राज्य सरकार उचित समझे । बोर्ड यह सुनिश्चित करने के लिये निधि के प्रबंधन एवं उपयोग से संबंधित विनिश्चिय पारदर्शी एवं जनता के प्रति जवाबदेह हों, मार्गदर्शक सिद्धांत विरचित करेगा |

21. वार्षिक रिपोर्ट तथा लेखाओं का वार्षिक विवरण - 

(1) बोर्ड, प्रत्येक वित्तीय वर्ष के लिये अपने

क्रियाकलापों का विस्तृत विवरण तथा लेखाओ का वार्षिक विवरण देते हुये अपनी वार्षिक रिपोर्ट तैयार करेगा तथा उसे राज्य सरकार को प्रस्तुत करेगा ।

(2) बोर्ड, लेखाओं को रखने की प्रक्रिया अधिकथित करेगा । बोर्ड के लेखाओं का वार्षिक लेखा संपरीक्षण बोर्ड द्वारा इस प्रयोजन के लिये नियुक्त चार्टर्ड एकाउंटेन्ट द्वारा किया जायेगा। राज्य का महालेखाकार बोर्ड के लेखा की संपरीक्षा कर सकेला तथा इस हेतु व्यय का भुगतान बोर्ड द्वारा किया जायगा ।

(3) बोर्ड, प्रत्येक वर्ष के सितंबर मास तक प्रत्येक वित्तीय वर्ष के लिये वार्षिक रिपोर्ट तथा संपरीक्षित लेखा विवरण राज्य सरकार को प्रस्तुत करेगा, जिससे कि राज्य सरकार उसे विधान सभा के समक्ष रखने में समर्थ हो सके ।

22. जैवविविधता विरासत स्थल की स्थापना तथा प्रबंधन - 

(1) बोर्ड, स्थानीय निकायों तथा अन्य प्रमुख भागीदारों के परामर्श से महत्वपूर्ण जैव विविधता मूल्यों वाले क्षेत्रों की विरासत स्थलों के रूप में स्थापना को सुन्दर बनाने हेतु आवश्यक कदम उठायेगा । बोर्ड की सिफारिशों का अनुसरण करते हुये तथा केन्द्र सरकार से परामर्श के पश्चात् राज्य सरकार इस प्रभाव की अधिसूचना जारी करेगी ।

(2) बोर्ड, विरासत स्थानों के चयन प्रबंधन तथा अन्य पक्षों पर मार्गदर्शक सिद्धांत यह सुनिश्चित करते हुये विरचित करेगा कि इसमें संबंधित जैव विविधता प्रबंधन समितियों के लिये विनिश्चिय लेने की व्यवस्था है ।

23. जैवविविधता प्रबंधन समितियों का गठन- 

(1) प्रत्येक स्थानीय निकाय अपनी अधिकारिता के भीतर एक जैव विविधता प्रबंधन समिति का गठन करेगा । तदनुसार जैव विविधता प्रबंधन समितियों का गठन जिला पंचायत, जनपद पंचायत, ग्राम पंचायत एवं ग्राम सभा स्तर के साथ-साथ नगर पंचायत, नगर पालिका एवं नगर निगम स्तर पर भी किया जायेगा ।

(2) यदि स्थानीय निकाय का यह समाधान हो कि जैव विविधता प्रबंधन समितियों के कृत्य का निर्वहन, स्थानीय निकाय की सामान्य सभा या इसकी विद्यमान समितियों में से किसी एक समिति द्वारा संचालित किया जा सकता है तो इसे स्थानीय निकाय द्वारा सम्यक् प्रक्रिया का अनुसरण करते हुये संकल्प पारित कर अभिलिखित किया जावेगा ।

(3) उप नियम (1) के अधीन गठित की गई जैव विविधता प्रबंधन समितियों में स्थानीय निकायों द्वारा नामनिर्देशित सात व्यक्ति होंगें जिनमें महिलायें एक तिहाई से कम नहीं

होगी । इस प्रकार नामनिर्देशित सात स्थानीय जानकार व्यक्तियों को जड़ी-बूटी विशेषज्ञ, रूपक, गैर काष्ठ वन उपज संग्रहक । व्यापारी फिशरफोक उपभोक्ता संगठन के प्रतिनिधि सामुदायिक कार्यकर्ता शिक्षाविद या किसी संगठन का कोई व्यक्ति/प्रतिनिधि जिनके बारे में स्थानीय निकाय का यह विश्वास हो कि वह जैव विविधता प्रबंधन समिति की आज्ञा में महत्वपूर्ण योगदान कर सकता है, में से लिया जायेगा । अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के सदस्यों का अनुपात, जिले के, जहां ऐसी समिति गठित की गई है, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के प्रतिशत से कम नहीं होनी चाहिये । उपरोक्त समस्त उक्त स्थानीय निकाय की सीमा के भीतर के निवासी होने चाहिये तथा उनका नाम मतदाता सूची में होना चाहिये ।

(4) स्थानीय निकाय, वन, कृषि, पशुधन, स्वास्थ्य, मछली पालन तथा शिक्षा विभाग में से छह विशेष आमंत्रितों को नाम निर्देशित करेगा ।

(5) जैव विविधता प्रबंधन समिति का अध्यक्ष स्थानीय निकाय के अध्यक्ष की अध्यक्षता में होने वाले सम्मिलन में, समिति के सदस्यों में से निर्वाचित किया जायेगा । बराबर (मत) रहने की दशा में, स्थानीय निकाय के अध्यक्ष का निर्णायक मत होगा ।

(6) जैव विविधता प्रबंधन समिति के अध्यक्ष की अवधि पांच वर्ष होगी ।

(7) जैव विविधता प्रबंधन समिति के सम्मिलन में विभिन्न स्तरों पर विधान सभा के स्थानीय सदस्य तथा संसद सदस्य विशेष आमंत्रिती होंगें।

(8) जिला पंचायत/जिला प्रशासन द्वारा, सरकार एजेंसियों, गैर सरकारी संगठन, शैक्षणिक क्षेत्र, सामुदायिक और व्यक्तियों में से जैव विविधता के क्षेत्र में विशेषज्ञों को सम्मिलित करते हुये एक तकनीकी सहयोग समूह स्थापित किया जायेगा । विशेषज्ञ समूह जैव विविधता प्रबंधन समिति को अपना सहयोग प्रदान करेगा ।

(9) जैव विविधता प्रबंधन समिति की प्रमुख आज्ञा जैव विविधता का संरक्षण पोषणीय उपयोग तथा जैव विविधता के लाभों के साम्यापूर्ण प्रभाजन को सुनिश्चित करना होगा । जैव विविधता प्रबंधन समिति जन जैव विविधता रजिस्टर में स्थानीय जैव संसाधनों की उपलब्धता तथा उनके ज्ञान या उनके औषधीय और अन्य उपयोग या उनसे संबंधित कोई अन्य पारंपरिक ज्ञान से संबंधित विस्तृत जानकारी होगी जिला पंचायत जैव विविधता प्रबंधन समिति, जैव विविधता रजिस्टर डाटाबेस के जिलाव्यापी नेटवर्क के विकास के लिये जिम्मेदार होगा । जन जैव विविधता रजिस्टर, बोर्ड द्वारा नियत की गई प्रक्रिया तथा प्रारूपों (फार्मेट) का उपयोग करते हुये ग्राम सभा/ग्राम/पचायत नगर पंचाचत/नगर पालिका/नगरपालिका निगम के स्तर पर तैयार किया जयोगा । जैव विविधता प्रबंधन समिति एवं स्थानीय निकाय जन जैव विविधता रजिस्टर में अभिलिखित ज्ञान को सुनिश्चित करने, विशेषकर बाहरी व्यक्तियों एवं एजेन्सियों तक इसकी पहुंच को नियोजित करने के लिये जिम्मेदार होंगे ।

(10) जैव विविधता प्रबंधन समितियों के अन्य कृत्य राज्य जैव विविधता बोर्ड को किसी मामले पर सलाह देने के लिये निर्देश करना या स्थानीय और जैविक स्त्रोतों का उपयोग करने वाले व्यवसायी से संबंधित डाटा संधारित करना होंगे ।

(11) जिला तथा जनपद जैव विविधता प्रबंधन समिति स्थानीय स्तर पर विकालीय योजनाओं में जैव विविधता से संबंधित जैव विविधता का संधारण करने के लिये संघर्ष करेगी ।

(12) बोर्ड, जैव विविधता प्रबंधन समिति को जन जैव विविधता रजिस्टर तैयार करने के लिये मार्गदर्शन तथा तकनीकी सहायता प्रदान करेगी तथा यह सुनिश्चित करेगी कि ऐसे रजिस्टरों में अभिलिखित समस्त जानकारियों को, बाहरी एजेंसियों तथा व्यक्तियों द्वारा दुरुपयोग तथा विनियोग के विरुद्ध विधिक संरक्षण प्राप्त है ।

(13) समिति जैविक संसाधनों के पहुंच और प्रदान किये गये पारंपरिक ज्ञान के ब्यौरे अधिरोपित फीस के संग्रहण के ब्यौरे तथा उनसे व्युत्पन्न लाभों के ब्यौरे तथा उनके प्रभाजन की पद्धति के संबंध में जानकारी देते हुये एक रजिस्टर भी संधारित करेगी ।

(14) जैव विविधता प्रबंधन समिति., ग्राम सभा/ग्राम पंचायत/नगर पंचायत/नगरपालिका/ नगरपालिका निगम स्तर पर ऐसे र्निबंधन विनिश्चित कर सकेगा, जिस पर वह जैव विविधता तक पहुंच, की अनुज्ञा के लिये तथा उनकी अधिकारिता के भीतर विभिन्न प्रयोजनों के लिये विभिन्न पक्षकारों को जैव विविधता संसाधनों तथा उससे संबंधित ज्ञान प्रदान कर सकेगी तथा उसकी अधिकारिता के भीतर आने वाले क्षेत्रों से किसी व्यक्ति से, या वाणिज्यिक प्रयोजनों के लिये जैविक संसाधनों तक पहुंच या संग्रहण के लिये फीस संग्रहण के द्वारा प्रभारों का उदग्रहण कर सकेगी । निजी भूमि से संग्रहित/जोती गई सामग्री के लिये प्रभारों के उदग्रहण का प्रमूख हिस्सा भूमि के कृषक/ज्ञानधारक/धारकों को देना चाहिये तथा शेष जैव विविधता प्रबंधन समिति की स्थानीय जैव विविधता निधि में जमा किया जाना चाहिये । सरकारी भूमि से संग्रहित/जोती गई सामग्री के लिये प्रभारों के उदग्रहण को पूर्णरूप से जैव विविधता प्रबंधन समिति की स्थानीय जैव विविधता निधि में जमा किया जाना चाहिये ।

(15) बोर्ड जैव विविधता प्रबंधन समिति द्वारा पहुंच के निबंधन और फीस संग्रहण के लिये मार्गदर्शन उपलब्ध करायेगा ।

(16) ग्राम सभा/ग्राम पंचायत/नगर पंचायत/नगरपालिका/नगरपालिक निगम के स्तर की जैव विविधता प्रबंधन समितियों जन जैव विविधता रजिस्टर से उत्पाद का उपयोग करते हुये एक जैव विविधता प्रबंधन योजना तैयार करेगी तथा इसके कार्यान्वयन के लिये या कार्यन्वयन में, भाग लेने के लिये जिम्मेदार होगी ।

(17) स्थानीय निकाय यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रति सदस्यता, नियमित समन्वय सम्मिलन तथा अन्य ऐसे उपायों द्वारा जैसा कि स्थानीय निकायों द्वारा निर्धारित किये जायें, या बोर्ड द्वारा विनिर्दिष्ट किये जाये, विद्यमान स्थानीय संस्थाओं के कृत्यों से जैव विविधता प्रबंधन समिति एकीकृत है ।

24. स्थानीय जैवविविधता निधि - 

(1) स्थानीय निकाय के स्तर पर स्थानीय जैव विविधता निधि गठित की जायेगी ।

(2) बोर्ड, स्थानीय निकाय को अधिनियम के प्रयोजनों के लिये, राज्य सरकार, केन्द्रीय सरकार या प्राधिकारी से उसके द्वारा प्राप्त किया गया ऋण या अनुदान उपलब्ध करायेगा । स्थानीय निकाय ऐसी निधियों तक उसके द्वारा पहचाने गये या बोर्ड द्वारा विनिर्दिष्ट किये गये या अन्य स्त्रोतों के माध्यम से भी पहुंच सकेगा ।

(3) स्थानीय जैव विविधता निधि का परिचालन जैव विविधता प्रबंधन समिति द्वारा किया जायेगा । बोर्ड, जैव विविधता प्रबंधन समिति द्वारा निधि के प्रचालन के लिये ऐसी रीति सम्मिलित करते हुये मार्गदर्शक सिद्धांत अधिकथित करेगी जिसमें इसके कृत्य संबंधित स्थानीय निकायों के समस्त सदस्यों के लिये पारदर्शक तथा उत्तरदायी हों ।

(4) निधि का उपयोग संबंधित स्थानीय निकाय की अधिकारिता के भीतर आने वाले क्षेत्रों में जैव विविधता के संरक्षण और संवर्धन के लिये तथा स्थानीय समुदाय के लाभ के लिये, जहां तक उसका उपयोग जैव विविधता के संरक्षण के संगत है, किया जायेगा ।

(5) स्थानीय जैव विविधता निधि का लेखा ऐसे प्रारूपों में जैसे बोर्ड द्वारा विनिर्दिष्ट किये जायें, तथा प्रत्येक वित्तीय वर्ष के दौरान ऐसे समयों पर, जैसा कि विहित किया जाये, तैयार किया जायेगा ।

(6) जैव विविधता प्रबंधन समतियां, पूर्ववर्ती वित्तीय वर्ष के दौरान अपने क्रियाकलापों का संपूर्ण विवरण देते हुये एक वार्षिक रिपोर्ट तैयार करेगी तथा उसकी एक प्रति बोर्ड को और एक प्रति सामान्य सभा को प्रस्तुत करेगी ।

(7) स्थानीय जैव विविधता निधि के लेखे ऐसे तरीके से संधारित तथा संपरीक्षित किये जायेंगें जैसा कि बोर्ड द्वारा विनिर्दिष्ट किया जाये ।

25. विवादों के निपटारे के लिये अपील - 

(1) यदि किसी आदेश/निर्देश के कार्यान्वयन या किसी नीति निर्णय के विवाधक पर प्राधिकरण तथा बोर्ड या अन्य बोर्ड/बोर्डो के बीच कोई विवाद उदभूत होता है तो या तो पीड़ित पक्षकार अर्थात् यथास्थिति प्राधिकरण या बोर्ड न नियमों से संलग्न प्रारूप-दो में अधिनियम की धारा 50 के अधीन एक अपील, सचिव, पर्यावरण तथा वन मंत्रालय भारत सरकार को या अध्यक्ष, राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण एक बोर्ड से दूसरे बोर्ड/बोर्डो के बीच विवाद होने की स्थिति में, प्रस्तुत कर सकेगा ।

(2) अपील का ज्ञापन मामले के तथ्य, आवेदक द्वारा विश्वास किया गया आधार तथा उसके लिये चाहा गया अनुतोष अपील प्रस्तुत करने के लिये कथित करेगा तथा यथास्थिति उस आदेश निर्देश या नीति निर्णय जिसके द्वारा अपीलार्थी व्यथित हुआ था की अधिप्रमाणित प्रति के साथ होगा, अपील का ज्ञापन अपीलार्थी के प्राधिकृत प्रतिनिधियों द्वारा सम्यक रूप से हस्ताक्षरित होगा ।

(3) अपील का ज्ञापन, चार प्रतियों में, यथास्थिति उस आदेश, निर्देश या नीति निर्णय की अधिप्रमाणित प्रति के साथ जिसके द्वारा अपीलार्थी व्यथित हुआ था, व्यक्तिगत रूप से या रसीदी रजिस्ट्री डाक द्वारा आदेश, निर्देश या नीति निर्णय की तारीख से 30 दिन के भीतर प्रस्तुत किया जायेगा परंतु यदि अपील प्राधिकारी का यह समाधान हो जाये कि अपील प्रस्तुत करने में विलंब होने के लिये अच्छा और पर्याप्त कारण था तो अपील प्राधिकारी, कारणों को अभिलिखित करते हुये 30 दिनों की उक्त कालावधि का अवसान होने के पश्चात् किन्तु यथास्थिति आदेश, निर्देश , नीति निर्णय की तारीख से 45 दिन के अवसान के पूर्व, अपील प्रस्तुत करने के लिये अनुज्ञा देगा ।

(4) अपील की सुनवाई के लिये सूचना (नोटिस) प्रारूप-3 में रसीदी रजिस्टर्ड डाक द्वारा दी जायेगी ।

(5) प्रत्येक अपील के ज्ञापन के साथ 100/- रुपये फीस संलग्न की जायेगा ।

(6) इसी प्रकार बोर्ड, और जैव विविधता प्रबंधन समितियों के बीच या जैव विविधता प्रबंधन समितियों के तथा जैव विविधता प्रबंधन समिति और संबधित स्थानीय निकायों के बीच समझौते के लिये प्रक्रिया अधिक्‌थित करेगा ।

प्ररूप - 1

(नियम 17 देखिए)

वाणिज्यिक उपयोग एवं संबंधित पारंपरिक ज्ञान हेतु/जैवसंसाधनों तक पहुंच/जैविक संसाधनों के संग्रहण के लिए आवेदन प्ररूप

भाग - क

1. आवेदक का पूर्ण विवरण

(क) नाम :

(ख) स्थायी पता :

(ग) भारत में संपर्क व्यक्ति/अभिकर्ता

यदि कोई हो, का पता : -

(घ) संगठन की रूपरेखा (यदि आवेदक कोई व्यक्ति हो तो व्यक्तिगत रूपरेखा) (कृपया अधिप्रमाणन के लिए संबंधित दस्तावेज संलग्न करें) : -

(ड) कारबार की प्रकृति : -

(च) भारतीय रुपये में संगठन का व्यापारावर्त : -

2. पहुंच के लिये चाही गई प्रकृति तथा जैविक सामग्री और या संबंधित ज्ञान तक पहुंच के बारे में ब्यौरे तथा विनिर्दिष्ट जानकारी ।

(क) जैव संसाधन की पहचान (वैज्ञानिक नाम) एवं उसका पारंपरिक उपयोग

(ख) प्रस्तावित संग्रहण की भौगोलिक स्थिति (जिसमें सम्मिलित है ग्राम, जनपद तथा जिला)

(ग) पारंपरिक ज्ञान का विवरण प्रकृति तथा उसका विद्यमान विवरण एवं उपयोग : - (मौखिक दस्तावेजी)

(घ) पारंपरिक ज्ञान रखने वाला कोई पहचाना हुआ व्यक्ति/कुटुंब/समुदाय : -

(ङ) संग्रहित किए जाने वाले जैव संसाधन की मात्रा : -

(च) समय सीमा जिसके भीतर जैवसंसाधन संग्रहीत किया जाना प्रस्तावित है : -

(छ) कम्पनी द्वारा संग्रहण करने के लिये प्राधिकृत व्यक्तियों के नाम और संख्या : -

(ज) पहुंच का प्रयोजन, जिसके लिए अनुरोध किया गया है जिसमें सम्मिलित है अनुसंधान का प्रकार और विस्तार, उत्पन्न किया जा रहा वाणिज्यिक उपयोग और व्युत्पन्न होना प्रत्याशित है: -

(झ) क्या संसाधनों के संग्रहण अथवा उपयोग से जैवविविधता के किसी घटक को खतरा है । पहुंच से उत्पन्न हो सकने वाले खतरे. -

3. उन जैवसंसाधनों जिन तक पहुंच की गयी तथा पारंपरिक ज्ञान के प्रयोग से समुदायों को हो सकने वाले लाभों का प्राक्कलन ।

4. लाभों के प्रभाजन को प्रस्तावित की कार्यविधि तथा व्यवस्था ।

5. कोई अन्य जानकारी : -

भाग - ख

घोषणा

मैं/हम घोषणा करते हैं कि. -

• प्रस्तावित जैवसंसाधनों का संग्रहण एवं उपयोग संसाधनों की पोषणीयता पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालेगा ।

• प्रस्तावित जैवसंसाधनों के संग्रहण एवं उपयोग से कोई पर्यावरणी समाघात नहीं होगा ।

• प्रस्तावित जैवसंसाधनों का संग्रहण एवं उपयोग पारिस्थितिक तंत्र प्रजातियों तथा आनुवांशिक विविधता सहित जैवविविधता के लिए कोई खतरा उत्पत्र नहीं करेगा ।

• प्रस्तावित जैवसंसाधनों का संग्रहण एवं उपयोग स्थानीय समुदायों पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालेगा ।

मैं/हम, कोई भी फीस तथा/या रायल्टी का, जो बार्ड या जैविविधता प्रबंधन समिति द्वारा उदगृहीत की जाए, भुगतान करने का वचन देते हैं । मैं/हम, अवसूलीय बैंक प्रत्याभूति जैसे कि बोर्ड द्वारा विहित की जाएं, देने का भी वचन देते हैं ।

मैं/हम आगे घोषणा करते है कि, आवेदन पत्र में दी गई जानकारी सत्य एवं प्रामाणिक है तथा मैं/हम किसी गलत/सत्य जानकारी के लिये जिम्मेदार होंगे ।

हस्ताक्षर

स्थान :

नाम : ------------

तारीख :

(कुलनाम) ---------

अमिधान :----------

प्ररूप -2

अपील के ज्ञापन का प्ररूप

(नियम 25 देखिए)

सचिव, पर्यावरण और वन मंत्रालय, भारत सरकार

अथवा

अध्यक्ष राष्ट्रीय जैवविविधता प्राधिकरण के समक्ष (जैसी भी स्थिति हो) (जैव विविधता अधिनियम, 2002 की धारा 50 के अधीन अपील का ज्ञापन)

अपील क्र. .................... 200

-------------------------

अपीलार्थी (यो)

------------------------

विरुद्ध

प्रत्यर्थी (यो)

(यहां, यथास्थिति, प्राधिकरण/बोर्ड के पदनाम का उल्लेख करें)

अपीलार्थी निम्नलिखित तथ्यों एवं आधारों पर प्रत्यर्थी द्वारा पारित आदेश दिनांक-------------------------

के विरुद्ध इस अपील के ज्ञापन को अधिमानता देने की प्रार्थना करता है ।

1. तथ्य -

(यहां मामले के तथ्यों का संक्षिप्त विवरण दें)

2. आधार

(यहां उन आधारों का उल्लेख करें, जिन पर अपील की गयी है)

(एक)

(दो)

(तीन)

3. चाहा गया अनुतोष

(एक)

(दो)

(तीन)

4. प्रार्थना : -

(क) उपरोक्त तथ्यों को ध्यान में रखते हुए अपीलार्थी सादर प्रार्थना करता है कि

प्रत्यर्थी के आदेश/निर्णय को अभिखंडित/अपास्त कर दिया जाये ।

(ख) प्रत्यर्थी द्वारा तैयार नीति/मार्गदर्शक सिद्धांत विनियम -------------------------------

------------सीमा तक अभिखंडित/उपांतरित/निष्प्रभावी कर दिये जाए ।

(ग) -------------------------------------------------------------------------------------------------

5. इस अपील के लिए फीस के रूप में आदेश क्र.------------------------------------------------- दिनांक--------------- के माध्यम से रु.---------------------------- (रुपए---------------------------) का भुगतान को किया गया ।

स्थान :-

अपीलार्थी के हस्ताक्षर

तारीख :-

मुद्रा सहित

पता------------------------------------

----------------------------------------

----------------------------------------

सत्यापन

मै, अपीलार्थी, एतदद्वारा घोषणा करता हूं कि उपरोक्त तथ्य मेरी सर्वोत्तम जानकारी एवं विश्वास के अनुसार सत्य हैं ।

------------------------ दिन -------------------------------------------------- को सत्यापित

अपीलार्थी के हस्ताक्षर

मुद्रा सहित

पता -----------------------------------------

--------------------------------------------

--------------------------------------------

अपीलार्थी के प्राधिकृत प्रतिनिधि के हस्ताक्षर

(रजिस्ट्रीकृत डाक/रसीदी डाक द्वारा)

संलग्न : - उस आदेश, विदेश या नीति निर्णय की अधिप्रमाणित प्रति, जिसके विरुद्ध अपील की गई है