कैलाश मानसरोवर यात्रा
No: -- Dated: Jun, 06 2006
कैलाश मानसरोवर यात्रा
इस योजना का उद्देश्य कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्रा पर जाने वाले प्रदेश के तीर्थ यात्रियों को आर्थिक सहायता पहुंचाना है।
संक्षिप्त नियम (1) यह नियम मध्यप्रदेश शासन, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग के कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्रा नियम, 2006 कहलायेंगे।
2. उद्देश्य तथा परिभाषा -
(1) इस योजना का उद्देश्य प्रदेश के कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्रा पर जाने वाले यात्रियों को आर्थिक सहायता पहुंचाना है।
(2) तीर्थ यात्रियों से तात्पर्य उन व्यक्तियों से है, जो भारत सरकार, विदेश मंत्रालय द्वारा चयनित किये गये हो तथा ऐसे व्यक्तियों ने कैलाश मानसरोवर की यात्रा पूर्ण कर ली हो।
3. तीर्थ यात्रा जाने के लिये पात्रता -
(1) कैलाश मानसरोवर की तीर्थयात्रा पर जाने वाला व्यक्ति मध्यप्रदेश का मूल निवासी हो ।
(2) भारत सरकार, विदेश मंत्रालय द्वारा चयनित व्यक्ति ही योजना का लाभ प्राप्त का पात्र होगा ।
(3) यदि आवेदनकर्त्ता (चयनित व्यक्तियों में) पति-पत्नी दोनों हों तो एक के चयन होने की स्थिति में दोनों की यात्रा की पात्रता भारत सरकार, विदेश मंत्रालय के दिशा-निर्देशानुसार होगी।
(4) जीवनकाल में केवल एक बार अनुदान प्राप्त करने की पात्रता होगी।
4. तीर्थ यात्रा हेतु अनुदान राशि -
(1) मध्यप्रदेश के ऐसे व्यक्ति, जिन्हें भारत सरकार, विदेश मंत्रालय द्वारा चयनित व्यक्ति की सूची में स्थान पाते हुए कैलाश मानसरोवर की यात्रा पूर्ण कर ली हो तो उन्हें यात्रा उपरान्त यात्रा पर हुए वास्तविक व्यय का प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना होगा और ऐसी यात्रा पर हुए व्यय का 50 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति अधिकतम रुपये 30,000/- तक राज्य शासन द्वारा की जायेगी, इसका प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा ।
(2) अनुदान प्राप्त करने के लिये प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम भोपाल को आवेदन करना होगा एवं पर्यटन विकास निगम अभिलेखों की जांच के पश्चात् अनुदान की राशि का भुगतान करेगा।
5. अनुदान का भुगतान -
अनुदान प्राप्त करने हेतु पात्र व्यक्ति तीर्थयात्रा उपरान्त अपने दावे निर्धारित प्रपत्र में विदेश मंत्रालय द्वारा प्रमाणित अभिलेख सहित प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम, भोपाल को यात्रा समाप्ति के 60 दिवस की समयावधि में प्रस्तुत करेगा।
इस नियम के किसी भी खण्ड या उपखण्ड की व्याख्या के लिये प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश शासन, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग के निर्देश अंतिम होंगे।
उक्त नियम राजपत्र में प्रकाशित होने के दिनांक से प्रभावशील होंगे।