No: 17 Dated: Nov, 21 2019
(बिहार अधिनियम 17, 2019)
औद्योगिक विवाद (बिहार संशोधन) अधिनियम, 2018
औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 (अधिनियम 14, 1947) का संशोधन करने के लिए अधिनियम
भारत-गणराज्य के उनहत्तरवें वर्ष में बिहार राज्य विधान मंडल द्वारा निम्नलिखित रूप में यह अधिनियमित हो -
1. संक्षिप्त नाम, विस्तार एवं प्रारंभ:- (1) यह अधिनियम "औद्योगिक विवाद (बिहार संशोधन) अधिनियम, 2018" कहा जा सकेगा।
(2) इसका विस्तार संपूर्ण बिहार राज्य में होगा।
(3) यह इसके राजपत्र में प्रकाशन की तिथि से प्रवृत्त होगा।
2. केन्द्रीय अधिनियम 14, 1947 की धारा-2 में संशोधन -औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 की धारा-2 का खंड-(ध) निम्नलिखित द्वारा प्रतिस्थापित किया जाएगा :
(ध) "कर्मकार" से अभिप्रेत है कोई ऐसा व्यक्ति (शिक्षु सहित), जो किसी उद्योग में भाड़े या इनाम के लिए कोई शारीरिक, अकुशल, कुशल, तकनीकी, संक्रियात्मक, लिपिकीय या पर्यवेक्षी कार्य या विक्रय संवर्धन के लिए नियोजित हो, चाहे नियोजन के निबंधन अभिव्यक्त हों या विवक्षित, और किसी औद्योगिक विवाद के संबंध में इस अधिनियम के अधीन की किसी कार्यवाही के प्रयोजनार्थ उसमें कोई भी व्यक्ति शामिल है जो उस विवाद के संबंध में या उनके परिणामस्वरुप पदच्युत या उन्मोचित कर दिया गया हो या जिसकी छंटनी कर दी गई हो अथवा जिसकी पदच्युति, उन्मोचन या छंटनी किए जाने से वह विवाद उत्पन्न हुआ हो, किन्तु उसमें कोई ऐसा व्यक्ति शामिल नहीं है जो
(i) वायु सेना अधिनियम, 1950 (1950 का 45) या सेना अधिनियम, 1950 (1950 का 46) या नौसेना अधिनियम, 1957 (1957 का 62) के अध्यधीन हो; अथवा
(ii) पुलिस सेवा में या किसी कारागार के अधिकारी या अन्य कर्मचारी के रुप में नियोजित हो; अथवा
(iii) मुख्यतः प्रबंधकीय या प्रशासनिक हैसियत में नियोजित हो; अथवा
(iv) पर्यवेक्षी हैसियत में नियोजित होते हुए प्रतिमास दस हजार रुपये से अधिक मजदूरी लेता हो अथवा या तो पद से संलग्न कर्तव्यों की प्रकृति के या अपने में निहित शक्तियों के कारण ऐसे कृत्यों का प्रयोग करता हो जो मुख्यतः प्रबन्धकीय प्रकृति के है।
मदन किशोर कौशिक,
सरकार के सचिव।
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