No: 1 Dated: Feb, 22 2019
[बिहार अधिनियम 1, 2019]
इन्दिरा गाँधी आयुर्विज्ञान संस्थान (संशोधन) अधिनियम, 2019
प्रस्तावना:- यतः, इन्दिरा गाँधी आयुर्विज्ञान संस्थान अधिनियम, 1984 द्वारा स्थापित इन्दिरा गाँधी आयुर्विज्ञान संस्थान की स्थापना का उद्देश्य उच्च स्तरीय स्वास्थ्य एवं चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध करना तथा सतत् शिक्षा कार्यक्रम एवं अनुसंधान को विकसित करना है; और
यतः, बिहार सरकार चिकित्सा शिक्षा, अनुसंधान तथा चिकित्सीय सुविधाओं की उत्तरोत्तर विकास के लिए सदैव प्रतिबद्ध है; और
यतः, अपरिहार्य स्थितियों में, इस संस्थान के निदेशक के कार्यकाल में विस्तार करने की शक्ति का उपबंध करना आवश्यक एवं समीचीन है;
इसलिए, अब, उपर्युक्त उद्देश्य की पूर्ति के लिए इन्दिरा गाँधी आयुर्विज्ञान संस्थान अधिनियम, 1984 (यथा समय-समय पर संशोधित) में संशोधन करना आवश्यक हो गया है।
भारत गणराज्य के सत्तरवें वर्ष में बिहार राज्य विधान मंडल द्वारा यह निम्नलिखित रूप में अधिनियमित हो
1. संक्षिप्त नाम और प्रारम्भ। - (1) यह अधिनियम "इन्दिरा गाँधी आयुर्विज्ञान संस्थान (संशोधन) अधिनियम, 2019" कहा जा सकेगा।
(2) यह तुरत प्रवृत्त होगा।
2. बिहार अधिनियम, 10, 1984 की धारा 12 में संशोधन:- अधिनियम की धारा 12 की उपधारा-(1) के अंत में निम्नलिखित एक नया परंतुक जोड़ा जायेगा
“परन्तु पद छोड़ने वाले निदेशक के कार्यकाल को, अधिकतम एक बार, सरकार द्वारा तीन वर्षों या उसके हिस्से के लिए, किन्तु 65 वर्ष की आयु से अधिक नहीं बढ़ाया जा सकेगा।
3. व्यावृत्ति।- ऐसे संशोधन के होते हुए भी, उक्त अधिनियम, 1984 (समय-समय पर यथा संशोधित) की धारा 12 के अधीन पूर्व में किए गए कुछ भी या की गई कोई भी कार्रवाई प्रभावित नहीं होगी।
बिहार राज्यपाल के आदेश से,
अखिलेश कुमार जैन,
सरकार के सचिव।