No: 63 Dated: Sep, 23 1948

कारखाना अधिनियम, 1948

(1948 का अधिनियम संख्यांक 63)

[23 सितम्बर, 1948]

कारखानों में श्रम को विनियमित करने

वाली विधि का समेकन और

संशोधन करने के लिए

अधिनियम

कारखाने में श्रम को विनियमित करने वाली विधि का समेकन और संशोधन करना समीचीन है;

अतः एतद्द्वारा निम्नलिखित रूप में यह अधिनियमित किया जाता है :-

अध्याय 1

प्रारम्भिक

1. संक्षिप्त नाम, विस्तार और प्रारम्भ-(1) यह अधिनियम कारखाना अधिनियम, 1948 कहा जा सकेगा

(2) इसका विस्तार संपूर्ण भारत पर है ।]

(3) यह 1949 के अप्रैल के प्रथम दिन को प्रवृत्त होगा ।

2. निर्वचन-इस अधिनियम में, जब तक कोई बात विषय या संदर्भ में विरुद्ध न हो,-

(क) “वयस्थ" से ऐसा व्यक्ति अभिप्रेत है जिसने अपनी आयु का अठारहवां वर्ष पूरा कर लिया है;

(ख) “कुमार" से ऐसा व्यक्ति अभिप्रेत है जिसने अपनी आयु का पन्द्रहवां वर्ष पूरा कर लिया है किन्तु अपना अठारहवां वर्ष पूरा नहीं किया है;

(खख) “कलेण्डर वर्ष" से किसी वर्ष में जनवरी के प्रथम दिन से आरम्भ होने वाली बारह मास की कालावधि अभिप्रेत है;]

(ग) “बालक" से ऐसा व्यक्ति अभिप्रेत है जिसने अपनी आयु का पन्द्रहवां वर्ष पूरा नहीं किया है;

(गक) इस अधिनियम के किसी उपबंध के संबंध में, “सक्षम व्यक्ति" से वह व्यक्ति या संस्था अभिप्रेत है जिसे मुख्य निरीक्षक ने इस अधिनियम के उपबंधों के अधीन किसी कारखाने में करने के लिए अपेक्षित परीक्षण, परीक्षाएं, और निरीक्षण करने के प्रयोजनों के लिए, ऐसे परीक्षणों, परीक्षाओं और निरीक्षणों के किए जाने की बाबत निम्नलिखित को ध्यान में रखते हुए, उस रूप में मान्यता दी गई है, अर्थात् :-

(i) व्यक्ति की अर्हताएं तथा अनुभव और उसे उपलब्ध सुविधाएं; या

(ii) ऐसी संस्था में नियोजित व्यक्तियों की अर्हताएं तथा अनुभव और उसमें उपलब्ध सुविधाएं,

और किसी कारखाने के संबंध में एक से अधिक व्यक्ति या संस्था को सक्षम व्यक्ति के रूप में मान्यता दी जा सकती है;

(गख) “परिसंकटमय प्रक्रिया" से, पहली अनुसूची में विनिर्दिष्ट किसी ऐसे उद्योग के संबंध में, कोई ऐसी प्रक्रिया या क्रियाकलाप अभिप्रेत है जहां, जब तक विशेष सावधानी नहीं बरती जाती, वहां उसमें प्रयुक्त कच्ची सामग्री या उसके मध्यवर्ती या परिसाधित उत्पाद, उपोत्पाद, उनके अपशिष्ट या बहिःस्रावव-

(i) से उस उद्योग में लगे हुए या उससे संबंधित व्यक्तियों के स्वास्थ्य का तात्त्विक ह्रास होगा, या

(ii) के परिणामस्वरूप साधारण पर्यावरण का प्रदूषण होगा :

परन्तु राज्य सरकार, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, पहली अनुसूची का उक्त अनुसूची में विनिर्दिष्ट किसी उद्योग में परिवर्धन, लोप या परिवर्तन के रूप में संशोधन कर सकेंगी;]

(घ) “अल्पवय व्यक्ति" से ऐसा व्यक्ति अभिप्रेत है जो या तो बालक है या कुमार है;

(ङ) “दिन" से अर्धरात्रि से आरम्भ होने वाली चौबीस घन्टे की कालावधि अभिप्रेत है;

(च) “सप्ताह" से शनिवार की रात्रि को या ऐसी अन्य रात्रि को, जो कारखानों के मुख्य निरीक्षक द्वारा किसी विशिष्ट क्षेत्र के लिए लिखकर अनुमोदित की जाए, मध्यरात्रि से आरम्भ होने वाली सात दिन की कालावधि अभिप्रेत है;

(छ) “शक्ति" से वैद्युत ऊर्जा या ऊर्जा का कोई अन्य रूप अभिप्रेत है, जिसका संचार यंत्र द्वारा किया जाता है और जिसका उत्पादन मानव या पशु द्वारा नहीं किया जाता है;

(ज) “मूलगति उत्पादक" से कोई इंजन, मोटर या अन्य साधित्र अभिप्रेत है जो शक्ति उत्पादन या अन्यथा प्रदान करता है;

(झ) “संचारण मशीनरी" से अभिप्रेत है कोई शैफ्ट, चक्र, ड्रम, घिरनी, घिरनी-तंत्र, युग्मन, क्लच, चालन-पट्टी या अन्य साधित्र या युक्ति जिससे मूलगति उत्पादक की गति किसी मशीनरी या साधित्र को संचारित होती है या उसके द्वारा प्राप्त की जाती है;

(ञ) “मशीनरी" से अभिप्रेत है मूल गति उत्पादक संचारण मशीनरी और अन्य सब साधित्र जिनसे शक्ति उत्पादित, रूपान्तरित या उपयोजित की जाती है;

(ट) “विनिर्माण प्रक्रिया" से अभिप्रेत है-

(i) किसी वस्तु या पदार्थ के प्रयोग, विक्रय, परिवहन, परिदान, या व्ययन की दृष्टि से उसका निर्माण, परिवर्तन, मरम्मत, अलंकरण, परिष्करण, पैकिंग स्नेहन, धुलाई, सफाई, विघटन, उन्मूलन या अन्यथा अभिक्रियान्वयन या अनुकूलन करने के लिए कोई प्रक्रिया, या

(ii) तेल, जल, मल या कोई अन्य पदार्थ उद्वहित करने के लिए कोई प्रक्रिया; याट

(iii) शक्ति का उत्पादन, रूपान्तरण या संचारण करने के लिए कोई प्रक्रिया; या

(iv) मुद्रण के लिए टाइप कम्पोज करने, लैटर-प्रैस, अश्म-मुद्रण, प्रकाशोत्कीर्ण या अन्य वैसी ही प्रक्रिया द्वारा मुद्रण या जिल्द-बन्दी करने के लिए कोई प्रक्रिया,ट  [या]

(v) पोतों या जलयानों को सन्निर्मित करने, पुनः सन्निर्मित करने, मरम्मत करने, पुनः फिट करने, परिष्कृत करने या विघटित करने के लिए कोई प्रक्रिया; 3[या]

(vi) शीतागार में किसी वस्तु के परिरक्षण या भंडारकरण के लिए कोई प्रक्रिया;

(ठ) “कर्मकार" से ऐसा व्यक्ति अभिप्रेत है जो किसी विनिर्माण प्रक्रिया में, या मशीनरी अथवा विनिर्माण प्रक्रिया के लिए प्रयुक्त परिसर के किसी भाग की सफाई में या विनिर्माण प्रक्रिया अथवा विनिर्माण प्रक्रियाधीन विषयवस्तु के प्रासंगिक या उससे सम्बन्धित किसी अन्य प्रकार के काम में  मुख्य नियोजक की जानकारी में या उसके बिना चाहे सीधे या किसी अभिकरण (जिसके अन्तर्गत ठेकेदार भी है) द्वारा या उसकी मार्फत और चाहे पारिश्रमिक पर या उसके बिना नियोजित हो, किन्तु संघ के सशस्त्र बल का कोई सदस्य इसके अन्तर्गत नहीं है;

(ड) “कारखाना" से अपनी प्रसीमाओं सहित कोई ऐसा परिसर अभिप्रेत है जिसमें-

(i) दस या अधिक कर्मकार काम कर रहे हैं या पूर्ववर्ती मास के किसी दिन काम कर रहे थे और जिसके किसी भाग में विनिर्माण प्रक्रिया शक्ति की सहायता से की जा रही है, या आमतौर से इस तरह की जाती है, या

(ii) बीस या अधिक कर्मकार काम कर रहे हैं या पूर्ववर्ती बारह मास के किसी दिन काम कर रहे थे, और जिसके किसी भाग में विनिर्माण प्रक्रिया शक्ति की सहायता के बिना की जा रही है, या आमतौर से ऐसे की जाती है, किन्तु कोई खान जो  खान अधिनियम, 1952 (1952 का 35) के प्रवर्तन के अध्यधीन है, या  [संघ के सशस्त्र बल की चलती-फिरती यूनिट, रेलवे रनिंग शेड या होटल, उपाहारगृह या भोजनालय] इसके अन्तर्गत नहीं हैं;

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