No: 36 Dated: May, 26 2003

 

विद्युत अधिनियम, 2003

(2003 का अधिनियम संख्यांक 36)

[26 मई, 2003]

भारत गणराज्य के चौवनवें वर्ष में संसद् द्वारा निम्नलिखित रूप में यह अधिनियमित हो :-

भाग 1

प्रारंभिक

1. संक्षिप्त नाम, विस्तार और प्रारंभ - (1) इस अधिनियम का संक्षिप्त नाम विद्युत अधिनियम, 2003 है ।

(2) इसका विस्तार, जम्मू-कश्मीर राज्य के सिवाय, संपूर्ण भारत पर है ।

(3) यह उस तारीख को प्रवृत्त होगा जो केन्द्रीय सरकार, अधिसूचना द्वारा, नियत करे:

परन्तु इस अधिनियम के भिन्न-भिन्न उपबंधों के लिए भिन्न-भिन्न तारीखें नियत की जा सकेंगी और किसी ऐसे उपबंध में इस अधिनियम के प्रारंभ के प्रति किसी निर्देश का यह अर्थ लगाया जाएगा कि वह उस उपबंध के प्रवर्तन में आने के प्रति निर्देश है ।

2. परिभाषाएं इस अधिनियम में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो, -

(1) "अपील अधिकरण" से धारा 110 के अधीन स्थापित विद्युत अपील अधिकरण अभिप्रेत है;

(2) "नियत तारीख" से वह तारीख अभिप्रेत है जिसे केन्द्रीय सरकार, अधिसूचना द्वारा, नियत करे;

(3) "प्रदाय क्षेत्र" से वह क्षेत्र अभिप्रेत है जिसके भीतर कोई वितरण अनुज्ञप्तिधारी अपनी अनुज्ञप्ति द्वारा विद्युत का प्रदाय करने के लिए प्राधिकृत है;

(4) "समुचित आयोग" से, यथास्थिति, धारा 76 की उपधारा (1) में निर्दिष्ट केन्द्रीय विनियामक आयोग या धारा 82 में निर्दिष्ट राज्य विनियामक आयोग या धारा 83 में निर्दिष्ट संयुक्त आयोग अभिप्रेत है;

(5) "समुचित सरकार" से, -

(क) (i) ऐसी उत्पादन कंपनी के संबंध में, जो पूर्णतः या भागतः उसके स्वामित्व में हो;

(ii) विद्युत के किसी अन्तरराज्यिक उत्पादन, पारेषण, व्यापार या प्रदाय के संबंध में और किन्हीं खानों, तेल क्षेत्रों, रेलों, राष्ट्रीय राजमार्गों, विमानपत्तनों, तार, प्रसारण केन्द्रों और किसी रक्षा संकर्म, डॉक यार्ड, परमाणुशक्ति संस्थापनों के संबंध में; और

(iii) राष्ट्रीय भार प्रेषण केंद्र तथा प्रादेशिक भार प्रेषण केंद्र के संबंध में;

(iv) उसके या उसके नियंत्रणाधीन किसी संकर्म या विद्युत संस्थापन के संबंध में, केन्द्रीय सरकार अभिप्रेत है;

(ख) किसी अन्य दशा में, इस अधिनियम के अधीन अधिकारिता रखने वाली राज्य सरकार अभिप्रेत है;

(6) "प्राधिकरण" से धारा 70 की उपधारा (1) में निर्दिष्ट केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण अभिप्रेत है;

(7) "बोर्ड" से इस अधिनियम के प्रारंभ के पूर्व, विद्युत (प्रदाय) अधिनियम, 1948 (1948 का 54) की धारा 5 की उपधारा (1) के अधीन गठित राज्य विद्युत बोर्ड अभिप्रेत है;

(8) "आबद्ध उत्पादन संयंत्र" से किसी व्यक्ति द्वारा प्राथमिक रूप से उसके स्वयं के उपयोग के लिए विद्युत का उत्पादन करने के लिए स्थापित विद्युत संयंत्र अभिप्रेत है और इसके अंतर्गत किसी सहकारी सोसाइटी या व्यक्ति-संगम द्वारा ऐसी सहकारी सोसाइटी या संगम के सदस्यों के उपयोग के लिए प्राथमिक रूप से विद्युत का उत्पादन करने के लिए स्थापित विद्युत संयंत्र भी है;

(9) "केन्द्रीय आयोग" से धारा 76 की उपधारा (1) में निर्दिष्ट केन्द्रीय विद्युत विनियामक आयोग अभिप्रेत है;

(10) "केन्द्रीय पारेषण उपयोगिता" से ऐसी कोई सरकारी कंपनी अभिप्रेत है, जिसे केन्द्रीय सरकार धारा 38 की उपधारा (1) के अधीन अधिसूचित करे;

(11) "अध्यक्ष" से, यथास्थिति, प्राधिकरण या समुचित आयोग या अपील अधिकरण का अध्यक्ष अभिप्रेत है;

(12) "सह उत्पादन" से ऐसी प्रक्रिया अभिप्रेत है, जो साथ-साथ दो या अधिक प्रकार की उपयोगी ऊर्जा (जिसके अन्तर्गत विद्युत भी है) उत्पादित करती है;

(13) "कंपनी" से कंपनी अधिनियम, 1956 (1956 का 1) के अधीन बनाई गई और रजिस्ट्रीकृत कंपनी अभिप्रेत है और इसके अंतर्गत केन्द्रीय, राज्य या प्रांतीय अधिनियम के अधीन कोई निगमित निकाय भी है;

(14) "संरक्षण" से विद्युत के प्रदाय और उपयोग में दक्षता में वृद्धि के परिणामस्वरूप विद्युत के उपभोग में कोई कमी अभिप्रेत है;

(15) "उपभोक्ता" से कोई ऐसा व्यक्ति अभिप्रेत है जिसे उसके स्वयं के उपयोग के लिए विद्युत का प्रदाय किसी अनुज्ञप्तिधारी या सरकार अथवा किसी ऐसे अन्य व्यक्ति द्वारा किया जाता है जो इस अधिनियम या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि के अधीन जनता को विद्युत का प्रदाय करने के कारबार में लगा हुआ है और इसके अंतर्गत कोई ऐसा व्यक्ति भी है जिसके परिसरों को विद्युत प्राप्त करने के प्रयोजन के लिए, यथास्थिति, अनुज्ञप्तिधारी, सरकार या ऐसे अन्य व्यक्ति के संकर्म के साथ तत्समय संयोजित किया गया है;

(16) "समर्पित पारेषण लाइनों" से किसी बिंदु से बिंदु तक पारेषण के लिए कोई विद्युत प्रदाय लाइन अभिप्रेत है, जो, धारा 9 में निर्दिष्ट विद्युत लाइनों या किसी आबद्ध उत्पादन संयंत्र के विद्युत संयंत्रों या धारा 10 में निर्दिष्ट उत्पादन केन्द्र को, यथास्थिति, किन्हीं पारेषण लाइनों या उप-केन्द्रों या उत्पादन केन्द्रों या भार केन्द्रों से संयोजन के प्रयोजन के लिए अपेक्षित है;

(17) "वितरण अनुज्ञप्तिधारी" से अपने प्रदाय क्षेत्र में उपभोक्ताओं को विद्युत का प्रदाय करने के लिए वितरण प्रणाली को प्रचालित करने और उसका रखरखाव करने के लिए प्राधिकृत अनुज्ञप्तिधारी अभिप्रेत है;

(18) "वितरण मुख्य तार" से, किसी मुख्य तार का वह प्रभाग अभिप्रेत है जिसके साथ कोई सेवा लाइन तुरंत संयोजित की जाती है या होनी आशयित है;

(19) "वितरण प्रणाली" से, पारेषण लाइनों या उत्पादन केन्द्र संयोजन पर परिदान बिंदुओं और उपभोक्ताओं के संस्थापन के संयोजन बिन्दु के बीच तारों और सहयुक्त सुविधाओं की प्रणाली अभिप्रेत है;

(20) "विद्युत लाइन" से ऐसी कोई लाइन अभिप्रेत है, जिसका उपयोग किसी प्रयोजन के लिए विद्युत ले जाने के लिए किया जाता है और इसके अंतर्गत निम्नलिखित भी हैं-

(क) ऐसी किसी लाइन के लिए कोई सहारा अर्थात् कोई संरचना, टावर, खंभा या ऐसी अन्य चीज जिसमें, जिस पर, जिसके द्वारा या जिससे किसी ऐसी लाइन को सहारा मिलता है या वह ले जाई जाती है या निलंबित की जाती है अथवा सहारा मिल सकता है, वह ले जाई जा निलंबित की जा सकती है; और

(ख) विद्युत ले जाने के प्रयोजन के लिए किसी ऐसी लाइन से संयोजित कोई साधित्र;

(21) "विद्युत निरीक्षक" से धारा 162 की उपधारा (1) के अधीन समुचित सरकार द्वारा उस रूप में नियुक्त व्यक्ति अभिप्रेत है और इसके अंतर्गत मुख्य विद्युत निरीक्षक भी है;

(22) "विद्युत संयंत्र" से ऐसा कोई संयंत्र, उपस्कर, यंत्र या साधित्र अथवा उसका कोई भाग अभिप्रेत है जिसका उपयोग विद्युत के उत्पादन, पारेषण, वितरण या प्रदाय के लिए या उससे संबंधित प्रयोजनों के लिए किया जाता है, किन्तु इसके अन्तर्गत निम्नलिखित नहीं हैं-

(क) कोई विद्युत लाइन; या

(ख) किसी परिसर को प्रदाय की गई विद्युत की मात्रा अभिनिश्चित करने के लिए उपयोग किया गया कोई मीटर; या

(ग) किसी उपभोक्ता के नियंत्रणाधीन कोई विद्युत उपस्कर, यंत्र या साधित्र;

(23) विद्युत" से, -

(क) किसी प्रयेजन के लिए उत्पादित, पारेषित, प्रदाय की गई या व्यापार की गई; या

(ख) किसी संदेश के पारेषण के सिवाय किसी प्रयोजन के लिए उपयोग की गई,

विद्युत ऊर्जा अभिप्रेत है;

(24) विद्युत प्रदाय कोड" से धारा 50 में विनिर्दिष्ट विद्युत प्रदाय कोड अभिप्रेत है;

(25) "विद्युत प्रणाली" से, यथास्थिति, किसी उत्पादन कंपनी या अनुज्ञप्तिधारी के नियंत्रणाधीन कोई प्रणाली अभिप्रेत है और जिसके पास एक या अधिक, -

(क) उत्पादन केन्द्र; या

(ख) पारेषण लाइनें; या

(ग) विद्युत लाइनें और उप-केन्द्र हैं,

और जब इसका उपयोग किसी राज्य या संघ के संदर्भ में किया जाए तो उसके राज्यक्षेत्रों के भीतर संपूर्ण विद्युत प्रणाली अभिप्रेत है;

(26) "विद्युत व्यापारी" से ऐसा कोई व्यक्ति अभिप्रेत है जिसे धारा 12 के अधीन विद्युत का व्यापार करने के लिए कोई अनुज्ञप्ति प्रदान की गई है;

(27) "विशेषाधिकार प्राप्त" से ऐसा व्यक्ति अभिप्रेत है जिसे किसी वितरण अनुज्ञप्तिधारी द्वारा उसकी ओर से उसके प्रदाय क्षेत्र के भीतर किसी विशेष क्षेत्र में विद्युत के वितरण के लिए प्राधिकृत किया गया है;

(28) "उत्पादन कंपनी" से अभिप्रेत है कोई कंपनी या निगम निकाय या संगम या व्यष्टियों का निकाय, चाहे वह निगमित हो या नहीं, या कृत्रिम न्यायिक व्यक्ति, जो किसी उत्पादन केन्द्र का स्वामी है या उसे प्रचालित करता है या उसका रखरखाव करता है;

(29) "उत्पादन करना" से किसी परिसर को प्रदाय करने या इस प्रकार किए जाने वाले प्रदाय को समर्थ बनाने के प्रयोजन के लिए उत्पादन केन्द्र से विद्युत का उत्पादन करना अभिप्रेत है;

(30) "उत्पादन केन्द्र" या "केन्द्र" से विद्युत उत्पादन करने के लिए कोई केन्द्र अभिप्रेत है जिसके अंतर्गत उस प्रयोजन के लिए प्रयुक्त स्टैप-अप ट्रांसफार्मर स्विचगियर, स्विच यार्ड केबल या अन्य अनुलग्न उपस्कर सहित, यदि कोई हों, कोई भवन और संयंत्र तथा उनके स्थल; किसी उत्पादन केन्द्र के प्रयोग के लिए आशयित कोई स्थल और कोई भवन जिसका उत्पादन केन्द्र के प्रचालक कर्मचारिवृन्द के आवास के लिए उपयोग किया जाता है और जहां जल शक्ति द्वारा विद्युत उत्पादित की जाती है, जिसके अंतर्गत पेनस्टॉक, आद्योपांत संकर्म, मुख्य और विनियामक जलाशय, बांध और अन्य जल विद्युत संकर्म भी हैं किन्तु किसी भी दशा में, इसके अंतर्गत कोई उप-केन्द्र नहीं है;

(31) "सरकारी कंपनी" का वही अर्थ है जो कंपनी अधिनियम, 1956 (1956 का 1) की धारा 617 में उसका है;

(32) "ग्रिड" से अंतःसहयोजित पारेषण लाइनें, उप-केन्द्र और उत्पादन संयंत्रों की उच्च वोल्ट वाली आधार प्रणाली अभिप्रेत है;

(33) "ग्रिड कोड" से धारा 79 की उपधारा (1) के खंड (ज) के अधीन केन्द्रीय आयोग द्वारा विनिर्दिष्ट ग्रिड कोड अभिप्रेत है;

(34) "ग्रिड मानक" से प्राधिकरण द्वारा धारा 73 के खंड (घ) के अधीन विनिर्दिष्ट ग्रिड मानक अभिप्रेत हैं;

(35) "उच्च वोल्टता लाइन" से किसी ऐसी अभिहित वोल्टता की विद्युत लाइन या केबल अभिप्रेत है जो समय-समय पर, प्राधिकरण द्वारा विनिर्दिष्ट की जाए;

(36) "अंतरराज्यिक पारेषण प्रणाली" के अन्तर्गत निम्नलिखित हैं-

(i) एक राज्य के राज्यक्षेत्र से दूसरे राज्य के राज्यक्षेत्र को मुख्य पारेषण लाइन के माध्यम से विद्युत के प्रवहण के लिए कोई प्रणाली;

(ii) किसी मध्यवर्ती राज्य के राज्यक्षेत्र में से होकर विद्युत का प्रवहण तथा ऐसे राज्य के भीतर प्रवहण जो विद्युत के ऐसे अंतरराज्यिक पारेषण के आनुषंगिक है;

(iii) किसी राज्य के राज्यक्षेत्र के भीतर, केन्द्रीय पारेषण उपयोगिता द्वारा निर्मित, उसके स्वामित्वाधीन, उसके द्वारा प्रचालित, अनुरक्षित या नियंत्रित प्रणाली पर विद्युत का पारेषण;

(37) "अंतरराज्यिक पारेषण प्रणाली" से अंतरराज्यिक पारेषण प्रणाली से भिन्न विद्युत के पारेषण के लिए कोई प्रणाली अभिप्रेत है;

(38) "अनुज्ञप्ति" से धारा 14 के अधीन प्रदान की गई अनुज्ञप्ति अभिप्रेत है;

(39) "अनुज्ञप्तिधारी" से ऐसा व्यक्ति अभिप्रेत है, जिसे धारा 14 के अधीन अनुज्ञप्ति प्रदान की गई है;

(40) "लाइन" से ऐसा कोई तार, केबल, ट्यूब, पाइप, विद्युत-रोधक, चालक या अन्य वैसी ही चीज (उसकी केसिंग या कोटिंग सहित) अभिप्रेत है जो विद्युत ले जाने में उपयोग के लिए डिजाइन या अनुकूलित की गई है और इसके अंतर्गत ऐसी कोई लाइन भी है जो परिवेष्टित करती है या आलंब देती है या परिवेष्टित की गई है या आलंब दिया गया है अथवा उसके सामीप्य में स्थापित किया गया है या किसी ऐसी लाइन से सहारा दिया गया है या ले जाया गया है या उसके संयोजन में निलंबित किया गया है;

(41) "स्थानीय प्राधिकारी" से ऐसी कोई नगर पंचायत, नगर परिषद्, नगर निगम, ग्राम, मध्यवर्ती और जिला स्तरों पर गठित पंचायत, पत्तन आयुक्तों का निकाय या अन्य प्राधिकरण अभिप्रेत है जो किसी क्षेत्रीय या स्थानीय निधि का नियत्रण या प्रबंध करने के लिए विधितः हकदार है या उसे संघ या किसी राज्य सरकार द्वारा ऐसा नियंत्रण या प्रबंध सौंपा जाता है;

(42) "मुख्य तार" से अभिप्रेत है कोई विद्युत प्रदाय लाइन जिसके माध्यम से विद्युत-प्रदाय किया जाता है या किया जाना आशयित है;

(43) "सदस्य" से, यथास्थिति, समुचित आयोग या प्राधिकरण या संयुक्त आयोग या अपील अधिकरण का सदस्य अभिप्रेत है और इसके अन्तर्गत ऐसे आयोग या प्राधिकरण या अपील अधिकरण का अध्यक्ष भी है;

(44) "राष्ट्रीय विद्युत योजना" से धारा 3 की उपधारा (4) के अधीन अधिसूचित राष्ट्रीय विद्युत योजना अभिप्रेत है;

(45) "राष्ट्रीय भार प्रेषण केन्द्र" से धारा 26 की उपधारा (1) के अधीन स्थापित केन्द्र अभिप्रेत है;

(46) "अधिसूचना" से राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना अभिप्रेत है और अधिसूचित करना" पद का तद्नुसार अर्थ लगाया जाएगा;

(47) "निर्बाध पहुंच" से पारेषण लाइनों या वितरण प्रणाली या ऐसी लाइनों या प्रणाली सहित सहयुक्त सुविधाओं के किसी अनुज्ञप्तिधारी या उपभोक्ता या समुचित आयोग द्वारा विनिर्दिष्ट विनियमों के अनुसार उत्पादन में लगे किसी व्यक्ति द्वारा उपयोग की अविभेदकारी व्यवस्था अभिप्रेत है;

(48) "शिरोपरि लाइन" से ऐसी विद्युत लाइन अभिप्रेत है जो भूमि के ऊपर और खुली वायु में लगी हुई है किन्तु संकर्षण प्रणाली की विद्युतमय रेलें इसके अंतर्गत नहीं हैं;

(49) "व्यक्ति" के अंतर्गत कोई कंपनी, या निगम निकाय या संगम या व्यष्टियों का निकाय, चाहे वह निगमित हो या नहीं, या कृत्रिम विधिक व्यक्ति आता है;

(50) "विद्युत प्रणाली" से विद्युत के उत्पादन, पारेषण, वितरण और प्रदाय के सभी पहलू अभिप्रेत हैं और इसके अंतर्गत निम्नलिखित में से एक या अधिक है-

(क) उत्पादन केन्द्र;

(ख) पारेषण या मुख्य पारेषण लाइनें;

(ग) उप-केन्द्र;

(घ) टाई लाइनें;

(ङ) भार पारेषण क्रियाकलाप;

(च) मुख्य और वितरण मुख्य लाइनें;

(छ) विद्युत प्रदाय लाइनें;

(ज) शिरोपरि लाइनें;

(झ) सेवा लाइनें;

(ञ) संकर्म;

(51) "परिसर" के अंतर्गत कोई भूमि, भवन या संरचना है;

(52) "विहित" से इस अधिनियम के अधीन समुचित सरकार द्वारा बनाए गए नियमों द्वारा विहित अभिप्रेत है;

(53) "सार्वजनिक लैम्प" से ऐसा विद्युत लैम्प अभिप्रेत है जिसका किसी मार्ग पर प्रकाश करने के लिए प्रयोग किया जाता है;

(54) "वास्तविक समय प्रचालन" से उसी समय की जाने वाली कार्रवाई अभिप्रेत है जिस समय विद्युत प्रणाली के बारे में कोई सूचना संबंधित पारेषण केन्द्र को उपलब्ध कराई जाती है;

(55) "प्रादेशिक विद्युत समिति" से ऐसी समिति अभिप्रेत है जो केन्द्रीय सरकार द्वारा, संकल्प द्वारा उस क्षेत्र में विद्युत प्रणालियों के एकीकृत प्रचालन को सुकर बनाने के लिए विनिर्दिष्ट क्षेत्र के लिए स्थापित की जाती है;

(56) "प्रादेशिक भार प्रेषण केन्द्र" से धारा 27 की उपधारा (1) के अधीन स्थापित केन्द्र अभिप्रेत है;

(57) "विनियम" से इस अधिनियम के अधीन बनाए गए विनियम अभिप्रेत हैं :

(58) "निरसित विधि" से धारा 185 द्वारा निरसित भारतीय विद्युत अधिनियम, 1910 (1910 का 9), विद्युत (प्रदाय) अधिनियम, 1948 (1948 का 54) और विद्युत विनियामक आयोग अधिनियम, 1998 (1998 का 14) अभिप्रेत है;

(59) "नियम" से इस अधिनिमय के अधीन बनाए गए नियम अभिप्रेत हैं;

(60) "अनुसूची" से, इस अधिनियम की अनुसूची अभिप्रेत है;

(61) "सेवा लाइन" से ऐसी कोई विद्युत प्रदाय लाइन अभिप्रेत है जिसके माध्यम से विद्युत का प्रदाय-

(क) एकल उपभोक्ता को या तो वितरण मुख्य लाइन से या सीधे वितरण अनुज्ञप्तिधारी के परिसर से, या

(ख) उपभोक्ता समूह को मुख्य वितरण लाइन से एक ही परिसर पर, अथवा मुख्य वितरण के उसी बिन्दु से प्रदाय किए गए संलग्न परिसर पर, किया जाता है या किया जाना आशयित है;

(62) "विनिर्दिष्ट" से इस अधिनियम के अधीन, यथास्थिति, समुचित आयोग या प्राधिकरण द्वारा बनाए गए विनियमों द्वारा विनिर्दिष्ट अभिप्रेत है;

(63) "एकल आधार प्रणाली" से ऐसी विद्युत प्रणाली अभिप्रेत है जो ग्रिड से संयोजन के बिना किसी विनिर्दिष्ट क्षेत्र में विद्युत के उत्पादन और वितरण के लिए स्थापित की गई है;

(64) "राज्य आयोग" से धारा 82 की उपधारा (1) के अधीन गठित राज्य विद्युत विनियामक आयोग अभिप्रेत है और इसके अंतर्गत धारा 83 की उपधारा (1) के अधीन गठित संयुक्त आयोग भी है;

(65) "राज्य ग्रिड कोड" से धारा 86 की उपधारा (1) के खंड (ज) के अधीन विनिर्दिष्ट राज्य ग्रिड कोड अभिप्रेत है;

(66) "राज्य भार प्रेषण केन्द्र" से धारा 31 की उपधारा (1) के अधीन स्थापित केन्द्र अभिप्रेत है;

(67) "राज्य पारेषण उपयोगिता" से ऐसा बोर्ड या सरकारी कंपनी अभिप्रेत है जो धारा 39 की उपधारा (1) के अधीन राज्य सरकार द्वारा इस रूप में विनिर्दिष्ट की गई है;

(68) "मार्ग" के अंतर्गत कोई रास्ता, सड़क, लेन, चौराहा, आंगन, गली, पगडंडी या खुला स्थान अभिप्रेत है चाहे वह आम रास्ता हो अथवा नहीं, जिस पर जनता को आने-जाने का अधिकार होता है और किसी सार्वजनिक पुल या पुलिया पर कोई सड़क या पैदल रास्ता भी है;

(69) "उप-केन्द्र" से विद्युत के पारेषण या उसके वितरण के लिए विद्युत को रूपान्तरित या संपरिवर्तित करने के लिए केन्द्र अभिप्रेत है और इसके अंतर्गत ट्रांसफार्मर, संपरिवर्तित, स्विचगीयर, कैपेसिटर, तुल्यकालिक कन्डेन्सर, संरचनाएं, केबल और अन्य अनुलग्नक उपस्कर तथा उस प्रयोजन के लिए उपयोग किया जाने वाला कोई भवन और उसका स्थल भी है;

(70) "विद्युत के संबंध में प्रदाय" से, किसी अनुज्ञप्तिधारी या उपभोक्ता को विद्युत का विक्रय अभिप्रेत है;

(71) व्यापार" से पुनर्विक्रय के लिए विद्युत का क्रय किया जाना अभिप्रेत है और व्यापार" पद का तद्नुसार अर्थ लगाया जाएगा;

(72) "पारेषण लाइन" से अभिप्रेत है ऐसी सभी उच्च दाब केबल और शिरोपरि लाइनें (जो किसी अनुज्ञप्तिधारी की वितरण प्रणाली का आवश्यक भाग नहीं है) जो एक उत्पादन केन्द्र से दूसरे उत्पादन केन्द्र को या उप-केन्द्र को विद्युत का पारेषण करती हैं, ऐसी किन्हीं स्टैप-अप और स्टैप-डाउन ट्रांसफार्मरों, स्विचगीयरों और अन्य संकर्मों सहित जो ऐसी केबलों या शिरोपरि लाइनों के नियंत्रण के लिए आवश्यक हैं और प्रयोग किए जाते हैं तथा ऐसे भवनों या उनके भाग सहित जो ऐसे ट्रांसफार्मरों, स्विचगीयरों और अन्य संकर्मों के आवासन के लिए अपेक्षित हैं;

(73) "पारेषण अनुज्ञप्तिधारी" से ऐसा अनुज्ञप्तिधारी अभिप्रेत है जो पारेषण लाइनों को स्थापित करने या प्रचालित करने के लिए प्राधिकृत है;

(74) "पारेषण करना" से विद्युत का पारेषण लाइनों के माध्यम से प्रवहण अभिप्रेत है और पारेषण" पद का तद्नुसार अर्थ लगाया जाएगा;

(75) "उपयोगिता" से विद्युत लाइनें या विद्युत संयंत्र अभिप्रेत है और इसके अंतर्गत इस अधिनियम के उपबंधों के अधीन उत्पादक कंपनी या अनुज्ञप्तिधारी के रूप में कार्यरत किसी व्यक्ति की सभी भूमि, भवन, संकर्म और उनसे संलग्न सामग्री है;

(76) "चक्रण" से ऐसा प्रचालन अभिप्रेत है जिसके द्वारा, यथास्थिति, पारेषण अनुज्ञप्तिधारी या वितरण अनुज्ञप्तिधारी की वितरण प्रणाली और सहबद्ध सुविधाओं का उपयोग किसी अन्य व्यक्ति द्वारा ऐसे प्रभारों के संदाय पर जो धारा 62 के अधीन अवधारित किए जाने हैं, विद्युत के प्रवहण के लिए किया जाना है;

(77) "संकर्म" के अंतर्गत ऐसी विद्युत लाइनें और कोई भवन, संयंत्र, मशीनरी, साधित्र और किसी भी प्रकार की ऐसी कोई अन्य चीज जो जनता को विद्युत के पारेषण, वितरण या प्रदाय और इस अधिनियम या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि के अधीन प्रदान की गई किसी अनुज्ञप्ति या मंजूरी के उद्देश्यों को प्रभावी करने के लिए अपेक्षित है ।

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