छत्तीसगढ़ अधीनस्थ लेखा (तृतीय श्रेणी) सेवा (भर्ती तथा सेवा की शर्ते) नियम, 2011
No: 1 Dated: Dec, 26 2011
वित्त विभाग
दिनांक 26 दिसम्बर 2011
क्रमांक एफ-1-25/2011/स्था/चार.-भारत के संविधान के अनुच्छेद 309 के परन्तुक द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए, छत्तीसगढ़ के राज्यपाल, एतद्द्वारा, छत्तीसगढ़ अधीनस्थ लेखा सेवा में नियुक्त किये जाने वाले व्यक्तियों की भर्ती तथा सेवा शर्तों के विनियमन करने हेतु निम्नलिखित नियम बनाते हैं, अर्थात् :
नियम
1. संक्षिप्त नाम तथा प्रारंभ.- (1) ये नियम छत्तीसगढ़ अधीनस्थ लेखा (तृतीय श्रेणी) सेवा (भर्ती तथा सेवा की शर्ते) नियम, 2011 कहलायेंगे
(2) ये नियम राजपत्र में इसके प्रकाशन की तारीख से प्रवृत्त होंगे।
2. परिभाषाएं.- इन नियमों में जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो,
(क) सेवा के संबंध में “नियुक्ति प्राधिकारी” से अभिप्रेत है, आयुक्त/संचालक, कोष लेखा एवं पेंशन;
(ख) “समिति” से अभिप्रेत है, आयुक्त/संचालक, कोष लेखा एवं पेंशन द्वारा अनुमोदित चयन समिति;
(ग) “आयोग" से अभिप्रेत है, छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग;
(घ)“परीक्षा" से अभिप्रेत है, नियम 11 के अधीन भर्ती के लिये आयोजित प्रतियोगिता परीक्षा;
(ड़)“शासन” से अभिप्रेत है, छत्तीसगढ़ शासन;
(च)“राज्यपाल” से अभिप्रेत है, छत्तीसगढ़ के राज्यपाल;
(छ)“अनुसूची” से अभिप्रेत है, इन नियमों से संलग्न अनुसूची;
(ज)“अनुसूचित जाति” से अभिप्रेत है, भारत के संविधान के अनुच्छेद 341 के अधीन इस राज्य के संबंध में यथाविनिर्दिष्ट अनुसूचित जाति;
(झ)“अनुसूचित जनजाति” से अभिप्रेत है, भारत के संविधान के अनुच्छेद 342 के अधीन इस राज्य के संबंध में यथाविनिर्दिष्ट अनुसूचित जनजाति;
(ञ)“अन्य पिछड़ा वर्ग" से अभिप्रेत है, राज्य शासन द्वारा समय-समय पर यथासंशोधित अधिसूचना क्रमांक एफ 8-5/पच्चीस/4-84, दिनांक 26 दिसम्बर, 1984 द्वारा यथाविनिर्दिष्ट नागरिकों के अन्य पिछड़े वर्ग;
(ट) “सेवा” से अभिप्रेत है, छत्तीसगढ़ अधीनस्थ लेखा सेवा;
(ठ) “राज्य” से अभिप्रेत है, छत्तीसगढ़ राज्य।
3. विस्तार तथा लागू होना.- छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (सेवा की सामान्य शर्ते) नियम, 1961 में अन्तर्विष्ट उपबंधों की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, ये नियम सेवा के प्रत्येक सदस्य पर लागू होंगे।
4. सेवा का गठन.- सेवा में निम्नलिखित व्यक्ति समाविष्ट होंगे, अर्थात्:
(1) वे व्यक्ति, जो इन नियमों के प्रारंभ होने के समय, अनुसूची-एक में विनिर्दिष्ट पदों को मूलतः धारण कर रहे हों;
(2) वे व्यक्ति, जो इन नियमों के प्रारंभ होने के पूर्व सेवा में भर्ती किये गये हों, और
(3) वे व्यक्ति, जो इन नियमों के उपबन्धों के अनुसार सेवा में भर्ती किये गये हों।
5. वर्गीकरण, वेतनमान इत्यादि.- सेवा का वर्गीकरण, सेवा में सम्मिलित पदों की संख्या एवं उससे संलग्न वेतनमान, अनुसूची-एक में विनिर्दिष्ट उपबन्धों के अनुसार होगाः ।
परन्तु सरकार, सेवा में सम्मिलित पदों की संख्या में, समय-समय पर, या - तो स्थायी या अस्थायी तौर पर, वृद्धि या कमी कर सकेगी।