No: 15 Dated: Aug, 08 2011

[बिहार अधिनियम 15, 2011] 

बिहार भूमिगत पाईप लाईन (भूमि में उपयोग कर्ता के अधिकार का अर्जन) अधिनियम, 2011 

प्रस्तावना:- बिहार राज्य में जल, गैस या अन्य सामग्री ले जाने के लिए भूमिगत पाईप लाईन बिछाने हेतु भूमि में उपयोग कर्ता के अधिकार के अर्जन तथा उससे सम्बन्धित या अनुषंगी विषयों के लिए प्रावधान करने के लिए अधिनियम। 

भारत गणराज्य के बासठवें वर्ष में बिहार राज्य विधान मंडल द्वारा निम्नलिखित रूप में यह अधिनियमित हो: 

1. संक्षिप्त नाम, विस्तार एवं प्रारम्भ।-(1) यह अधिनियम बिहार भूमिगत पाईप लाईन (भूमि में उपयोग-कर्ता के अधिकार का अर्जन) अधिनियम, 2011 कहा जा सकेगा। 

  (2) इसका विस्तार सम्पूर्ण बिहार राज्य में होगा। 

  (3) यह उस तिथि से प्रवृत्त होगा, जिसे राज्य सरकार, अधिसूचना द्वारा नियत करे। 

2. परिभाषाएँ :- इस अधिनियम में, जबतक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो :-

(क) “सक्षम प्राधिकार” से अभिप्रेत है राज्य सरकार द्वारा राजपत्र में अधिसूचना द्वारा इस अधिनियम के अधीन कृत्यों को करने हेतु प्राधिकृत कोई व्यक्ति या प्राधिकार; (ख) “निगम” से अभिप्रेत है किसी केन्द्रीय अथवा राज्य अधिनियम अथवा कम्पनी अधिनियम, 1956 

(केन्द्रीय अधिनियम, 1956 का 1) के अधीन स्थापित एवं निबंधित कोई निगमित निकाय; 

(ग) “विहित" से अभिप्रेत है इस अधिनियम के अधीन बने नियम के अधीन विहित; 

(घ) “राज्य सरकार" से अभिप्रेत है बिहार राज्य सरकार; 

(ङ) “भूमिगत पाइप लाईन” से अभिप्रेत है भू–सतह के डेढ़ मीटर से अन्यून गहराई में बिछाई गई पाईप लाईन। 

3. भूमि उपयोग कर्ता के अधिकार अर्जन हेतु अधिसूचना का प्रकाशन।-(1) जब कभी राज्य सरकार को यह प्रतीत हो कि लोक-हित में किसी एक स्थान से दूसरे स्थान तक जल, गैस या अन्य सामग्री ले जाना आवश्यक है, एक भूमिगत पाईप लाईन बिछाई जा सकेगी और ऐसी पाईप लाईन बिछाने के प्रयोजनार्थ किसी भूमि में उपयोग कर्ता के अधिकार का अर्जन आवश्यक होगा, राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशित कर, उसमें उपयोग के अधिकार के अर्जन की अपनी इस इच्छा को घोषित कर सकेगी। 

(2) उप-धारा (1) के अधीन प्रत्येक अधिसूचना में भूमि का संक्षिप्त विवरण दिया रहेगा। 

(3) सक्षम प्राधिकार, ऐसे स्थानों पर एवं रीति से, जो विहित की जा सकेंगी, अधिसूचना का सार प्रकाशित कराएगा। 

(4) भूमि से हितबद्ध कोई व्यक्ति उप-धारा (1) के अधीन अधिसूचना निर्गत होने के 21 दिनों के अन्दर उक्त पाईप लाईन बिछाए जाने में आपत्ति कर सकेगा। 

(5) उप-धारा (4) के अधीन प्रत्येक आपत्ति लिखित रूप में सक्षम प्राधिकार के समक्ष की जाएगी जिसमें उसका आधार उल्लिखित रहेगा और सक्षम प्राधिकार आपत्तिकर्ता को स्वयं या उसके अधिवक्ता को सुनवाई का अवसर प्रदान करेगा और सभी आपत्तियों की सुनवाई और आगे ऐसी जाँच, यदि कोई हो, जिसे वह आवश्यक समझे, करने के उपरान्त आदेश पारित कर आपत्तियों को स्वीकृत अथवा अस्वीकृत कर सकेगा। 

(6) उप-धारा (5) के अधीन सक्षम प्राधिकार द्वारा पारित प्रत्येक आदेश अंतिम होगा। 

4. भूमि में उपयोग कर्ता के अधिकार के अर्जन की घोषणा:- (1) जहाँ धारा-3 की उप-धारा (4) के अधीन उसमें यथा विहित अवधि के भीतर सक्षम प्राधिकार के समक्ष कोई आपत्ति नहीं की जाय अथवा सक्षम प्राधिकार द्वारा अंतिम आदेश पारित कर दिया जाय, वहाँ तत्पश्चात् सक्षम प्राधिकार, राजपत्र में अधिसूचना के द्वारा घोषित करेगा कि भूमिगत पाईप लाईन बिछाने के लिए भूमि में उपयोगकर्ता के अधिकार की लोक हित में आवश्यकता है। 

(2) उप-धारा (1) के अधीन घोषणा के प्रकाशन पर उसमें विनिवि भूमि में उपयोग कर्ता का अधिकार, सभी अवभारों से मुक्त, राज्य सरकार में निरपेक्षतः निहित हो जाएगा। 

(3) उप-धारा (2) में किसी बात के अंतर्विष्ट होते हुये भी, राज्य सरकार, ऐसी बातों एवं शर्तों पर, जिन्हें वह उपयुक्त समझे, लिखित आदेश के द्वारा, निदेशित करेगी कि भूमिगत पाईप लाईन बिछाने संबंधी भूमि उपयोग-कर्ता का अधिकार राज्य सरकार में निहित होने के स्थान पर, सभी अवभारों से मुक्त, भूमिगत पाईप लाईन बिछाने वाले प्रस्तावक निगम में निहित होगा।

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