No: 19 Dated: Sep, 04 2017

[बिहार अधिनियम 19, 2017] 
बिहार कराधान विधि (संशोधन एवं विधिमान्यकरण) अधिनियम, 2017 
बिहार मूल्य वर्द्धित कर अधिनियम, 2005 (अधिनियम 27, 2005) का संशोधन एवं विधिमान्यकरण करने के लिए अधिनियम 

भारत गणराज्य के अड़सठवें वर्ष में बिहार राज्य विधान-मंडल द्वारा निम्नलिखित रूप में यह अधिनियमित हो: 
1. संक्षिप्त नाम, विस्तार और प्रारम्भ। (1) यह अधिनियम "बिहार कराधान विधि (संशोधन एवं विधिमान्यकरण) अधिनियम, 2017" कहा जा सकेगा। 
   (2) इसका विस्तार संपूर्ण बिहार राज्य में होगा। 
   (3) यह पहली जुलाई, 2017 के प्रभाव से प्रवृत्त होगा। 
2. बिहार मूल्य वर्द्धित कर अधिनियम, 2005 (अधिनियम 27, 2005) की धारा-14 का संशोधन:- बिहार मूल्य वर्द्धित कर अधिनियम, 2005 (अधिनियम 27, 2005) की धारा-14 निम्नवत् प्रतिस्थापित किया जायेगा, यथा 
   "14. कर की दर। मालों की विक्रय कीमत पर पचास प्रतिशत से अनधिक ऐसी दर से, जो राज्य सरकार, ऐसी शर्तों और निबंधनों के अधीन रहते हए, अधिसूचना द्वारा विनिर्दिष्ट करे, कर संदाय होगा।" 
3. विधिमान्यकरण (1) बिहार मूल्य वर्द्धित कर अधिनियम, 2005 की धारा-14 में किए गए संशोधन सभी प्रयोजनों हेतु 2017 के जुलाई माह की पहली तारीख के प्रभाव से सभी तात्विक समय में विधिमान्यतः एवं प्रभावकारी रूप से प्रवृत्त एवं सदैव प्रवृत्त समझा जायेगा। 
       (2) इस अधिनियम के प्रवृत्त होने के पूर्व बिहार मूल्य वर्द्धित कर अधिनियम, 2005 (बिहार अधिनियम 13, 2017 द्वारा यथा संशोधित) की धारा-14 एवं धारा-13 की उपधारा (1) के अधीन निर्गत कोई अधिसूचना, सभी प्रयोजनों हेतु, 2017 के जुलाई माह की पहली तारीख के प्रभाव से, विधिमान्यतः एवं प्रभावकारी रूप से प्रवृत्त समझी जाएगी। 
       (3) बिहार मूल्य वर्द्धित कर अधिनियम, 2005 की धारा-14 में किए गए संशोधन या उपधारा (2) में वर्णित अधिसूचनाओं के अधीन अधिरोपित या संग्रहित कोई कर, सभी प्रयोजनों हेतु विधिमान्यतः एवं प्रभावकारी रूप से अधिरोपित, निर्धारित, संग्रहित समझा एवं सदैव समझा जाएगा मानो उक्त अधिसूचनाएँ सभी तात्विक समय में प्रवृत्त थीं एवं किसी न्यायालय, न्यायाधिकरण अथवा अन्य प्राधिकार के किसी निर्णय, डिक्री अथवा आदेश में किसी बात के होते हुए भी 
   (क) बिहार मूल्य वर्द्धित कर अधिनियम, 2005 की धारा-14 में किए गए संशोधन या उपधारा (2) के अधीन निर्गत अधिसूचनाओं के द्वारा प्राप्त या संग्रहित किसी राशि की वापसी हेतु किसी न्यायालय, न्यायाधिकरण अथवा अन्य प्राधिकार में कोई वाद या कोई कार्रवाई न तो प्रारंभ की जायेगी, न चलायी जायेगी और न ही जारी रखी जायेगी। 
   (ख) बिहार मूल्य वर्द्धित कर अधिनियम, 2005 की धारा-14 में किए गए संशोधन या उपधारा (2) के अधीन निर्गत अधिसूचनाओं के द्वारा प्राप्त या संग्रहित किसी राशि की वापसी हेतु किसी न्यायालय, न्यायाधिकरण अथवा अन्य प्राधिकार द्वारा कोई डिक्री अथवा आदेश का प्रवर्तन नहीं कराया जायेगा; 
   (ग) ऐसी सभी राशि, जो बिहार मूल्य वर्द्धित कर अधिनियम, 2005 की धारा-14 में किए गए संशोधन या धारा-13 की उपधारा (2) के अधीन निर्गत अधिसूचनाओं के फलस्वरूप संग्रहित की जा सकती थी परंतु जिनका संग्रहण नहीं किया गया हो, बिहार मूल्य वर्द्धित कर अधिनियम, 2005 की धारा-14 में किए गए संशोधन या उपधारा (2) के अधीन निर्गत अधिसूचनाओं के अनुरूप वसूल की जा सकेगी। 

बिहार राज्यपाल के आदेश से, 
मनोज कुमार,            
सरकार के संयुक्त सचिव   

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