No: 3 Dated: Apr, 05 2018

[बिहार अधिनियम 3, 2018] 
बिहार राज्य जल और वाहित मल बोर्ड (निरसन) अधिनियम, 2017 

बिहार राज्य जल और वाहित मल बोर्ड अधिनियम, 1982 का निरसन करने के लिए अधिनियम। 
भारत-गणराज्य के अड़सठवें वर्ष में बिहार राज्य विधान मंडल द्वारा निम्नलिखित रूप में यह अधिनियमित हों : 
1. संक्षिप्त नाम, विस्तार और आरंभ। (1) यह अधिनियम "बिहार राज्य जल और वाहित मल बोर्ड (निरसन) अधिनियम, 2017" कहा जा सकेगा। 
(2) इसका विस्तार सम्पूर्ण बिहार राज्य में होगा। 
(3) यह उस तिथि को प्रवृत्त हो, जिसे राज्य सरकार राजपत्र में अधिसूचना द्वारा नियत करे। 
2. बिहार राज्य जल और वाहित मल बोर्ड अधिनियम, 1982 (बिहार अधिनियम 56, 1982) का निरसन-  बिहार राज्य जल और वाहित मल बोर्ड अधिनियम, 1982 (बिहार अधिनियम 56, 1982) एतद् द्वारा निरसित किया जाता है। 
       ऐसे निरसन होने पर भी (क) बिहार राज्य जल और वाहित मल बोर्ड अधिनियम, 1982 के तहत गठित बिहार राज्य जल पर्षद् की सभी चल अचल आस्ति/सम्पत्ति, सभी प्रकार की देनदारी/दायित्व/वर्तमान में क्रियान्वित सभी परियोजनाओं एवं अनुबंध, विधिक मामलें तथा अन्य सभी प्रकार के अधिकार एवं दायित्व बिहार शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड (बुडको) में विलीन हो जायेंगे और बिहार शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड (बुडको) का ही भाग हो जायेंगे। 
    (ख) बिहार राज्य जल पर्षद्, के सभी पदाधिकारी एवं कर्मचारी, जो तकनीकी, गैर तकनीकी, सरकार से प्रतिनियुक्त, संविदा एवं अन्य किसी भी प्रकार से कार्यरत हैं, अपनी सेवा-शर्त के अनुरूप, बिहार शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड (बुडको) के ही कर्मी हो जायेंगे। 
    (ग) बिहार राज्य जल पर्षद् के सभी आस्तियों एवं दायित्वों का मूल्यांकन रजिस्ट्रीकृत मूल्यांकक द्वारा किया जायेगा और इसी प्रकार बिहार शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड अपना मूल्यांकित हिस्सा प्राप्त करेगा तथा बिहार राज्य जल पर्षद के वास्तविक मूल्य के राषि के बराबर बिहार शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड के हिस्से, मूल्यांकित राशि अथवा नामिक मूल्य यथा प्रिमियम पर अथवा वास्तविक मूल्य, जो भी अधिक हो, के आधार पर बिहार राज्यपाल के नाम पर निर्गत किया जायेगा। 
3. व्यावृति।- ऐसे निरसन के होते हुए भी उक्त अधिनियम के अधीन किया गया कुछ भी या की गई कोई कार्रवाई इस अधिनियम के अधीन किया गया या की गई समझी जायेगी मानो यह अधिनियम उस तिथि को प्रवृत्त था जिस दिन वैसा कुछ किया गया था अथवा वैसी कोई कार्रवाई की गयी थी।। 

बिहार राज्यपाल के आदेश से, 
सुरेन्द्र प्रसाद शर्मा, 
सरकार के सचिव। 

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