बिहार राज्य विश्वविद्यालय (संशोधन) अधिनियम, 2017
No: 20 Dated: Sep, 04 2017
[बिहार अधिनियम 20, 2017]
बिहार राज्य विश्वविद्यालय (संशोधन) अधिनियम, 2017
बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम, 1976 (बिहार अधिनियम 23, 1976) (समय-समय पर यथा संशोधित) का संशोधन करने के लिए अधिनियम।
प्रस्तावना :- चूंकि, राज्य सरकार ने संकल्प संख्या 1846 दिनांक 21.11.2008 के द्वारा वित्त रहित शिक्षा नीति को समाप्त करने तथा डिग्री महाविद्यालय सहित संस्थानों को अनुदान देने का निर्णय लिया है। कालान्तर में संबद्ध डिग्री महाविद्यालयों के शिक्षकों के बीच अनुदान राशि के वितरण के क्रम में ऐसा देखा गया है कि उक्त कोटि के महाविद्यालयों में लंबी अवधि से कार्यरत अनेक शिक्षकों की नियुक्ति शासी निकाय द्वारा की गई थी। हालांकि, कतिपय कारणों से उक्त कोटि के शिक्षकों के मामले में तत्कालीन बिहार कॉलेज सेवा आयोग की अनुशंसा प्राप्त नहीं की गई थी,
और, चूँकि, तत्कालीन बिहार कॉलेज सेवा आयोग अस्तित्व में नहीं है एवं बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम, 1976 (बिहार अधिनियम 23, 1976) यथा अद्यतन संशोधित में संबद्ध डिग्री महाविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति के निमित्त महाविद्यालय स्तर पर अनुशंसा देने हेतु एक नई संस्था यथा "चयन समिति" का प्रावधान किया गया है,
चूँकि, अधिनियम के प्रावधानों को शिथिल किये बगैर, चयन समिति के लिए व्यक्तिवार मामलों की समीक्षा करना व्यावहारिक रूप में संभव नहीं है,
चूँकि, लोकहित में चयन समिति को बिहार कॉलेज सेवा आयोग की अनुशंसा के बगैर सभी कार्यरत शिक्षकों के मामले की जाँच करने हेतु सशक्तिकरण के लिए प्रावधान करना आवश्यक है।
भारत गणराज्य के अड़सठवें वर्ष में बिहार राज्य विधान मंडल द्वारा निम्नलिखित रूप में यह अधिनियमित हो:
1. संक्षिप्त नाम एवं प्रारम्भ। (1) यह अधिनियम "बिहार राज्य विश्वविद्यालय (संशोधन) अधिनियम, 2017" कहा जा सकेगा।
(2) इसका विस्तार संपूर्ण बिहार राज्य में होगा।
(3) यह तुरन्त प्रवृत्त होगा।
2. बिहार अधिनियम 23, 1976 की धारा 57 क में संशोधन – (बिहार अधिनियम 23, 1976 की धारा 57 क की उपधारा-6) निम्नलिखित द्वारा प्रतिस्थापित की जाएगी :
"(6) इस अधिनियम के अधीन रहते हुए, चयन समिति, संबद्ध डिग्री महाविद्यालयों में दिनांक 19.04.2007 के पूर्व बिहार कॉलेज सेवा आयोग की अनुशंसा के बगैर नियुक्त शिक्षकों के मामले की समीक्षा, ऐसे शिक्षकों की नियुक्ति के समय लागू अहर्ता के आधार पर दिनांक 31.03.2018 तक पूरी कर लेगी, अन्यथा ऐसी नियुक्तियाँ वैध नहीं मानी जाएगी। तत्पश्चात् महाविद्यालय के शासी निकाय चयन समिति द्वारा अनुशंसित नामों को स्वीकार करेगी, जिसे संबंधित विश्वविद्यालय द्वारा अंतिम रूप से अनुमोदित किया जाएगा।
दिनांक 31.03.2018 तक राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत अनुदान की राशि का वितरण, संबंधित संबद्ध डिग्री महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के बीच, उनकी शासी निकाय के द्वारा किया जाएगा।"
और, चूँकि, तत्कालीन बिहार कॉलेज सेवा आयोग अस्तित्व में नहीं है एवं बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम, 1976 (बिहार अधिनियम 23, 1976) यथा अद्यतन संशोधित में संबद्ध डिग्री महाविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति के निमित्त महाविद्यालय स्तर पर अनुशंसा देने हेतु एक नई संस्था यथा "चयन समिति" का प्रावधान किया गया है,
चूँकि, अधिनियम के प्रावधानों को शिथिल किये बगैर, चयन समिति के लिए व्यक्तिवार मामलों की समीक्षा करना व्यावहारिक रूप में संभव नहीं है,
चूँकि, लोकहित में चयन समिति को बिहार कॉलेज सेवा आयोग की अनुशंसा के बगैर सभी कार्यरत शिक्षकों के मामले की जाँच करने हेतु सशक्तिकरण के लिए प्रावधान करना आवश्यक है।
भारत गणराज्य के अड़सठवें वर्ष में बिहार राज्य विधान मंडल द्वारा निम्नलिखित रूप में यह अधिनियमित हो:
1. संक्षिप्त नाम एवं प्रारम्भ। (1) यह अधिनियम "बिहार राज्य विश्वविद्यालय (संशोधन) अधिनियम, 2017" कहा जा सकेगा।
(2) इसका विस्तार संपूर्ण बिहार राज्य में होगा।
(3) यह तुरन्त प्रवृत्त होगा।
2. बिहार अधिनियम 23, 1976 की धारा 57 क में संशोधन – (बिहार अधिनियम 23, 1976 की धारा 57 क की उपधारा-6) निम्नलिखित द्वारा प्रतिस्थापित की जाएगी :
"(6) इस अधिनियम के अधीन रहते हुए, चयन समिति, संबद्ध डिग्री महाविद्यालयों में दिनांक 19.04.2007 के पूर्व बिहार कॉलेज सेवा आयोग की अनुशंसा के बगैर नियुक्त शिक्षकों के मामले की समीक्षा, ऐसे शिक्षकों की नियुक्ति के समय लागू अहर्ता के आधार पर दिनांक 31.03.2018 तक पूरी कर लेगी, अन्यथा ऐसी नियुक्तियाँ वैध नहीं मानी जाएगी। तत्पश्चात् महाविद्यालय के शासी निकाय चयन समिति द्वारा अनुशंसित नामों को स्वीकार करेगी, जिसे संबंधित विश्वविद्यालय द्वारा अंतिम रूप से अनुमोदित किया जाएगा।
दिनांक 31.03.2018 तक राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत अनुदान की राशि का वितरण, संबंधित संबद्ध डिग्री महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के बीच, उनकी शासी निकाय के द्वारा किया जाएगा।"
बिहार-राज्यपाल के आदेश से,
मनोज कुमार,
सरकार के संयुक्त सचिव
मनोज कुमार,
सरकार के संयुक्त सचिव