No: 25 Dated: Dec, 28 2012

[बिहार अधिनियम 25, 2012]

बिहार राज्य फुटपाथ विक्रेता (जीविका संरक्षण एवं व्यापार विनियमन) अधिनियम, 2012 

प्रस्तावना :- शहर के फुटपाथ विक्रेताओं के जीविका के संरक्षण, उनके द्वारा जनता को प्रदान की जाने वाली वस्तु एवं सेवाओं के नियमन तथा इससे संबंधित या आनुषंगिक विषयों के लिए अधिनियम। 

     चूंकि भारत के संविधान के अनुच्छेद 39 के खंड (क) एवं (ख) में यह अनुबंधित है कि सरकार, विशेष रूप से, अपनी नीतियों को निदेशित करे, ताकि-

(क) सभी नागरिकों, पुरूषों और महिलाओं को समान रूप से जीविका के पर्याप्त साधनों का अधिकार मिले और 

(ख) समुदाय की भौतिक संसाधनों पर स्वामित्व एवं नियंत्रण इस प्रकार वितरित हो कि वह सार्वजनिक हितों की रक्षा करेः 

        और चूँकि बिहार राज्य की बड़ी आबादी गरीबी रेखा के नीचे है तथा राज्य सरकार इस स्थिति में नहीं है कि सभी को सरकारी नौकरी दे सके, जिसकी वजह से वे विधिपूर्वक अपने जीविकोपार्जन हेतु रास्ता और साधन खोजने के लिए स्वतंत्र हैं; 

       और चूँकि शहरी गरीब अपने व्यापार और व्यवसाय के लिए शहरी क्षेत्र में वहन करने योग्य कीमत या किराया पर एक सही स्थान पाने में असमर्थ हैं ; और परिणामस्वरूप सामाजिक-आर्थिक जरूरतों की पूर्ति हेतु जीविकोपार्जन करने के लिए फुटपाथ पर विक्रय करने के लिए बाध्य हैं ; 

       और चूँकि शहरी फुटपाथ विक्रेता असंगठित क्षेत्र के श्रम संख्या का एक महत्वपूर्ण घटक है और प्रतिदिन के इस्तेमाल की आम सामग्रियों को कम कीमत एवं सुविधाजनक स्थान पर उपलब्ध कराकर आम जनता की सुविधा में महत्वपूर्ण योगदान करते हैं पर वे राज्य प्रायोजित प्रयासों के अभाव में जीविका खो देने की लगातार असुरक्षा के बीच जीवन व्यतीत करते हैं; 

       और चूँकि, फुटपाथ विक्रेताओं का काम तथा व्यवसाय अन्य नागरिकों के अधिकार को बाधित करता है इसलिये इसका निश्चित सिद्धान्तों के आधार पर नियमन आवश्यक है ताकि यातायात के सुचारू प्रवाह एवं पैदल चलने वालों के निर्विघ्न आवागमन को सुनिश्चित किया जा सके, सार्वजनिक स्थानों में स्वच्छता एवं स्वास्थप्रद वातावरण बनाए रखा जा सके और साथ ही, फुटपाथ विक्रेताओं के हितों की इस प्रकार रक्षा हो सके जिससे वो अपना जीविकोपार्जन कर सके 

        इसलिए, अब, यह समीचीन है कि फुटपाथ विक्रेताओं द्वारा शहर की अर्थव्यवस्था में किए जा रहे महत्वपूर्ण योगदान को सम्यक मान्यता प्रदान की जाय, उनकी स्थिति को वैधता दी जाए, नागरिकों के अधिकारों को गम्भीर नुकसान पंहुचाए बिना उनके क्रियाकलापों के लिए अनुकूल वातावरण बनाकर उनकी जीविका को सुरक्षा प्रदान की जाय, साथ ही, फुटपाथ विक्रय को इस तरह नियमित किया जाए कि सड़कों, गलियों एवं अन्य सार्वजनिक स्थानों का अतिक्रमण न हो, वहाँ भीड़-भाड़ न हो और स्वास्थ्यप्रद वातावरण बना रहे। 

        भारत गणराज्य के तिरसठवें वर्ष में बिहार राज्य विधान मंडल द्वारा निम्नलिखित रूप में यह अधिनियमित होः 

अध्याय I 

प्रारंभिक 

1. संक्षिप्त नाम, विस्तार एवं आरम्भ :- (1) यह अधिनियम "बिहार राज्य फुटपाथ विक्रेता (जीविका संरक्षण एवं व्यापार विनियमन) अधिनियम 2012" कहा जा सकेगा। 

    (2) इसका विस्तार सम्पूर्ण बिहार राज्य में होगा। 

    (3) यह उस तारीख को प्रवृत्त होगा जो राज्य सरकार राजपत्र में अधिसूचना द्वारा नियत करे तथा राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के लिए अलग-अलग तारीख नियत की जा सकेगी। 

2. परिभाषाएँ:- (1) इस अधिनियम में , जबतक संदर्भ में अन्यथा अपेक्षित न हो , (क) "सरकार" से अभिप्रेत है राज्य सरकार; 

  (ख) धारण क्षमता से अभिप्राय है ;- किसी निश्चित (परिभाषित) स्थान, क्षेत्र या किसी विक्रय क्षेत्र में समायोजित हो सकने वाले फुटपाथ विक्रेताओं की अधिकतम संख्या। 

  (ग) "नगर निकाय" से अभिप्रेत है नगर निगम या नगर परिषद या नगर पंचायत या सैनिक छावनी बोर्ड या किसी नगर या शहर में स्थानीय प्राधिकरण के रूप में काम करने के लिए एवं नागरिक सेवा देने और फुटपाथ विक्रय के विनियमन के लिए विधिपूर्वक हकदार ऐसी हो अन्य निकाय और इसमें -आयोजना प्राधिकरण, चाहे जिस किसी नाम से बुलाया जाये, जो उस नगर या शहर की भूमि के उपयोग को विनियमित करता हो शामिल है; 

  (घ) "अधिसूचना' से अभिप्रेत है राजपत्र में प्रकाशित सूचना ; 

  (ड.) "फुटपाथ विक्रय हेतु प्रतिबंधित क्षेत्र या नो वेंडिंग जोन" से तात्पर्य है ऐसी कोई जगह, स्थान गली या सड़क जहाँ किसी नगर निकाय या आयोजना प्राधिकरण के द्वारा फुटपाथ विक्रय को प्रतिबंधित किया गया हो; 

  (च) “आयोजना प्राधिकरण" से अभिप्रेत है कोई नगर विकास प्राधिकरण या किसी नगर या शहर में किसी अन्य नाम से बुलाया जाने वाला अन्य कोई प्राधिकरण जो सरकार द्वारा अभिहित है और मास्टर प्लान, या विकास योजना या क्षेत्रीय योजना या अभिन्यास योजना या कोई अन्य स्थानीय योजना, जो लागू शहरी और क्षेत्रीय प्लानिंग ऐक्ट या नगर विकास अधिनियम या नगरपालिका अधिनियम के अधीन विधिपूर्वक प्रवर्तनीय हो, में किसी विशिष्ट क्रिया-कलाप हेतु क्षेत्र के संक्षिप्त विस्तार को परिभाषित करते हुए भूमि के उपयोग को विनियमित करने के लिए जिम्मेवार है; 

  (छ) "विहित' से अभिप्रेत है सरकार द्वारा इस अधिनियम के अधीन बनायी गयी नियमावली; 

  (ज) “स्कीम" से अभिप्रेत है सरकार द्वारा धारा 3 के अधीन गठित स्कीम; 

  (झ) “विनिर्दिष्ट" से अभिप्रेत है स्कीम द्वारा यथा विनिर्दिष्ट; 

  () "राज्य नोडल अधिकारी" से अभिप्रेत है राज्य में फुटपाथ विक्रय से संबंधित सभी विषयों का समन्वय करने हेतु राज्य सरकार द्वारा अभिहित राज्य नोडल अधिकारी; 

  (ट) “जिला नोडल अधिकारी" से अभिप्रेत है जिला स्तर पर फुटपाथ विक्रेताओं से संबंधित सभी विषयों का समन्वय करने हेतु जिलाधिकारी द्वारा निर्दिष्ट जिला नोडल अधिकारी; 

  (ठ) ''फुटपाथ विक्रेताओं" से अभिप्रेत है प्रतिदिन उपयोग की वस्तुओं, उत्पादों, खाद्य सामानों को गली, फुटपाथ, सड़क, सार्वजनिक पार्क या अन्य सार्वजनिक स्थान पर अथवा निजी स्थान पर किसी अस्थाई संरचना या एक स्थान से दूसरे स्थान पर भ्रमण करके विक्रय करने या सामान्य जन को सेवा मुहैया कराने में लगा व्यक्ति और इसमें सभी अन्य मिलते जुलते नाम वाले विक्रेता जैसे- फेरीवाला, ठेलावाला, रेहरीवाला इत्यादि शामिल है; 

  (ड) "चलंत विक्रेता" से अभिप्रेत है ऐसा विक्रेता जो ठेला गाड़ी या साइकिल या स्कूटर या अन्य कोई 800सी0सी0 से कम इंजन की क्षमता वाले हल्के मोटरचलित वाहन पर अथवा सर पर सामग्री ढोकर या अपने शरीर में टांग कर या थैले में रख कर या, घर-घर जाकर या चलते हुए बस तथा रेल पर एक स्थान से दूसरे स्थान तक भ्रमण करते हुए नियमित या आकस्मिक ग्राहकों को विक्रय करता है या अपनी सेवा प्रदान करता है; 

  (ढ) "नगर फुटपाथ विक्रेता समिति" से अभिप्राय है ऐसी संस्था जो खण्ड 4 के अंतर्गत सरकार द्वारा गठित की गयी है। 

  (ण) “फुटपाथ विक्रय क्षेत्र या वेंडिंग जोन" से अभिप्राय है आयोजना। यदि कोई हो, नगर निकाय के परामर्श से प्राधिकरण द्वारा फुटपाथ विक्रताओं के विशिष्ट उपयोग के लिए चिन्हित क्षेत्र, जगह या स्थान जिसमें फुटपाथ, पटरी, खड्जा, तंटबंध, गली और सड़क का हिस्सा, आम जनता के लिए बना प्रतीक्षालय ऐसा कोई अन्य स्थान जो विक्रय क्रिया-कलापों और सामान्य जन को सेवा देने के लिए उपयुक्त माना जाए, और इसमें सीमित वेंडिंग जोन सम्मिलित है। 

(2) किसी अधिनियम अथवा प्रावधान में इस अधिनियम का संदर्भ, ऐसे क्षेत्र के संबंध में जहाँ ऐसा अधिनियम लागू नहीं है, वहाँ पर लागू किसी समरूपी कानून के संदर्भ में समान समझा जाए। 

Full Document