No: 23 Dated: Sep, 04 2017

बिहार अधिनियम 23, 2017]
 बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त (संशोधन) अधिनियम, 2017
बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त अधिनियम, 2011 (बिहार अधिनियम 24, 2011) का संशोधन करने के लिए अधिनियम। 

भारत गणराज्य के अड़सठवें वर्ष में बिहार राज्य विधानमंडल द्वारा निम्नलिखित रूप में यह अधिनियमित हो: 
1. संक्षिप्त नाम, विस्तार एवं प्रारंभ। (1) यह अधिनियम "बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त (संशोधन) अधिनियम, 2017" कहा जा सकेगा। 
    (2) इसका विस्तार संपूर्ण बिहार राज्य में होगा। 
    (3) यह तुरंत प्रवृत्त होगा। 
2. बिहार अधिनियम, 24, 2011 की धारा-2 में संशोधन।-(1) उक्त अधिनियम, 2011 की धारा-2 की उपधारा-(xxvi) के बाद निम्नलिखित नई उपधाराएँ-(xxvii), (xxviii), (xxix) एवं (xxx) क्रमशः जोड़ी जाएगी : 
  (xxvii) "कानूनगो" से अभिप्रेत है अधिनियम एवं नियमावली में वर्णित कर्तव्यों एवं दायित्वों के निर्वहन हेतु राज्य सरकार द्वारा कानूनगो के रूप में नियुक्त पदाधिकारी।
  (xxviii) "सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी" से अभिप्रेत है अधिनियम एवं नियमावली में वर्णित कर्तव्यों एवं दायित्वों के निर्वहन हेतु राज्य सरकार द्वारा सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी के रूप में नियुक्त पदाधिकारी। 
  (xxix) "प्रभारी पदाधिकारी" से अभिप्रेत है अधिनियम एवं नियमावली में वर्णित कर्तव्यों एवं दायित्वों के निर्वहन हेतु राज्य सरकार द्वारा प्रभारी पदाधिकारी के रूप में नियुक्त पदाधिकारी। 
  (xxx) "निदेशक, भू-अभिलेख एवं परिमाप" से अभिप्रेत है अधिनियम एवं नियमावली में वर्णित कर्तव्यों एवं दायित्वों के निर्वहन और राज्य सरकार के भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय का प्रतिनिधित्व करने हेतु नियुक्त पदाधिकारी।
    (2) उक्त अधिनियम, 2011 की धारा-2(xi) की प्रथम पंक्ति में प्रयुक्त शब्द "अनुज्ञप्ति धारी सर्वेयर" शब्द "अमीन" के द्वारा प्रतिस्थापित किये जाएंगे। 
3. बिहार अधिनियम, 24, 2011 की धारा-5 का प्रतिस्थापन:-  उक्त अधिनियम, 2011 की धारा-5 निम्नलिखित द्वारा प्रतिस्थापित की जाएगी : 
     "5. भू-धारियों द्वारा स्वघोषणा।-(1) धारा-3 के अधीन अधिसूचना के उपरांत, अमीन और कानूनगो अपनी अधिकारिता के अधीन क्षेत्र के संबंध में भू-धारियों का वंशावली तथा याद्दाश्त पंजी तैयार करेंगे। 
    (2) धारा-3 के अधीन अधिसूचना के उपरांत, भू-धारी, अपने द्वारा धारित भूमि के संबंध में, स्वघोषणा बंदोबस्त कार्यालय में अथवा शिविर कार्यालय में, सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी को विहित रीति से उपलब्ध करा सकेगा। स्वघोषणा का सत्यापन बंदोबस्त कार्यालय द्वारा, उपलब्ध अभिलेखों तथा वंशावली से, किया जाएगा एवं सत्यापन प्रमाण पत्र उसे निर्गत किया जाएगा।" 
4. बिहार अधिनियम, 24, 2011 की धारा-7 में संशोधन (1) उक्त अधिनियम, 2011 की धारा-7 की उपधारा-2) निम्नलिखित द्वारा प्रतिस्थापित की जाएगी: 
      "(2) खानापुरी दल निम्नलिखित को मिलाकर गठित होगी: 
           (i) सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी; 
           (ii) कानूनगो; 
           (iii) अमीन।" 
     (2) उक्त अधिनियम, 2011 की धारा-7 की उपधारा-5) के बाद निम्नलिखित नई उपधारा-5क) अंतःस्थापित की जाएगी: 
   "(5क) विश्रांति धारा-7 की उपधारा-3), (4) तथा (5) के प्रावधानों के आलोक में तैयार किये जाने वाले मानचित्र तथा अधिकार अभिलेख की जाँच का कार्य विश्रांति के दौरान पूरा किया जाएगा। विश्रांति का कार्य दो प्रशाखाओं, यथा-(1) आलेख तथा रकबा प्रशाखा और (2) खेसरा प्रशाखा में किया जाएगा"। 
5. बिहार अधिनियम 24, 2011 के अध्याय-3 को विलोपित किया जाना। उक्त अधिनियम, 2011 के अध्याय-3 को एतद् द्वारा विलोपित किया जाता है। 
6. बिहार अधिनियम, 24, 2011 की धारा-20 में संशोधन (1) उक्त अधिनियम, 2011 की धारा-20 के स्पष्टीकरण के बाद निम्नलिखित नयी स्पष्टीकरण जोड़ा जाएगा :

"स्पष्टीकरण 
    (i) बिहार काश्तकारी अधिनियम, 1885 की धारा 106 के अधीन, अधिकार अभिलेख के अंतिम प्रकाशन के उपरांत, राजस्व अधिकारी के समक्ष प्रारंभ की गयी कोई भी कार्यवाही की, जो अभी तक विवादों के निपटारे एवं निवारण के लिए लंबित हो, सुनवाई एवं विनिश्चय इस संशोधन अधिनियम के प्रवृत होने की तिथि से 12 (बारह) माह के भीतर, बिहार काश्तकारी अधिनियम, 1885 के प्रावधानों के अनुसार किया जाएगा, मानो उक्त प्रावधान इस अधिनियम के अधीन अधिक्रांत नही किये गये हैं। 
    (ii) बिहार काश्तकारी अधिनियम, 1885 की धारा 108 के अनुसार वैसे पुनरीक्षण की जो अभी आदेश/विनिश्चय के लिए लंबित हो, इस संशोधन अधिनियम के प्रवृत्त होने की तिथि से 12 (बारह) माह के भीतर बिहार काश्तकारी अधिनियम, 1885 के प्रावधानों के अनुसार सुनवाई की जाएगी एवं विनिश्चिय की जाएगी, मानो उक्त प्रावधान इस संशोधन अधिनियम के अधीन अधिक्रांत नहीं किया गया हो। 
    (iii) यदि अधिकार अभिलेख में गलती या तात्विक त्रुटि सुधार के लिए कोई आवेदन बिहार काश्तकारी अधिनियम, 1885 की धारा 108A के अधीन अभी भी लंबित हो तो संबंधित पक्षकारों को मामले में सुनवाई हेतु उपस्थित होने का युक्तियुक्त अवसर देने के उपरांत, सुधार किया जा सकेगा। आवेदन का निपटारा इस संशोधन अधिनियम के प्रवृत्त होने की तिथि से 120 कार्य दिवसों के भीतर बिहार काश्तकारी अधिनियम, 1885 के प्रावधानों के अनुसार किया जाएगा, मानो उक्त प्रावधान इस अधिनियम के अधीन अधिक्रांत नहीं किया गया हो। 
    (iv) हालॉकि, बिहार काश्तकारी अधिनियम, 1885 की धारा-106 के अधीन कोई नयी कार्यवाही अथवा धारा-108 के अधीन नया पुनरीक्षण संस्थित नहीं किया जाएगा और राजस्व अधिकारी द्वारा धारा-108 तथा 108A के अधीन कोई नया आवेदन ग्रहण नहीं किया जाएगा।" उक्त अधिनियम, 2011, की धारा-20 की उपधारा-(2) के बाद निम्नलिखित उपधाराएँ (3), (4), (5), (6) एवं (7) जोड़ी जाएँगी: 
"(3) अधिकार अभिलेख के प्रारूप प्रकाशन के उपरांत, सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी, राज्य सरकार द्वारा विनिश्चित दर-तालिका के आधार पर, संबंधित राजस्व ग्राम के प्रत्येक रैयत के  लिए बंदोबस्ती लगान तालिका तैयार करेगा। 
(4) बंदोबस्ती लगान तालिका का प्रकाशन एवं संशोधन : 
(i) संबंधित राजस्व ग्राम की बंदोबस्ती लगान तालिका जब तैयार हो जाए, तब सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी किसी प्रविष्टि में हुई चूक अथवा गलती से संबंधित आपत्ति प्राप्त करने के निमित्त, विहित रीति से विहित अवधि तक, इसका प्रारूप प्रकाशित कराएगा। 
प्रकाशन की अवधि के दौरान प्राप्त सभी आपत्तियों का निपटारा, सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी द्वारा संबंधित पक्षों को उपस्थित होने तथा सुनवाई का युक्तियुक्त अवसर देने के बाद किया जाएगा।
(5) बंदोबस्त लगान तालिका की संपुष्टि तथा अधिकार अभिलेख में समावेश | सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी इस प्रकार तैयार किये गये बंदोबस्त लगान तालिका को प्रभारी पदाधिकारी के माध्यम से, बंदोबस्त पदाधिकारी की स्वीकृति के लिए सुपुर्द करेंगे। प्रभारी पदाधिकारी बंदोबस्ती-लगान तालिका की जाँच करेंगे एवं उसके अनुसार सही पाये जाने पर वह इसे बंदोबस्त पदाधिकारी की संपुष्टि एवं स्वीकृति के लिए प्रस्तुत कर देंगे। 
(6) बंदोबस्त पदाधिकारी बंदोबस्ती लगान तालिका को, सुधार के साथ अथवा बिना सुधार के, स्वीकृत कर सकेगा अथवा पुनर्विचार के लिए सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी को वापस कर सकेगा। 
                परंतु किसी भी प्रविष्टि में तब तक सुधार नहीं किया जाएगा जब तक संबंधित पक्षकारों को मामले में उपस्थित होने एवं सुनवाई के लिए सूचना न दी जाए। (7) बंदोबस्ती पदाधिकारी की स्वीकृति के उपरान्त, सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी बंदोबस्ती लगान  तालिका को अंतिम रूप से बनायेगा एवं अधिकार अभिलेख में उसे नियमित करेगा और प्रकाशित करेगा।" 

 

बिहार राज्यपाल के आदेश से, 
मनोज कुमार,          
सरकार के संयुक्त सचिव  

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