No: 19 Dated: Aug, 28 2015

[बिहार अधिनियम 19, 2015]

बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015

    राज्य की जनता को नियत समय-सीमा के भीतर लोक शिकायत निवारण का अधिकार तथा उनसे सशक्त और आनुषांगिक विषयों के लिए उपबंध करने के लिए अधिनियम।

    भारत गणराज्य के छियासठवें वर्ष में बिहार राज्य विधान मंडल द्वारा निम्नलिखित रूप में यह अधिनियमित मो,

1. संक्षिप्त नाम, विस्तार और प्रारंभ:- (1) यह अधिनियम "बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015" कहा जा सकेगा।

    (2) इसका विस्तार सम्पूर्ण बिहार राज्य में होगा।

    (3) यह उस तिथि से प्रवृत्त होगा जिसे राज्य सरकार, अधिसूचना द्वारा राजपत्र में नियत करे ।

2. परिभाषाएं:- इस अधिनियम में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो -

(क) “परिवाद" से, अभिप्रेत है राज्य सरकार द्वारा राज्या में चलाई जा रही किसी योजना, कार्यक्रम या सेवा के संबंध में कोई फायदा या अनुतोष मांगने के लिए, या ऐसा फायदा या अनुतोष प्रदान करने में विफलता या विलम्ब के संबंध में, या किसी लोक प्राधिकार के कृत्यकरण में विफलता से, या उसके द्वारा राज्य में प्रवृत्त किसी विधि, नीति, संचा, कार्यक्रम या योजना के उल्लंघन से उदभूत किसी मामले के संबंध में, किसी नागरिक या मागरिकों के समूह द्वारा लोक शिकायता निवारण पदाधिकारी को किया गया कोई आवेदन, किन्तु इत्तमें किसी लोक सेवक, चाहे वह सेवारत हो 27 सवानिवृत्त के सेवा मामलों से संबंधित या किसी ऐसे मामले से सबंधित, जिसमें किसी न्यायालय या अधिकरण की अधिकारिता हो या सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005, 2006 का केन्द्रीय अधिनियम सं0-22) के अधीन किसी मामले या बिहार लोक सेवा के अधिकार अधिनियन, 2011 के अधीन अधिसूचित सेवाओं से संबंधित शिकायत सम्मिलित नहीं है|

(ख) - 'लोक शिकायत निवारण का आधिकार' से अभिप्रेत है नियत समय-सीमा के भीतर किसी परिवाद पर नागरिकों को प्रदत्ता सुनवाई एवं निवारण का कोई अबसर और परिवाद पर सुनवाई में किये गये विनिश्चय के बारे में सूचना प्राप्त करने का अधिकार;

(ग) "लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी" से अभिप्रेत है धारा 3 के अधीन अधिसूचित कोई लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ;

(घ) "सूचना और सुकरण केन्द्र" से अभिप्रेत है, परिवाद दायर करने की सुविधा एवं मामले से संबंधित या जुड़ी हुई किसी प्रकार की सूचना के प्रसार के लिए राज्य पोर्टल, हेल्प डेस्क एवं सामान्य सहायता केन्द्र सहित धारा 5 के अधीन अधिसूचित या स्थापित केन्द्र या वेबसाईट :

(ङ) "लोक प्राधिकार" से अभिप्रेत है राज्य सरकार और इसके विभाग और इसमें राज्य विधान-मण्डल द्वारा बनायी गयी किसी विधि द्वारा या उसके अधीन स्थापित या गठित प्राधिकार या निकाय या संस्था सम्मिलित है:

(च) "प्रथम अपीलीय प्राधिकार" से अभिप्रेत है ऐसा अधिकारी या धारा 3 के अधीन इस रूप में अधिसूचित प्राधिकार;

(छ) 'द्वितीय अपीलीय प्राधिकार" से अभिप्रेत है ऐसा अधिकारी या धारा 3 के अधीन इस रूप में अधिसूचित प्राधिकार;

(ज) “पुनरीक्षण प्राधिकार' से अभिप्रेत है ऐसा अधिकारी या धारा ३ के अधीन इस रूप में अधिसूचित प्राधिकार;

(झ) “नियत समय-सीमा" से अभिप्रेत है किसी परिवाद पर सुनवाई का अवसर प्रदान करने वाले लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी को, या किसी अपील का विनिश्चय करने के लिए प्रथम अपीलीय प्राधिकार या द्वितीय अपीलीय प्राधिकार को, या यथास्थिति, परिवादी या आपीलार्थी को यथास्थिति ऐसे परिवाद या अपील के विनिश्चय के बारे में सूचित करने के लिए पूर्वोक्त प्राधिकारियों को अनजात अधिकतम समय-सीमा;

(ञ) “दिवस" से अभिप्रेत है समय-सीमा के रूप में निर्दिष्ट कार्य दिवस:

(ट) "विनिश्चय' से अभिप्रेत है इस अधिनियम के अधीन अधिसूचित लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी या अपील प्राधिकार या पुनरीक्षण प्राधिकार द्वारा किसी परिवाद या अपील या पुनरीक्षण पर किया गया कोई विनिश्चय और इसमें यथास्थिति परिवादी या अपीलार्थी को भेजी गई सूचना साम्मिलित है:

(ठ) "दिहित” से अभिप्रेत है इस अधिनियम के अधीन बनाये गये नियमों द्वारा विहित : और

(ड) “राज्य सरकार" से अभिप्रेत है बिहार सरकार ।

3, लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, प्राथम अपीलीय प्राधिकार, द्वितीय अपीलीय प्राधिकार और पुनरीक्षण प्राधिकार, राज्य प्राधिकार तथा नियत समय-सीमा की अधिसूचना :- राज्य सरकार, समय-समय पर, लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, प्रथम अपीलीय प्राधिकार, द्वितीय अपीलीय प्राधिकार, पुनरीक्षण प्राधिकार, राज्य प्राधिकार तथा नियत समय-सीमा को अधिसूचित कर सकेगी।

4, विभागवार योजना, कार्यक्रम एवं सेवाएं जिनके संबंध में परिवाद दायर किया जा सकेगा की अधिसूचना :- राज्य सरकार, समय-समय पर, विभागवार योजना, कार्यक्रम एवं सेवाओं को, जिनके संबंध में परिवाद  दायर किया जा सकेगा एवं लोक प्राधिकार एवं विभाग को जिनके स्तर पर परिवाद का निवारण होगा, अधिसूचित कर

5, नियत समय-सीमा के भीतर परिवाद पर सुनवाई का अवसर प्राप्त करने का अधिकार :-

     (1) लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी इस अधिनियम के अधीन दायर किये गये किसी परिवाद की सुनवाई का अवसर पक्षकारों को नियत समय-सीमा के भीतर देगा ।

    (2) लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, ऐसे अन्य किसी अधिकारी, लोक पदाधिकारी या कर्मचारी की सहायता मांग सकेगा, जिसे वह उप-धारा (1) के अधीन परिवाद की सुनवाई एवं निराकरण हेतु अपने कर्तयों का समुचित निर्वहन करने के लिए आवश्यक समझे ।

    (3) कोई भी अधिकारी, लोक प्राधिकार या कर्मचारी, जिसकी सहायता की मांग उप-धारा (2) के अधीन की गयी हो, वह सहायता मांगने वाले लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी को समस्त सहायता प्रदान करेगा और इस अधिनियम के उपबंधों के किसी उल्लंघन के प्रयोजनार्थ यथास्थिति, ऐसा अन्य अधिकारी या कर्मचारी लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी माना जायेगा।

    (4) नियत समय-सीमा उस तारीख से प्रारम्भ होगी, जिस तिथि को कोई परिवाद /अपील लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी या परिवाद प्राप्त करने के लिए उसके द्वारा प्राधिकृत व्यक्ति को या प्रथम अपीलीय प्राधिकार या हितीय अपीलीय प्राधिकार के समक्ष दायर किया गया हो। परिवाद की प्राप्ति की सम्यकरूप से अभिस्वीकृति दी

    (5) लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, उप-धारा (1) के अधीन परिवाद प्राप्त होने पर, नियत समय-सीमा के भीतर परिवादी को सुनवाई का अवसर प्रदान करेगा और परिवादी को सुनने के पश्चात् या तो उसे स्वीकार करते हुए या किसी अन्य विधि, नीति, सेवा, कार्यक्रम या योजना के अधीन उपलक कोई वैकल्पिक फायदा या अनुतोष सुझाते हुए या उसे खारिज करते हुए, जिसके कारणों को लेखबद्ध किया जायेगा, परिवाद को बिनिश्चित करेगा और नियत समय-सीमा के भीतर परिवाद पर अपने विनिश्चय से परिवादी को संसूचित करेगा।

6, सूचना और सुकरण केन्द्र की स्थापना :- (1) जनता की शिकायत का, दक्षता और प्रभावी तरीके से, निराकरण करने और इस अधिनियम के अधीन परिवादों को प्राप्त करने के प्रयोजनार्थ राज्य सरकार सूचना और सुकरण केन्द्रों  की स्थापना |

    (2) राज्य सरकार, अधिसूचना द्वारा सूचना और सुकरण केन्द्रों के संबंध में नियम बना सकेगी।

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