No: 11 Dated: Feb, 26 2019
1. संक्षिप्त नाम, विस्तार एवं प्रारंभ। - (1) यह नियमावली "बिहार पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों तथा शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन में (आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए) आरक्षण नियमावली 2019" कही जा सकेगी।
(2) यह सम्पूर्ण बिहार राज्य में लागू होगी।
(3) यह तुरंत के प्रभाव से प्रवृत्त होगी।
2. परिभाषाएँ। - इस अधिनियम में जब तक संदर्भ में अन्यथा अपेक्षित न हो -
(क) “नियुक्ति प्राधिकारी/सक्षम पदाधिकारी से अभिप्रेत है किसी स्थापना में सेवाओं और पदों के संबंध में नियुक्ति करने हेतु सशक्त प्राधिकारी/कोई व्यक्ति जो शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन हेतु उत्तरदायी हो;
(ख) “विहित' से अभिप्रेत है, अधिनियम के अधीन बनायी गई नियमावली द्वारा विहित और राजपत्र में प्रकाशित;
(ग) “स्थापना' से अभिप्रेत है, राज्य के कार्यकलाप से जुड़े लोक सेवाओं और पदों पर नियुक्तियों से संबंधित राज्य का कोई कार्यालय या विभाग और इसमें निम्नलिखित सम्मिलित हैं :
(1) तत्समय प्रवृत्त किसी राज्य अधिनियम के अधीन गठित कोई स्थानीय या वैधानिक प्राधिकार;
(2) बिहार सहकारी समिति अधिनियम, 1935 (बिहार अधिनियम-6, 1935) के अधीन निबंधित कोई सहकारी संस्थान जिसमें राज्य सरकार द्वारा शेयर धारित किया गया हो अथवा जो राज्य सरकार से ऋण, अनुदान तथा साहायियकी आदि के रूप में सहायता प्राप्त करता हो; और
(3) विश्वविद्यालय तथा इनसे संबद्ध कॉलेज, प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च विद्यालय तथा ऐसे अन्य शैक्षणिक संस्थान, जिन्हें राज्य सरकार ने स्वाधिकृत कर लिया हो या सहायता प्रदान करती हो, और
(4) सार्वजनिक क्षेत्र का कोई प्रतिष्ठान;
(घ) “सार्वजनिक क्षेत्र की स्थापना' से अभिप्रेत है कोई उद्योग, वाणिज्य व्यापार या पेशा जो निम्न द्वारा स्वाधिकृत/नियंत्रित या प्रबंधित हो :
(1) राज्य सरकार या राज्य सरकार का कोई विभाग,
(2) कम्पनी अधिनियम, 1956 (अधिनियम-1, 1956) की धारा 617, में यथा परिभाषित सरकारी कम्पनी अथवा केन्द्र या राज्य अधिनियम द्वारा या उसके अधीन स्थापित निगम, जिसमें राज्य सरकार द्वारा समादत शेयर पूंजी के इक्यावन प्रतिशत से अन्यून शेयर पूंजी लगायी गई हो;
(ङ) "आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग" से अभिप्रेत है, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय, भारत सरकार के ऑफिस मेमोरेन्डम-F. No. 36039/1/2019-Estt. (Res.) दिनांक-19.01.2019 में यथा परिभाषित आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग का कोई व्यक्ति; तथा जो भविष्य में समय-समय पर यथा संशोधित किया जाय;
(च) “भर्ती वर्ष से अभिप्रेत है पंचाग वर्ष जिसमें वस्तुतः भर्ती/नामांकन की जानी हो;
(छ) "आरक्षण' से अभिप्रेत है बिहार राज्य में पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में तथा शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण;
(ज) "गुणागण सूची" से अभिप्रेत है इस अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार तथा
के लिए या शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन के लिए लागू आदेशों के अनुसार गुणागुण क्रम से तैयार की गई व्यवस्थित उम्मीदवारों की सूची;
(झ) “राज्य" में सम्मिलित हैं बिहार राज्य की सरकार, विधानमंडल और न्यायपालिका एवं राज्य के भीतर अथवा राज्य सरकार के नियंत्रणाधीन सभी स्थानीय या अन्य प्राधिकार एवं सभी प्रकार के शिक्षण संस्थान;
(ञ) “परिवार में सम्मिलित है अभ्यर्थी जो आरक्षण का लाभ लेना चाहता हो, अभ्यर्थी के माता-पिता एवं 18 वर्ष से कम आयु के भाई-बहन तथा पति/पत्नी एवं 18 वर्ष से कम आयु की संतानें;
(ट) "परिशिष्ट' से अभिप्रेत हैं इस नियमावली के साथ संलग्न परिशिष्ट;
3. आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए सीधी भर्ती एवं शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन में आरक्षण के लाभ प्राप्त करने हेतु मानदंड
(1) ऐसे अभ्यर्थी जो अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अत्यन्त पिछड़े वर्ग एवं पिछड़े वर्ग के लिए किये गए आरक्षण प्रावधानों से आच्छादित नहीं हैं, की पहचान, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के रूप में आरक्षण के लाभ के लिए की जायेगी, जिनके परिवार की सभी श्रोतों से कुल वार्षिक आय 8 (आठ) लाख रूपये से कम हो। वार्षिक आय आवेदन करने के पूर्ववर्ती वित्तीय वर्ष के वेतन, कृषि, व्यापार एवं पेशा आदि से होने वाली समस्त श्रोतों से प्राप्त आयों को सम्मिलित किया जाएगा।
(2) ऐसे अभ्यर्थी को, जिनके परिवार के पास निम्नलिखित में से किसी एक प्रकार की परिसम्पत्ति होंगी, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अधीन आरक्षण का लाभ प्राप्त नहीं होगा, उसके परिवार की वार्षिक आय चाहे जो भी हो :
(i) 5 (पाँच) एकड़ कृषि योग्य भूमि अथवा इससे ऊपर;
(ii) एक हजार वर्ग फीट अथवा इससे अधिक क्षेत्रफल का आवासीय फ्लैट;
(iii) अधिसूचित नगरपालिका के अधीन 100 वर्ग गज अथवा इससे अधिक का आवासीय भूखण्ड;
(iv) अधिसूचित नगरपालिका से इतर क्षेत्रों में 200 वर्ग गज अथवा इससे अधिक का आवासीय भूखण्ड।
(3) किसी “परिवार' द्वारा धारित की गई एक अथवा एक से अधिक स्थानों/शहरों में अवस्थित समस्त परिसंपत्तियों को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के आरक्षण को अवधारण करने हेतु एक साथ जोड़ा जायेगा।
(4) इस प्रयोजनार्थ पद “परिवार में वह व्यक्ति सम्मिलित हैं जो आरक्षण का लाभ चाहता है, उसके माता-पिता तथा 18 वर्ष से कम आयु के भाई/बहन और उसके पति/पत्नी एवं 18 वर्ष से कम आयु की संतान;
4. प्रमाण पत्र निर्गत करने की प्रक्रिया- नियम-3(2) की शर्तों के अधीन अर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के एवं विहित परिसम्पतियां धारित नहीं करने का प्रमाण-पत्र संबंधित जिलाधिकारी/अनुमंडलाधिकारी/अंचलाधिकारी द्वारा संलग्न अनुसूची-1 (प्रपत्र-1) में निर्गत किया जायेगा। संबंधित पदाधिकारी द्वारा ऐसा प्रमाण-पत्र निर्गत करने से पूर्व प्रत्येक अभ्यर्थी से एक शपथ-पत्र प्राप्त किया जायेगा, जिसमें अभ्यर्थी के द्वारा यह घोषणा की जायेगी कि उसके परिवार के पास संबंधित अंचल के सिवाय अथवा इसके अतिरिक्त अन्यत्र कोई परिसम्पति नहीं है अथवा कई स्थानों पर स्थित परिसम्पतियों को जोड़ने के पश्चात् भी वे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के दायरे में आते हैं। घोषणा प्रपत्र अनुसूची-11 (प्रपत्र-) के रूप में संलग्न है।
5. वैधता:- आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए आय एवं परिसम्पति संबंधी प्रमाण-पत्र निर्गत किये जाने की तिथि से एक वर्ष के लिए वैध माना जायेगा।
6. सत्यापन:- आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के आधीन नियुक्तियां/नामांकन औपबंधिक एवं अभ्यर्थी द्वारा आय एवं परिसम्पति संबंधित प्रमाण-पत्र के सत्यापन के अध्यधीन होंगे। सत्यापन के क्रम में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए जाली/ गलत प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किया गया पाये जाने पर सेवा/ नामांकन, बिना अग्रेतर कार्रवाई के. समाप्त कर दिया जायेगा तथा भारतीय दण्ड संहिता के संगत प्रावधानों के अधीन कानूनी कार्रवाई की जा सकेगी।
7. विनिमय:- यदि किसी भर्ती वर्ष में या किसी सत्र के नामांकन में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के अधीन आरक्षित कोटि से भरे जाने वाले उम्मीदवार अधिनियम के अधीन विहित आरक्षण प्रतिशत तक उपलब्ध न हों तो बची हुई रिक्तियां/सीटें अग्रणित नहीं की जायेंगी। ऐसी रिक्तियों / सीटें उसी समव्यवहार/ नामांकन वर्ष में खुली गुणागुण कोटि के उम्मीदवार से भर दी जायेंगी।
8. रोस्टर:- आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के अधीन आरक्षण उपलब्ध करने से संबंधित अनुसूची-1 में दिया गया 100 (सौ) बिन्दुओं का आदर्श मॉडल रोस्टर अपनाया जायेगा।
9. कठिनाईयों का निराकरण:- यदि इस नियमावली के प्रावधानों को प्रभावी करने में यदि कोई कठिनाई उत्पन्न हो तो, राज्य सरकार, ऐसा कदम उठा सकेगी या ऐसा आदेश निर्गत कर सकेगी, जो इस निमयमावली के प्रावधानों से असंगत न हो, और जिसे वह कठिनाई दूर करने के लिए आवश्यक समझे।