No: 17 Dated: Sep, 04 2017

बिहार पंचायत राज अधिनियम, 2006

[बिहार अधिनियम 17, 2017] 
बिहार पंचायत राज (संशोधन) अधिनियम, 2017 
बिहार पंचायत राज अधिनियम, 2006 (बिहार अधिनियम 6, 2006) का संशोधन करने के लिए अधिनियम। 

भारत गणराज्य के अड़सठवें वर्ष में बिहार राज्य विधानमंडल द्वारा निम्नलिखित रूप में यह अधिनियमित हो: 
1. संक्षिप्त नाम, विस्तार और प्रारम्भ।- (1) यह अधिनियम "बिहार पंचायत राज (संशोधन) अधिनियम, 2017" कहा जा सकेगा। 
      (2) इसका विस्तार सम्पूर्ण बिहार राज्य में होगा, सिवाय उन क्षेत्रों के जहाँ बिहार नगरपालिका अधिनियम, 2007 (बिहार अधिनियम, संख्या 11, 2007) या कैन्टोनमेन्ट अधिनियम, 1924 (अधिनियम II, 1924) के उपबंध लागू हैं।
      (3) यह तुरंत प्रवृत होगा। 
2. बिहार अधिनियम 6, 2006 की धारा 25 का संशोधन:-  (1) उप-धारा (1) निम्नवत् प्रतिस्थापित की जायेगी: 
  "(1) सरकार द्वारा इस संबंध में बनाये गये नियमों के अध्यधीन प्रत्येक ग्राम पंचायत अपने कृत्यों के प्रभावी निर्वहन हेतु निम्नलिखित समितियों का गठन करेगी : 
       (i) योजना, समन्वय एवं वित्त समिति- धारा 22 में वर्णित विषयों सहित ग्राम पंचायत से संबंधित सामान्य कृत्यों के करने के लिए, अन्य समितियों के कार्यों का समन्वय तथा अन्य समितियों के प्रभार में नहीं रहने वाले शेष कार्यों के सम्पादन के लिये; 
      (ii) उत्पादन समिति - कृषि, पशुपालन, डेयरी, कुक्कुट पालन, मत्स्य पालन, वानकी संबंधी प्रक्षेत्र, खादी, ग्राम या कुटीर उद्योग एवं गरीबी उपशमन संबंधी कार्यों का अनुश्रवण एवं पर्यवेक्षण; 
      (iii) सामाजिक न्याय समिति- निम्न कार्यों का अनुश्रवण एवं पर्यवेक्षण: 
        (क) अनुसूचित जातियों एवं अनुसूचित जनजातियों तथा कमजोर वर्गों के शैक्षणिक, आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और अन्य हितों का संवर्धन, 
        (ख) ऐसी जातियों और वर्गों को सामाजिक अन्याय एवं सभी प्रकार के शोषण से बचाने संबंधी कार्य, 
        (ग) महिलाओं एवं बच्चों का कल्याण। 
      (iv) शिक्षा समिति - प्राथमिक, माध्यमिक एवं जन शिक्षा, पुस्तकालय एवं सांस्कृतिक कार्यकलापों से संबंधित कार्यों का अनुश्रवण एवं पर्यवेक्षण;
      (v) लोक स्वास्थ्य, परिवार कल्याण एवं ग्रामीण स्वच्छता समिति - लोक स्वास्थ्य, परिवार कल्याण एवं ग्रामीण स्वच्छता संबंधी कार्यों का अनुश्रवण एवं पर्यवेक्षण; 
      (vi) लोक निर्माण समिति - ग्रामीण आवास, जलापूर्ति स्रोतों, सड़क एवं आवागमन के अन्य माध्यमों, ग्रामीण विद्युतीकरण एवं संबंधित कार्यों सहित सभी प्रकार के निर्माण एवं अनुरक्षण  संबंधी कार्यों का अनुश्रवण एवं पर्यवेक्षण। 
   (2) उप-धारा (2) को निम्नवत् प्रतिस्थापित किया जायेगा: "(2)(i) धारा 25 की उपधारा (1) के खंड (i) से (v) में वर्णित स्थायी समितियों का गठन चुनाव द्वारा ग्राम पंचायत के निर्वाचित सदस्यों के बीच से किया जाएगा। ऐसी प्रत्येक समिति में अध्यक्ष सहित कम-से-कम तीन और अधिक-से-अधिक पाँच सदस्य होंगे। (
       (ii) लोक निर्माण समिति में ग्राम पंचायत के विभिन्न वार्डो से निर्वाचित सभी ग्राम पंचायत सदस्य (वार्ड मेम्बर) सदस्य होंगे।
       (iii) प्रत्येक समिति अपने दायित्वों के प्रभावी निर्वहन हेतु विशेषज्ञों एवं जनहित से प्रेरित व्यक्तियों में से अधिक-से-अधिक दो सदस्यों को सहयोजित (कोऑप्ट) कर सकेगी। 
 (3) उप-धारा (5) को निम्नवत् प्रतिस्थापित किया जायेगा: 
    "(3) मुखिया योजना, समन्वय एवं वित्त समिति तथा लोक निर्माण समिति का पदेन सदस्य एवं अध्यक्ष होगा। उप–मुखिया सामाजिक न्याय समिति का पदेन सदस्य एवं अध्यक्ष होगा। मुखिया प्रत्येक अन्य समिति के लिए इसके निर्वाचित सदस्यों के बीच से अध्यक्ष नामित करेगा।" 
परन्तु यह कि प्रत्येक समिति में कम-से-कम एक महिला सदस्य होगी और यह कि सामाजिक न्याय समिति का एक सदस्य उपलब्धता के अध्यधीन अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति का सदस्य होगा। 
(4) उप-धारा (5) को निम्नवत् प्रतिस्थापित किया जायेगा
    "(5) पंचायत सचिव योजना, समन्वय एवं वित्त समिति तथा लोक निर्माण समिति का सचिव होगा। जिला पदाधिकारी या उनके द्वारा इसके लिए प्राधिकृत कोई अन्य पदाधिकारी, अन्य स्थायी समितियों के सचिव के रूप में कार्य करने के लिए किसी सरकारी सेवक को नामित करेगा।" 
3. बिहार अधिनियम 6, 2006 की धारा 26 का संशोधन ।- (1) अधिनियम की धारा 26 की उप-धारा (6) के खण्ड (क) को निम्नवत् प्रतिस्थापित किया जायेगा: 
     "(क) केन्द्र या राज्य सरकार द्वारा दिया गया अंशदान या अनुदान, यदि कोई हो, जिसमें केन्द्रीय वित्त आयोग या राज्य वित्त आयोग की अनुशंसा के आधार पर प्राप्त अनुदान भी सम्मिलित है।" 
  (2) अधिनियम की धारा-26 की उप-धारा (6) के पश्चात् एक नई उप-धारा (7) निम्नवत् अन्तःस्थापित की जायेगी: 
      "(7) ग्राम पंचायत क्षेत्र के साम्योचित विकास हेतु सरकार को समय-समय पर ग्राम पंचायत निधि से राशि के उपयोग एवं व्यय के संबंध में ग्राम पंचायत को निदेश देने की शक्ति होगी तथा सरकार का ऐसा निदेश ग्राम पंचायत के लिए बाध्यकारी होगा।" 
4. बिहार अधिनियम 6, 2006 में नई धारा 170ख और धारा 170ग का अन्तःस्थापन - अधिनियम की धारा-170क के पश्चात् निम्नलिखित नई धारा 170ख और 170ग अन्तःस्थापित की जायेगी: 
     "170ख वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति-(1) वार्ड सभा द्वारा अपने कृत्यों/दायित्वों के निर्वहन हेतु वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति का गठन किया जायेगा। संबंधित वार्ड से निर्वाचित ग्राम पंचायत सदस्य उस वार्ड समिति के पदेन अध्यक्ष होंगे। वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति की संरचना, पदावधि आदि वही होगी, जो सरकार द्वारा विहित की जाय। 
  (2) वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति मुख्यतः निम्नलिखित कृत्यों का निर्वहन करेगी: 
      (क) वार्ड सभा के विचारण हेतु वार्ड में चलायी जाने वाली योजनाओं एवं विकास कार्यक्रमों के प्रस्ताव एवं उनकी प्राथमिकता तैयार करना।
      (ख) साक्षरता, सार्वजनिक स्वच्छता, स्वास्थ्य, पर्यावरण, प्रदूषण नियंत्रण जैसे विषयों पर जागरूकता पैदा करने हेतु वार्ड सभा को सहयोग करना। 
      (ग) जलापूर्ति, सार्वजनिक स्वच्छता इकाईयों एवं अन्य सार्वजनिक सुविधा योजनाओं के लिए वार्ड सभा की ओर से उपयुक्त स्थल का चयन करना। 
      (घ) महामारी तथा प्राकृतिक आपदा की रोक-थाम हेतु वार्ड सभा/ग्राम पंचायत के सामान्य नियंत्रण के अधीन कार्य करना। 
      (ङ) वार्ड सभा/ग्राम पंचायत द्वारा समय-समय पर सौंपी गयी योजनाओं/ कार्यक्रमों/दायित्वों का क्रियान्वयन। 
  (3) लोक निर्माण योजनाओं के क्रियान्वयन में वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति अधिनियम की धारा-25(1)(vi) के अधीन गठित लोक निर्माण समिति के अधीन कार्य करेगी।" 
    "170ग वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति द्वारा योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु निदेश देने की सरकार की शक्ति:-अधिनियम में किसी अन्य बात के होते हुए भी, सरकार ग्राम पंचायत को ग्राम पंचायत निधि से वार्ड के लिए अनुमोदित योजनाओं का क्रियान्वयन वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति के माध्यम से कराने हेतु निदेश दे सकेगी। वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति द्वारा योजनाओं का क्रियान्वयन सरकार द्वारा समय-समय पर निर्गत निदेशों के अनुरूप कराया जायेगा।" 
5. निरसन एवं व्यावृत्ति – (1) बिहार पंचायत राज (संशोधन) अध्यादेश, 2017 (बिहार अध्यादेश सं0-1, 2017) इसके द्वारा निरसित किया जाता है। 
    (2) ऐसे निरसन के होते हुए भी उक्त अध्यादेश के द्वारा या के अधीन प्रदत्त किसी शक्ति के प्रयोग में किया गया कोई कार्य या की गई कोई कार्रवाई इस अधिनियम द्वारा या के अधीन प्रदत्त शक्तियों के प्रयोग में किया गया या की गई समझी जायेगी, मानो यह अधिनियम उस दिन प्रवृत्त था जिस दिन ऐसा कार्य किया गया था या ऐसी कार्रवाई की गई थी। 

 

बिहार राज्यपाल के आदेश से, 
मनोज कुमार,         
सरकार के संयुक्त सचिव   

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