No: 5 Dated: May, 27 2011

[बिहार अधिनियम 5, 2011] 

बिहार अराजकीय माध्यमिक विद्यालय (प्रबंध एवं नियंत्रण ग्रहण) (संशोधन) अधिनियम 2011 

भारत गणराज्य के बासठवें वर्ष में बिहार राज्य विधान मंडल द्वारा निम्नलिखित रूप में यह अधिनियमित हो : 

1. संक्षिप्त नाम, विस्तार और प्रारंभ। -(1) यह अधिनियम बिहार अराजकीय माध्यमिक विद्यालय (प्रबंध एवं नियंत्रण ग्रहण) (संशोधन) अधिनियम 2011 कहा जा सकेगा। 

    (2) इसका विस्तार सम्पूर्ण बिहार राज्य में होगा। 

    (3) यह तुरंत प्रवृत्त होगा। 

2. बिहार अधिनियम 33, 1982 की धारा-2 का संशोधन। बिहार अराजकीय माध्यमिक विद्यालय (प्रबंध एवं नियंत्रण ग्रहण) अधिनियम 1981 (बिहार अधिनियम 33, 1982) की धारा-2 के उप-धारा (छ) एवं (ज) को निम्नलिखित द्वारा प्रतिस्थापित किया जायेगा : 

"(छ) “प्रधानाध्यापक" में समाहित है राजकीयकृत माध्यमिक विद्यालय/अल्पसंख्यक माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकगण का प्रधान । 

"(ज) “शिक्षक" से अभिप्रेत है राजकीयकृत माध्यमिक विद्यालय/अल्पसंख्यक माध्यमिक विद्यालय का शिक्षक ।" 

3. बिहार अधिनियम 33, 1982 की धारा-18 का संशोधन।-बिहार अराजकीय माध्यमिक विद्यालय (प्रबंध एवं नियंत्रण ग्रहण) अधिनियम 1981 (बिहार अधिनियम 33, 1982) की धारा-18 की उप-धारा (3) के खण्ड (ख), (ग), (घ), एवं (च) को निम्नलिखित द्वारा प्रतिस्थापित किया जायेगा एवं नयी उप-धारा-(चच) च के बाद अन्तःस्थापित किया जायेगा । 

"(ख)  (i) अल्पसंख्यक माध्यमिक विद्यालय के प्रबंध समिति विद्यालय के लिए राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत पद के विरुद्ध राज्य सरकार द्वारा राजकीयकृत माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापक के लिए विहित पात्रता एवं अर्हता के अनुसार प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति करेगी जिसका अनुमोदन जिला शिक्षा पदाधिकारी के माध्यम से निदेशक, माध्यमिक शिक्षा द्वारा किया जायेगा । अनुमोदन के लिए लंबित मामलों का निपटारा भी निदेशक, माध्यमिक शिक्षा द्वारा किया जा सकेगा। 

    (II) अल्पसंख्यक माध्यमिक विद्यालय के प्रबंध समिति विद्यालय के लिए राज्य सरकार द्वारा मंजूर किये गये पदों के विरुद्ध बिहार नगर निकाय माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शिक्षक (नियोजन) नियमावली 2006 (समय-समय पर यथासंशोधित) तथा बिहार जिला परिषद् माध्यमिक एवं उच्चत्तर माध्यमिक शिक्षक (नियोजन) नियमावली, 2006 (समय-समय पर यथा संशोधित) के द्वारा विहित पात्रता, एवं अर्हता के अनुसार शिक्षको की नियुक्ति करेगी जिसका अनुमोदन जिला शिक्षा पदाधिकारी के माध्यम से निदेशक, माध्यमिक शिक्षा द्वारा किया जायेगा। अनुमोदन के लिए लंबित मामलों का निपटारा भी निदेशक, माध्यमिक शिक्षा द्वारा किया जा सकेगा।

"(ग) अल्पसंख्यक माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक, शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों का नैसर्गिक न्याय एवं प्रचलित कानून पर आधारित एक सेवा शर्त नियमावली होगी जिसमें अन्य बातों के अलावे व्यथित प्रधानाध्यापक, शिक्षक अथवा शिक्षकेत्तर कर्मचारी द्वारा प्रबंध समिति के निर्णय के विरूद्ध अपील करने तथा उसके मामलो पर पुनर्विलोकन करने का प्रावधान भी रहेगा जिसकी एक प्रति राज्य सरकार को भेजी जायेगी| 

"(घ) निदेशक, माध्यमिक शिक्षा बिहार, के अनुमोदन से प्रबंध समिति विद्यालय के प्रधानाध्यापक, शिक्षकों का सेवा समाप्त, पदच्यूत अथवा पदानवत कर सकेगी । 

"(च) 60 (साठ) वर्ष से अधिक आयु वाले किसी प्रधानाध्यापक, शिक्षक या शिक्षकेत्तर कर्मचारी की नियुक्ति करने अथवा उसे विद्यालय की सेवा में बनाये रखने की दशा में, ऐसे प्रधानाध्यापक, शिक्षक या शिक्षकेत्तर कर्मचारी के भुगतान के लिए विद्यालय कोई अनुदान 

पाने के हकदार नहीं होंगे । 

"(चच) इस धारा के अधीन निदेशक, माध्यमिक शिक्षा द्वारा लिये गये निर्णय के विरुद्ध अधिकतम 30 (तीस) दिनों के अन्दर प्रधान सचिव/ सचिव, मानव संसाधन विकास विभाग के समक्ष परिवाद दाखिल किया जा सकेगा तथा उनका विनिश्चय अंतिम माना जायेगा।" 

(2) बिहार अराजकीय माध्यमिक विद्यालय (प्रबंध एवं नियंत्रण ग्रहण) अधिनियम, 1981 (बिहार अधिनियम, 33, 1982) की धारा-18 की उप-धारा-(3) के खण्ड (ङ) विलोपित समझा जायेगा । 

बिहार-राज्यपाल के आदेश से, 

विनोद कुमार सिन्हा, 

सरकार के सचिव।

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