No: 25 Dated: Sep, 05 2017

[बिहार अधिनियम 25, 2017] 
बिहार चिकित्सा (संशोधन) अधिनियम, 2017 
बिहार चिकित्सा अधिनियम, 1916 (बिहार अधिनियम II, 1916) का संशोधन करने के लिए अधिनियम । 

भारत गणराज्य के अड़सठवें वर्ष में बिहार राज्य विधान मंडल द्वारा निम्नलिखित रूप में अधिनियमित हो : 
1. संक्षिप्त नाम, विस्तार एवं आरंभ। (1) यह अधिनियम "बिहार चिकित्सा (संशोधन) अधिनियम, 2017" कहा जा सकेगा। 
      (2) इसका विस्तार संपूर्ण बिहार राज्य से होगा। 
      (3) यह बिहार के राजपत्र में इसके प्रकाशन की तिथि से प्रवृत्त होगा। 
2. बिहार अधिनियम II, 1916 की धारा 3 एवं धारा 4 का प्रतिस्थापन। बिहार चिकित्सा अधिनियम, 1916 की धारा-3 एवं धारा-4 क्रमशः निम्नलिखित द्वारा प्रतिस्थापित की जाएगी। 
3. बिहार चिकित्सा परिषद की स्थापना। बिहार चिकित्सा रजिस्ट्रीकरण परिषद् के रूपमें एक परिषद की स्थापना की जाएगी और यह परिषद् एक निगमित निकाय होगी और इसे शाश्वत उत्तराधिकार और सामान्य मुहर होगी तथा उक्त नाम से वह वाद ला सकेगी और उस पर वाद लाया जा सकेगा। 
4. परिषद् का गठन।- (1) परिषद् दस सदस्यों से मिलकर होगी, यथा : 
        (क) सरकार द्वारा नाम निर्दिष्ट किए जाने वाले तीन सदस्य; 
        (ख) आर्यभट्टज्ञान विश्वविद्यालय द्वारा मेडिकल फैकल्टी से नाम निर्दिष्ट दो सदस्य, 
        (ग) राज्य में निवास करने वाले रजिस्ट्रीकृत व्यवसायियों द्वारा और से निर्वाचित एक महिला सदस्य; 
        (घ) बिहार राज्य में निवास करने वाले रजिस्ट्रीकृत व्यवसायियों द्वारा और से निर्वाचित होनेवाले दो सदस्य; 
        (ड) भारतीय चिकित्सा संघ की बिहार शाखा के सदस्यों द्वारा और से निर्वाचित होनेवाले दो सदस्य।
    (2) (i) परिषद् के अध्यक्ष परिषद् के सदस्यों द्वारा और उनके बीच से निर्वाचित किए जाएंगे और उस अवधि के लिए पद धारण करेंगे, जिस अवधि के लिए परिषद् के सदस्यों को निर्वाचित किया जाएगा। 
         (ii) परिषद् अथवा इसके अधिकारियों द्वारा किए गए किसी कार्य को, केवल उसमें किसी कार्य को, केवल उसमें रिक्ति अथवा परिषद् के गठन में किसी त्रुटि के विद्यमान रहने के आधार पर, प्रश्नगत नही किया जाएगा। 
         (iii) परिषद् अथवा इसके अधिकारियों द्वारा किए गए किसी कार्य को, केवल इस कारण से अधिनिमान्य नहीं समझा जाएगा कि सदस्यों की संख्या, वैसे कार्य के अनुपालन के समय, इस धारा में विनिर्दिष्ट संख्या तक नहीं थी। 
3. व्यावृति:- ऐसे प्रतिस्थापन के होते हुए, बिहार चिकित्सा अधिनियम, 1916 की मूल धारा-3 एवं 4 के अधीन पूर्व में किया गया कुछ भी या की गई कोई कार्रवाई प्रभावित नहीं होगी। 

 

बिहार राज्यपाल के आदेश से, 
मनोज कुमार, 
सरकार के संयुक्त सचिव ।

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