No: 22 Dated: Dec, 22 2011

[बिहार अधिनियम 22, 2011]

बिहार लोकायुक्त अधिनियम, 2011

 प्रस्तावना :- लोकायुक्त संस्था, उनकी शक्तियों एवं कृत्यों एवं सभी श्रेणी के लोकसेवकों के विरूद्ध भ्रष्टाचार के आरोपों की त्वरित जाँच एवं अभियोजन हेतु प्रावधान करने के लिए अधिनियम |

भारत गणराज्य के बासढवें वर्ष में बिहार राज्य विधान मंडल द्वारा निम्नलिखित रूप में यह अधिनियमित

अध्याय-I

प्रारंभिक 

1. संक्षिप्त नाम, विस्तार और प्रारम्भ :– (1) यह अधिनियम "बिहार लोकायुक्त अधिनियम, 2011" कहा जा सकेगा।

(2) इसका विस्तार संपूर्ण बिहार राज्य में होगा।

(3) यह उस तिथि से प्रवृत्त होगा जिसे राज्य सरकार, राजपत्र में, अधिसूचना द्वारा नियत करे जो राज्यपाल की सहमति की तिथि से तीस दिनों से अनधिक होगी ।

2. परिभाषाएँ :- 

(1) इस अधिनियम में, जब तक संदर्भ में अन्यथा अपेक्षित न हो

  (क) किसी लोक सेवक के संबंध में "आरोप" से अभिप्रेत है यह अभिपुष्टि कि ऐसे लोक सेवक ने-

     (i) अपनी स्थिति का दुरुपयोग स्वयं या किसी अन्य व्यक्ति के लिए कोई अनुचित लाभ या अनुग्रह अभिप्राप्त करने के लिए या किसी अन्य व्यक्ति को असम्यक हानि पहुँचाने या कठिनाई में डालने अथवा राज्य को हानि पहुँचाने के लिए किया हो; 

    (ii) एक लोक सेवक के रूप में, अपने कृत्यों का निर्वहन करने में वैयक्तिक हित अथवा अनुचित, प्रष्ट हेतु से प्रेरित था; अथवा । 

    (iii) लोक सेवक अपनी हैसियत में भ्रष्टाचार या सत्यनिष्ठा की कमी का दोषी हो;

    (iv) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के अधीन दंडनीय कुछ भी किया हो ।

  (ख) "न्याय पीठ" से अभिप्रेत है लोकायुक्त की न्यायपीठ, 

  (ग) “अध्यक्ष" से अभिप्रेत है लोकायुक्त का अध्यक्ष; 

  (घ) "सक्षम प्राधिकार" से अभिप्रेत है

    (i) "मुख्य मंत्री" के संबंध में राज्यपाल, मंत्रिपरिषद के किसी सदस्य के संबंध में मुख्य मंत्री: 

    (ii) "किसी मंत्री या सभापति से भिन्न राज्य विधान परिषद के किसी सदस्य" के संबंध में राज्य विधान परिषद् का सभापति और "किसी मंत्री या अध्यक्ष से भिन्न राज्य विधान सभा के किसी सदस्य के संबंध में राज्य विधान सभा का अध्यक्ष,

    (iii) "विधानपरिषद् के सभापति एवं विधान सभा के अध्यक्ष के संबंध में राज्यपाल,

    (iv) सरकार के विभाग में "किसी अधिकारी" से अभिप्रेत है नियुक्ति प्राधिकारी;

    (v) अध्यक्ष या निदेशक :- किसी निकाय या पर्षद या निगम अथवा स्थानीय स्वशासन सहित प्राधिकार अथवा पंचायती राज संस्थाओं सहित स्थानीय प्राधिकार राज्य अधिनियम के अधीन गहित या स्थापित शहरी स्थानीय निकाय या कंपनी या स्वशासी निकास (चाहे जिस नाम से वह जाना जाय) अथवा सोसाइटी या व्यक्तियों का संगठन या न्यास अथवा गैर सरकारी संगठन (चाहे तत्समय प्रवृत्त किसी विधि के आधीन रजिस्ट्रीकृत हो अथवा नहीं) जो पूर्णतः या अंशत, सरकार द्वारा वित्त पोषित अथवा विदेशी अभिदाय (विनियम) अधिनियम, 1976 के अधीन किसी रकम की अथवा जनता से चंदा की प्राप्ति में हो, राज्य सरकार द्वारा सहायता प्राप्त या दिये जाने वाले अनुदान अथवा विहित राशि से अधिक भुगतान की प्राप्ति में है अथवा राज्य सरकार द्वारा पूर्णतः या अंशतः वित्त पोषित अथवा इसके द्वारा नियंत्रित से अभिप्रेत है ऐसी निकाय या पर्षद या निगम या प्राधिकार या कंपनी या सोसाइटी अथवा स्वशासी निकाय के प्रभारी मंत्री: 

    (vi) राज्य अधिनियम के अधीन स्थापित या गठित और पूर्ण या आंशिक रूप से राज्य सरकार द्वारा वित्त प्रदत्त या नियंत्रित किसी निकाय या पर्षद या निगम या प्राधिकार या कंपनी या सोसाइटी या स्थानीय स्वशासन, स्थानीय प्राधिकार पंचायती राज संस्थाएँ एवं शहरी स्थानीय निकाय सहित अथवा कंपनी अथवा सोसाइटी अथवा स्वशासी निकाय (चाहे जिस किसी नाम से पुकारा जाय) के किसी पदाधिकारी से अभिप्रेत है, ऐसी निकाय या पर्षद या निगम या प्राधिकार या कंपनी या सोसाइटी या स्वशासी निकाय का प्रधान 

    (vii) सरकार द्वारा पूर्ण या आंशिक रूप से वित्त प्रदत्त या विदेशी अभिदाय (विनियम) अधिनियम, 1976 के अधीन कोई राशि प्राप्त या जनता से चंदा प्राप्त प्रत्येक अन्य सोसाइटी या व्यक्तियों का संघ या न्यास(तत्समय प्रवृत्त किसी विधि के अधीन निबंधित हो या नहीं) का कोई निदेशक, प्रबंधक, सचिव या अन्य पदाधिकारी के संबंध में, सोसाइटी का प्रधान या व्यक्तियों के संघ का प्रधान या न्यास का प्रधान, 

  (ड) “पूर्ण न्यायपीठ" से अभिप्रेत है अध्यक्ष एवं लोकायुक्त के सभी विद्यमान सदस्यों को मिलाकर लोकायुक्त की न्यायपीठ;

  (च) “परिवाद' से अभिप्रेत है किसी व्यक्ति द्वारा यह दावा कि उसे कुप्रशासन के चलते अन्याय या असम्यक कष्ट हुआ है।

  (छ) “जाँच" से अभिप्रेत है लोकायुक्त द्वारा इस अधिनियम के अधीन संचालित प्रत्येक जाँच; 

  (ज) "न्यायिक सदस्य" से अभिप्रेत है इस रूप में नियुक्त लोकायुक्त का कोई न्यायिक सदस्य,

  (झ) "लोकायुक्त" से अभिप्रेत है इस अधिनियम की धारा-3 के अधीन स्थापित संस्था, 

  (ण) "सदस्य" से अभिप्रेत हैं लोकायुक्त का कोई सदस्य

  (ट) “मंत्री" से अभिप्रेत हैं राज्य के लिए मंत्रिपरिषद का कोई सदस्य (चाहे जिस किसी नाम से पुकारा जाय) और इसमें कोई राज्य मंत्री, कोई उप मंत्री एवं संसदीय सचिव शामिल हैं।

  (ठ) "अधिसूचना'' से अभिप्रेत है राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना और पद "अधिसूचित" का तदनुसार अर्थ लगाया जाएग,

  (ड) “पदाधिकारी" से अभिप्रेत है लोक सेवा में या राज्य के कार्यकलाप से सम्बद्ध पद पर नियुक्त कोई व्यक्ति,

  (ढ) "लोक प्राधिकार'' से अभिप्रेत है -

    (i) राज्य सरकार की कोई स्थापना या निकाय अथवा संस्था, 

    (ii) कोई स्थानीय प्राधिकार, पंचायती राज संस्थाएँ एवं शहरी स्थानीय निकाय सहित स्थानीय स्वशासन, 

    (iii) राज्य विधानमंडल के किसी अधिनियम के अधीन स्थापित या गठित और राज्य सरकार द्वारा पूर्णतः या अंशतः वित्त पोषित अथवा उसके द्वारा नियंत्रित कोई निकाय/ बोर्ड/निगम/ प्राधिकार / कंपनी/सोसाईटी/ स्वशासी निकाय (चाहे वह जिस नाम से जाना जाता हो); 

  (ण) "विहित" से अभिप्रेत है इस अधिनियम के अधीन बनाये गये नियमों द्वारा विहित; (त)"लोक सेवक" से अभिप्रेत है धारा-16के खंड (1) में निर्दिष्ट कोई व्यक्ति,

  (थ) "विनियम'' से अभिप्रेत है इस अधिनियम के अधीन बनाये गये विनियम;

  (द) "अनुसूची" से अभिप्रेत है इस अधिनियम की कोई अनुसूची,

  (घ) “विशेष न्यायालय" से अभिप्रेत है अष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 3 की उप धारा–(1) के आधीन स्थापित कोई विशेष न्यायालय अथवा बिहार विशेष न्यायालय अधिनियम, 2009 के अधीन स्थापित विशेष न्यायालय,

  (न) "अन्तरांचक (हिवशिल ब्लोअर)" से अभिप्रेत है किसी लोक प्राधिकार का कोई व्यक्ति जो उस लोक प्राधिकार में भ्रष्टाचार के संबंध में कोई जानकारी रखता हो,

(2) इस अधिनियम में प्रयुक्त एवं अपरिभाषित शब्दों या पदों के वही अर्थ होंगे जो भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 में क्रमशः उनके लिए समनदेशित किये गये हों,

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