No: 22 Dated: Sep, 04 2017

बिहार अधिनियम 22, 2017] 
बिहार भूमि दाखिल खारिज (संशोधन) अधिनियम, 2017 
बिहार भूमि दाखिल खारिज अधिनियम, 2011 (बिहार अधिनियम 23, 2011) का संशोधन करने के लिए अधिनियम |
 

भारत गणराज्य के अड़सठवें वर्ष में बिहार राज्य विधान मंडल द्वारा निम्नलिखित रूप में यह अधिनियमित हो : 
1. संक्षिप्त नाम, विस्तार एवं प्रारम्भ।-(1) यह अधिनियम "बिहार भूमि दाखिल खारिज (संशोधन) अधिनियम, 2017" कहा जा सकेगा। 
   (2) इसका विस्तार सम्पूर्ण बिहार राज्य में होगा। 
   (3) यह तुरन्त प्रवृत्त होगा। 
2. बिहार अधिनियम 23, 2011 की धारा-2 (26) में संशोधन/- उक्त अधिनियम, 2011 की धारा-2 की उप धारा-(26) में निम्नलिखित नई उप धारा-26(क) जोड़ी जायगी : 
  "26(क) जमाबंदी पंजी"- जमाबंदी पंजी उन रैयतों का रजिस्टर है, जो संबंधित राजस्व ग्राम में भूमि धारित करते है जिसमें जमाबंदी रैयत का खाता, खेसरा, रकवा, चौहद्दी तथा भू-लगान दर्ज रहता है तथा वे धारित जमीन में खेती करते है, जिसके बदले उन्हें जमाबंदी पंजी में दर्ज प्रविष्टि के आधार पर भूमि के लगान का भुगतान करना पड़ता है। इस प्रकार जमाबंदी पंजी रैयत एवं भू-स्वामी (राज्य सरकार) के बीच भू-लगान संव्यवहार (लेन-देन) को प्रदर्शित करने वाले तथा धारित करने वाली भूमि को प्रदर्शित करने वाला महत्त्वपूर्ण भूमि अभिलेख है। "
3. बिहार अधिनियम 23, 2011 की धारा-3 में संशोधन (1) उक्त अधिनियम, 2011 की धारा-3 की उप धारा-(1) के पश्चात् निम्नलिखित नई उप धारा-(1क) जोड़ी जायगी : 
        "(1क) जिन मामलों में भूमि पर हित अर्जित करने के अधिकतम 90 दिनों के भीतर दाखिल खारिज हेतु याचिका समर्पित नहीं किया जाता है, वैसे मामलों में दाखिल खारिज याचिका के साथ विलम्ब क्षांति याचिका विहित प्रपत्र में संलग्न किया जाएगा, जिसमें विलम्ब का कारण उल्लिखित होगा। यदि याचिकाओं के साथ विलम्ब क्षति याचिका विहित प्रपत्र में आवेदक के द्वारा संलग्न किया जाता है, तो मामलों का निष्पादन अंचल अधिकारी गुण-दोष के आधार पर करेंगे।" 
     (2) उक्त अधिनियम, 2011 की धारा-3 की उप धाराएं-2) को निम्न से प्रतिस्थापित किया जाएगा: 
"किसी होल्डिंग या उसके भाग में विक्रय, दान, विनिमय, बँटवारा द्वारा चाहे न्यायालय द्वारा अथवा अन्यथा निर्वसीयत अथवा वसीयत, बिल, राज्य सरकार के विभागों/उपक्रमों द्वारा बिहार रैयती भूमि लीज नीति, 2014 के तहत पंजीकृत दस्तावेज से प्राप्त की गयी जमीन (सत्त लीज के शौ पर), सक्षम प्राधिकार द्वारा लोक भूमि की बन्दोबस्ती/अन्तरण/समनुदेशन, भूदान यज्ञ समिति द्वारा भूमि के अनुदान, बिहार प्रश्रय प्राप्त व्यक्ति वासगीत काश्तकारी अधिनियम, 1947 के अधीन प्रदत्त अभिधति अधिकार, बिहार काश्तकारी अधिनियम, 1885 के अधीन दर रैयत के रूप में अधिभोगी अधिकार का अर्जन, भू-अर्जन अधिनियम, 1894 के अधीन पूर्व रैयत को होल्डिंग या उसके भाग का प्रत्यावर्तन, भू-अर्जन, पुर्नवास और पुनर्व्यव्यवस्थापन में उचित प्रतिकर पारिदर्शिता अधिकार अधिनियम, 2013, राष्ट्रीय राज्यमार्ग अधिनियम, 1956 एवं रेलवे (विशेष) अधिनियम, 2008 के अधीन पूर्व रैयत को होल्डिंग या उसके भाग का प्रत्यावर्तन, वासभूमि रहित महादलित परिवारों के लिए रैयती भूमि की क्रय नीति, 2010 के अधीन क्रय की गयी वासभूमि, कोशी क्षेत्र (रैयतों को भूमि वापसी) अधिनियम, 1951 के अधीन पूर्व रैयत को होल्डिंग या उसके भाग का प्रत्यावर्तन, बिहार भूमि सुधार (अधिकतम सीमा-निर्धारण एवं अधिशेष भूमि अर्जन) अधिनियम, 1961 के अधीन भूमि की बन्दोबस्ती, किसी न्यायालय के आदेश/डिक्री अथवा सरकार द्वारा अधिसूचित अन्तरण का कोई अन्य उपाय/लिखत में हित अर्जित करने वाला कोई व्यक्ति, उस अंचल अधिकारी, जिसके क्षेत्राधिकार में वह होल्डिंग अथवा उसका भाग अवस्थित है, के कार्यालय में या अंचल अधिकारी द्वारा उस क्षेत्र की दाखिल खारिज याचिकाओं को प्राप्त करने हेतु आयोजित शिविर में विहित रीति से उस होल्डिंग या उसके भाग के संबंध में चालू खतियान, अभिधारी खाता पंजी/जमाबंदी पंजी तथा खेसरा पंजी में अपने नाम से दाखिल खारिज करने के लिए याचिका दे सकेगा।" 
     (3) उक्त अधिनियम, 2011 की धारा-3 की उप धारा-3) के पश्चात निम्नलिखित नई उप धारा-3क) जोड़ी जायगी।- "भूमि के निबंधन के तत्काल बाद Online Mutation हेतु इस निमित्त अधिसूचित अंचलों से संबंधित अंचल अधिकारी स्वत: संज्ञान लेते हुए तीन कार्य दिवसों के अन्दर दाखिल खारिज का अभिलेख संधारित करते हुए विहित प्रपत्र में आम सूचना एवं खास सूचना निर्गत करना सुनिश्चित करेंगे। आम सूचना एवं खास सूचना निर्गत किये जाने के पश्चात् दाखिल खारिज वाद के निष्पादन हेतु निर्धारित प्रक्रिया का अनुपालन करेगें।"
4. बिहार अधिनियम 23, 2011 की धारा-4 में संशोधन/- (1) उक्त अधिनियम, 2011 की धारा-4 की उपधारा (5) में अंकित “भू-अर्जन अधिनियम, 1894 के अधीन भूमि के अर्जन के लिए उत्तरदायी प्राधिकारी, उस क्षेत्र के अंचल अधिकारी जिसके क्षेत्राधिकार में भूमि अवस्थित हो, को इसकी विहित प्रपत्र में सूचना देगा" शब्द "भू-अर्जन अधिनियम, 1894, भू-अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शित अधिकार अधिनियम, 2013, राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम, 1956 एवं रेलवे (विशेष) अधिनियम, 2008 के अधीन भूमि के अर्जन के लिए उत्तरदायी प्राधिकारी, उस क्षेत्र के अंचल अधिकारी जिसके क्षेत्राधिकार में भूमि अवस्थित हो, को इसकी विहित प्रपत्र में सूचना देगा" द्वारा प्रतिस्थापित किए जाएंगे। 
    (2) उक्त अधिनियम की धारा-4(6) में संशोधन (1) उक्त अधिनियम, 2011 की धारा-4(6) में प्रयुक्त शब्द "भू-अर्जन अधिनियम, 1894 के अधीन पूर्व रैयत को भूमि प्रत्यावर्तित करने हेतु उत्तरदायी प्राधिकार उस क्षेत्र के अंचल अधिकारी जिसके क्षेत्राधिकार में भूमि अवस्थित हो, को इसकी सूचना विहित प्रपत्र में देगा।" शब्द "भू-अर्जन अधिनियम, 1894, भू-अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शित अधिकार अधिनियम, 2013, राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम, 1956 एवं रेलवे (विशेष) अधिनियम, 2008 के अधीन पूर्व रैयत को भूमि प्रत्यावर्तित करने हेतु उत्तरदायी प्राधिकार उस क्षेत्र के अंचल अधिकारी जिसके क्षेत्राधिकार में भूमि अवस्थित हो, को इसकी सूचना विहित प्रपत्र में देगा।" द्वारा प्रतिस्थापित किए जाएगे। 
5. बिहार अधिनियम 23, 2011 की धारा-6 में संशोधन।-(1) उक्त अधिनियम, 2011 की धारा-6(१) का (ख) के पश्चात् उप धारा-(ग) निम्नवत जोड़ा जाता है : 
“(ग) बेव-साईट के माध्यम से ऑन-लाईन दाखिल खारिज याचिका अथवा निबंधन कार्यालयों से जमीन के हस्तान्तरण से संबंधित दस्तावेजों के पंजीकरण की सूचना के आधार पर दाखिल खारिज की ऑन-लाईन प्रक्रिया का सम्पादन इस निमित्त अधिसूचित अंचलों के अंचल अधिकारी के द्वारा किया जाएगा।" 
   (2) उक्त अधिनियम, 2011 की धारा-6 की उप धारा-7) को निम्न से प्रतिस्थापित किया जाता है : 
"कर्मचारी, उस राजस्व ग्राम को, जिसमें होल्डिंग अथवा उसका भाग अवस्थित हो, चालू खतियान, अभिधारी खाता पंजी/जमाबंदी पंजी तथा खेसरा पंजी में शुद्धि-पत्र में परिवर्तन हेतु दिए गये आदेश को दर्शाते हुए प्रविष्टियों में परिवर्तन करेगा।" 
   (3) उक्त अधिनियम, 2011 की धारा-6 की उप धारा-8) को निम्न से प्रतिस्थापित किया जाता है : 
"अभिधारी पंजी/जमाबंदी पंजी की प्रविष्टियों में किए गये परिवर्तन के अधार पर कर्मचारी संबंधित जमाबंदी में वार्षिक लगान एवं सेस की माँग में परिवर्तन करेगा।" 

बिहार-राज्यपाल के आदेश से, 
मनोज कुमार, 
सरकार के संयुक्त सचिव |

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