No: 7 Dated: Jun, 04 2018
[बिहार अधिनियम-07, 2018]
बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार (संशोधन) अधिनियम, 2017
प्रस्तावना :- बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार अधिनियम, 1974 (बिहार अधिनियम 16, 1974) का संशोधन करने के लिए अधिनियम।
भारत गणराज्य के अड़सठवें वर्ष में बिहार राज्य विधान मंडल द्वारा निम्नलिखित रूप में यह अधिनियमित हो:
1. संक्षिप्त नाम, विस्तार और प्रारंभ। - (1) यह अधिनियम "बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार (संशोधन) अधिनियम, 2017" कहा जा सकेगा।
(2) इसका विस्तार संपूर्ण बिहार राज्य होगा।
(3) यह तुरंत के प्रभाव से प्रवृत्त होगा।
2. बिहार अधिनियम 16, 1974 की धारा-2 में संशोधन।- उक्त अधिनियम, 1974 की धारा-2 की उपधारा (क) में प्रयुक्त शब्द "अस्पताल के बाद शब्द “संयुक्त वहि: स्त्राव उपचार प्लांट, संयुक्त सुविधा केन्द्र, ठोस कचरा प्रबंधन तंत्र", अंतःस्थापित किए जाएंगे।
3. बिहार अधिनियम 16, 1974 की धारा-3 में संशोधन ।- (1) उक्त अधिनियम, 1974 की धारा-3 की उप धारा (3) के खंड (ii) में प्रयुक्त शब्द "आयुक्त" के पूर्व शब्द “सचिव अथवा" अंतः स्थापित किए जाएंगे।
(2) उक्त अधिनियम, 1974 की धारा-3 की उपधारा (4) के बाद निम्नलिखित नई उपधारा (4क) जोड़ी जाएगी:
"(4क) प्राधिकार, लिखित रूप में सामान्य या विशेष आदेश द्वारा प्राधिकार के किसी पदाधिकारी को उन शर्तों के अधीन रहते हुए यदि कोई हो, जो आदेश में विनिर्दिष्ट की जाये, इस अधिनियम के अधीन अपनी शक्तियों एवं कृत्यों को, जिसे आवश्यक समझा जाय, प्रत्यायोजित कर सकेगा।"
4. बिहार अधिनियम 16,1974 की धारा-4 में नई धारा-4क का अंतःस्थापन।- उक्त अधिनियम, 1974 की धारा-4 के बाद निम्नलिखित नई धारा 4क अंत: स्थापित की जाएगी:
" 4क. औद्योगिक क्षेत्र (1) औद्योगिक क्षेत्र में कतिपय एक या एक से अधिक निम्नलिखित भूमि अंतर्विष्ट होंगी:
(i) राज्य सरकार द्वारा अर्जित तथा इस अधिनियम की धारा-9 के अधीन प्राधिकार को अंतरित सभी भूमि;
(ii) प्राधिकार द्वारा लीज, लगान और क्रय अथवा अधिनियम की धारा-6(10) और धारा-9 के अधीन किसी अभिधृति के रूप में अर्जित सभी भूमि;
(2) किसी अन्य विधि में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी, प्राधिकार ऐसे औद्योगिक क्षेत्र के लिए औद्योगिक आयोजन क्षेत्र से संबंधित विकास नियंत्रण विनियम, संबंधित उपविधि, मास्टर प्लान तथा ऐसे ही कुछ विषय अधिसूचित कर सकेगी।"
5. बिहार अधिनियम 16,1974 की धारा-6 में संशोधन।- (1) उक्त अधिनियम, 1974 की धारा-6 की उप धारा (1) के बाद निम्नलिखित नई उप धारा (1क) जोड़ी जाएगी:
"(1क) प्राधिकार धारा-4क यथोलिखित औद्योगिक क्षेत्र के औद्योगिक आयोजन के लिए क्रियान्वयन एजेंसी होगा।"
(2) उक्त अधिनियम, 1974 की उपधारा (2) में प्रयुक्त शब्द "भूमि" के बाद शब्द "अथवा करखाना का शेड या भवनों अथवा भवनों के भागों" तथा आगे शब्द "लीज निष्पादन" के बाद शब्द "उपांतरण" अंत: स्थापित किए जाएंगें।
(3) उक्त अधिनियम, 1974 की धारा-6 की उप धारा (2) के खंड (क) में प्रयुक्त शब्द "उद्योग" के बाद शब्द "अथवा प्राधिकार के सभी बकाए, लगान, प्रभारों का भुगतान ससमय नहीं किए गए हों अथवा अनुमोदित योजना के विरूद्ध कोई निर्माण कार्यान्वित किया गया हो अथवा उद्योग के लिए खतरनाक क्रियाकलाप में लगे हो," अंतस्थापित किए जाएंगे।
(4) उक्त अधिनियम, 1974 की धारा-6 की उप धारा 2(ख) के बाद निम्नलिखित नई उप धारा (ग) एवं (घ) क्रमशः अंतस्थापित की जाएगी:
2"(ग) प्राधिकार, भवन विनियमों के संबंध में प्रत्येक प्लॉट में उपयोग न लाए गए भवन निर्माण योग्य क्षेत्र की पहचान नियमित रूप से करेगा। प्राधिकार औद्योगिक क्षेत्र में प्लॉट धारकों को, विहित प्रारूप में ब्योरे भेजने हेतु सूचना निर्गत करेगा। प्रतिवेदन देने पर, यदि प्राधिकार का यह समाधान हो जाए कि प्लॉट धारक अपने प्लॉट के अधिकतम भवन निर्माण योग्य क्षेत्र का उपयोग, अथवा जिस प्रयोजन के लिए भूमि आंवटित थी उस प्रयोजन के लिए कब्जा प्राप्त करने की तिथि से 3(तीन) वर्ष अथवा राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित किसी अन्य अवधि के बाद भी नहीं किया है तो उपयोग न लाए गए भाग को, किसी उद्योग को जगह देने के लिए रद्द कर दिया जाएगा। प्लॉट का वह भाग जिसका उपयोग आवंटी/पट्टाधारी द्वारा नहीं किया जा रहा हो, चिन्हित किया जाएगा और प्राधिकार द्वारा किसी नए आवंटी/पट्टाधारी को देने के लिए अधिगृहित कर लिया जाएगा।
2(घ) आवंटित प्लॉट या क्षेत्र पर कारोबार का आरंभ। कोई भी व्यक्ति, जबतक प्राधिकार द्वारा, प्लॉट के कब्जा के समय आवंटी द्वारा दाखिल किए गए विस्तृत प्रोजेक्ट प्रतिवेदन के अनुसार और प्राधिकार के विकास नियंत्रण विनियमों के अनुसार क्रियान्वयन के बाद एक अधिभोग प्रमाण पत्र न निर्गत कर दिया जाय, कारोबार आरंभ नहीं करेगा। प्राधिकार विस्तृत प्रोजेक्ट प्रतिवेदन में किसी विचलन की अनुज्ञा देगा बशर्ते कि ऐसा विचलन, प्लॉट पर किसी ऐसे विचलन क्रियान्वयन आरंभ होने के पूर्व, प्राधिकार को सूचित किया गया हो और अनुमोदित किया गया हो।"
(5) उक्त अधिनियम की धारा-6 की उपधारा (3) के बाद निम्नलिखित नई उपधारा (3क) अंतःस्थापित की जाएगी:
"(3क) प्राधिकार आवंटन नीति, अंतरणनीति, निकास नीति, रद्दकरण नीति अथवा औद्योगिक क्षेत्र के अच्छे प्रबंधन के लिए ऐसी ही अन्य नीति का निर्माण करेगा।"
(6) उक्त अधिनियम, 1974 की धारा-6 की उप धारा (4) को निम्नलिखित से प्रतिस्थापित किया जायेगा:
"4)(क) प्राधिकार के प्रबंध निदेशक को बिहार लोक भूमि अतिक्रमण अधिनियम, 1956 की धारा-2 की उपधारा (1) के अंतर्गत प्राधिकार के सड़कों, घरों, गलियों, विकास क्षेत्र एवं संपत्तियों पर अतिक्रमण हटाने के उद्धेश्य से समाहर्त्ता की शक्ति होगी।
(4)(ख) कोई भी व्यक्ति, जो प्राधिकार के सड़क, घरों, गलियों, विकास क्षेत्र या संपत्ति पर अतिक्रमण करता हो या रद्द प्लॉट अथवा प्लॉट के भाग पर कब्जा जारी रखता है या बैठता है, अतिक्रमणकारी माना जाएगा और प्राधिकार इस अधिनियम के निर्बधनों के अनुसार आवश्यक कार्रवाई करेगा।
" (7)उक्त अधिनियम, 1974 की धारा-6 की उप धारा (8) के बाद निम्नलिखित उप धारा (9) एवं (10) जोड़ी जाएंगी:
"9) प्राधिकार औद्योगिक क्षेत्र को प्रभावी रूप से प्रबंधित करने के लिए औद्योगिक क्षेत्र प्रबंधन समिति का गठन कर सकेगा।
(10) प्राधिकार को निम्नलिखित शक्तियाँ होगी:
(क) स्थावर या जंगम में, दोनों ऐसी संपत्ति जिसे प्राधिकार अपनी क्रियाकलापों में से किसी के भी अनुपालन के लिए आवश्यक समझे, अर्जित एवं धारित करने;
विहित नियमों के अनुसार किसी भूमि करार द्वारा क्रय करने या लीज, लगान अथवा अभिधृति के किसी प्रारूप के अधीन लेने, ऐसे भवन खड़ा करने तथा ऐसे अन्य कार्य निष्पादित करने जो अपने कर्तव्यों तथा कृत्यों को क्रियान्वित करने के प्रयोजनार्थ आवश्यक समझे
6. बिहार अधिनियम 16, 1974 की धारा-7 में संशोधन।- उक्त अधिनियम, 1974 की धारा-7 की उपधारा (2) के बाद निम्नलिखित उपधारा (3), (4) एंव (5) क्रमशः जोड़ी जाएंगी:
"(3) ऐसे लेखाओं का संचालन प्राधिकार के ऐसे पदाधिकारियों द्वारा किया जायेगा जो इस निमित इसके द्वारा बनाए गए नियमों द्वारा प्राधिकृत किया जाय।
(4) प्राधिकार को ऐसी रकम, जिसे वह इस अधिनिमय के अधीन प्राधिकृत प्रयोजनों के लिए उचित समझे, आवश्यकतानुसार प्राधिकार की समान्य निधि से खर्च करने की शक्ति होगी।
(5) उपर्युक्त उपधारा (2) एंव (3) में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी, प्राधिकार ऐसी रकम, जिसे अपने दिन प्रतिदिन के लिये संव्यवहार उचित समझे, यथा विहित सीमाओं और शर्तों के अधीन रहते हुए, अपने हाथ में रख सकेगा।"
7. बिहार अधिनियम 16, 1974 की धारा-8 में संशोधन।- (1) उक्त अधिनियम, 1974 की धारा-8 की उपधारा (1) के बाद निम्नलिखित उपधारा (१क) एवं (1ख) अंतः स्थापित की जाएगी:
"(1क) प्राधिकार वर्ष के दौरान कार्य के कार्यक्रमों में फेरफार करने हेतु सक्षम होगा बशर्ते कि बजट की मंजूरी के बिना सभी ऐसे फेरफार और पुनर्विनियोजन एक अनुपूरक वित्तीय विवरण द्वारा राज्य सरकार के जानकारी में लाए गए हो।
(1ख) राज्य सरकार ऐसे अनुदान, आर्थिक सहायता, ऋण तथा अग्रिम प्राधिकार को उपलब्ध करायेगा जो उसे इस अधिनियम के अधीन प्राधिकार के कृत्यों के अनुपालन के लिए आवश्यक समझें, तथा सभी दिए गए अनुदान, आर्थिक सहायता ऋण एवं अग्रिम उन निर्बधनों और शर्तों पर होंगे जो राज्य सरकार विहित करे।"
उक्त अधिनियम, 1974 की धारा-8 की उपधारा (4) के बाद निम्नलिखित उपधारा (5) जोड़ी जाएगी:
प्राधिकार पूर्व वित्तीय वर्ष के दौरान अपने क्रियाकलापों, नीतियों तथा कायक्रमों का सत्य एवं पूर्ण लेखा तथा अग्रदृष्टि विवरण नियमों में विहित प्रारूप में देते हुए प्रत्येक वित्तीय वर्ष के अंत के बाद 90 दिनों के भीतर एक वार्षिक प्रतिवेदन राज्य सरकार को भेज देगा।"
8. बिहार अधिनियम 16,1974 की धारा-9 में संशोधन।- उक्त अधिनियम, 1974 की धारा-9 की उपधारा (1) में प्रयुक्त शब्द एवं अंक "भू-अर्जन अधिनियम, 1894 शब्द “विद्यमान भू-अर्जन विधियों" द्वारा प्रतिस्थापित किए जाएंगे।
9. बिहार अधिनियम 16, 1974 की धारा-12 में संशोधन। उक्त अधिनियम, 1974 की धारा-12 की उपधारा (1) में प्रयुक्त शब्द एंव अंक "वह 10,000 रू० तक के जुर्माने से" शब्द एवं अंक "पांच लाख या प्राधिकार द्वारा उपगत सभी खर्च का 300% जो भी अधिक हो" द्वारा तथा आगे शब्द एंव अंक "हर दिन के लिए 100 रू० तक" शब्द " प्रतिदिन पांच हजार रूपये " द्वारा प्रतिस्थापित किए जाएंगे।
10. बिहार अधिनियम 16, 1974 की धारा-14 में संशोधन।- उक्त अधिनियम, 1974 की धारा-14 के खंड (ग) के बाद निम्नलिखित खंड (ग-1) जोड़ा जाएगा :
“(ग-1) भूमि एवं/अथवा भवन को क्रय करने, संपत्ति को पट्टे अथवा किराये पर लेने"
बिहार-राज्यपाल के आदेश से,
मनोज कुमार,
सरकार के संयुक्त सचिव
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