No: 25 Dated: Aug, 02 2010

[बिहार अधिनियम 25, 2010] 

बिहार राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन (संशोधन) अधिनियम, 2010

प्रस्तावनाः- राजकोषीय समेकन के लिये तेरहवें वित्त आयोग द्वारा यथा अनुशंसित पुनरीक्षित रूपरेखा को लागू करने एवं राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन प्रकिया को और पारदर्शी तथा व्यापक बनाने के लिये राजकोषीय लक्ष्यों में संशोधन का उपबंध करने हेतु बिहार राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन अधिनियम, 2006 का संशोधन करने के लिए अधिनियम ।

भारत गणराज्य के इकसठवें वर्ष में बिहार राज्य विधान मंडल द्वारा निम्नलिखित रूप में यह अधिनियमित हो :

1. संक्षिप्त नाम, विस्तार एवं प्रारम्भ :- (1) यह अधिनियम "बिहार राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन (संशोधन) अधिनियम, 2010" कहा जा सकेगा ।

(2) इसका विस्तार संपूर्ण बिहार राज्य में होगा । 

(3) यह उस तिथि से प्रवृत्त होगा जो राज्य सरकार अधिसूचना द्वारा राजपत्र में इस निमित नियत करें ।

2. बिहार अधिनियम 5, 2006 की धारा-2 में संशोधन:- बिहार राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन अधिनियम, 2006 (बिहार अधिनियम 5, 2006) की धारा 2 की उप-धारा (ठ) के बाद निम्नलिखित नयी उप-धारा (ड) जोड़ी जायेगी :

(ड) "ऋण" से अभिप्रेत है राज्य सरकार द्वारा ब्याज पर ली गई उधार की राशि ।

3. बिहार अधिनियम 5, 2006 की धारा-3 में संशोधन:- बिहार राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबन्धन अधिनियम, 2006 (बिहार अधिनियम 5, 2006) की धारा-3 की उप-धारा (क) निम्नलिखित द्वारा प्रतिस्थापित की जायेगी :-

"(क) राजकोषीय सुधार के मार्ग पर आने के लिये वर्ष 2007-08 में शून्य राजस्व घाटा अथवा राजस्व अधिशेष प्राप्त करने पर वर्ष 2011-12 तक सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 3 (तीन) प्रतिशत राजकोषीय घाटा प्राप्त करेगी और उसे उसके बाद बनाये रखना होगा ।” ।

4. बिहार अधिनियम 5, 2006 की धारा-9 में संशोधन :- बिहार राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबन्धन अधिनियम, 2006 (बिहार अधिनियम 5, 2006) की धारा-9(2)(ख) निम्नलिखित द्वारा प्रतिस्थापित की जायेगी :

"(ख) वित्तीय वर्ष 2010-11 में सकल राज्य घरेलू उत्पाद का राजकोषीय घाटा 3.5 प्रतिशत करेगी एवं वर्ष 2011-12 में यह 3 प्रतिशत होगी और इसे वर्ष 2014-15 तक बनाये रखना होगा ।

5. बिहार अधिनियम 5, 2006 की धारा 9 में संशोधन:- बिहार राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन अधिनियम, 2006 (बिहार अधिनियम 5, 2006) की धारा-9 की उप-धारा 2 के खंड (ख) के बाद निम्नलिखित नया खण्ड (ग) जोड़ा जायेगा :

“(ग) ऋण को सकल राज्य घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में वित्तीय वर्ष 2010-11, 2011-12, 2012-13, 2013-14 एवं 2014-15 के लिये कमशः 48.2, 46.4, 44.6, 43.0 एवं 41.6 तक लायेगी ।"

बिहार-राज्यपाल के आदेश से.

राजेन्द्र कुमार मिश्न, 

सरकार के सचिव।

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