No: 7-10009 Dated: Nov, 03 2005
भारत संविधान के अनुच्छेद-234 सपठित अनुच्छेद 309 के परन्तुक द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए बिहार राज्यपाल, पटना उच्च न्यायालय के परामर्श से, बिहार असैनिक सेवा (न्याया शाखा) (भर्ती) नियमावली, 1955 कों, प्रथम राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग (शेट्टी आयोग) की अनुशंसाओं के अनुसार, जैसा कि माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा अभिपुष्ट है, संशोधन करने हेतु निम्नलिखित संशोधन नियमावली बनाते है :
1. संक्षिप्त नाम, विस्तार एवं आरम्भ :-- (1) यह नियमावली "बिहार असैनिक सेवा (न्याय शाखा) (भर्ती) (संशोधन) नियमावली, 2005" कही जा सकेगी।
(2). इसका विस्तार संपूर्ण बिहार राज्य में होगा ।
(3) यह तत्कालिक प्रभाव से प्रवृत होगा ।
2. (1) नियमावली 1955 के नियम 6 (ख) में प्रयुक्त शब्द "राज्यपाल द्वारा मान्यता प्राप्त " शब्द "बार काउंसिल आफ इंडिया द्वारा मान्यता प्राप्त' द्वारा प्रतिस्थापित किये जायेंगे ।
(2) नियमावली, 1955 के नियम-6 का संशोधन ।- नियम 6 के खंड (ग) एतद द्वारा निरसित किया जाता है ।
3. शब्द "अवर न्यायाधीश ' एवं "मुंसिफ" उक्त नियमावली 1955 में जहाँ-जहाँ प्रयुक्त हो, कमशः शब्द "असैनिक न्यायाधीश (वरीय कोटि) " एवं "असैनिक न्यायाधीश (कनीय कोटि) " द्वारा प्रतिस्थापित किये जायेंगे ।
4. नियमावली 1955 के नियम 25 के पश्चात् नया नियम 25 (क) का जोड़ा जाना ।
नियमावली, 1955 के नियम-25 के बाद निम्नलिखित नया एक नियम जोड़ा जायेगा :" 25 क ।- " नव नियुक्त न्यायिक पदाधिकारियों के लिए न्यूनतम एक वर्ष की अवधि के लिए प्रशिक्षण आवश्यक होगा । यद्यपि यह प्रशिक्षण अवधि पटना उच्च न्यायालय के परामर्श से दो वर्ष तक विस्तारित की जा सकेगी । स्थिति की अत्यावश्यकता में पटना उच्च न्यायालय प्रशिक्षण की अवधि को कम कर सकेगा ।"
5. नियमावली, 1955 के नियम 27 के बाद निम्नानुसार एक नया नियम 28 जोड़ा जायेगा । -
" 28 - न्यायिक पदाधिकारियों की सेवा निवृत्ति की आयु साठ (60) वर्ष होगी।
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