No: 7 Dated: Jan, 09 2020
1. संक्षिप्त नाम, विस्तार और आरम्भ:- (1) यह नियमावली “बिहार सिविल सेवा (न्यायिक शाखा) (प्रशिक्षण और विभागीय परीक्षा) (संशोधन) नियमावली, 2019" कही जा सकेगी।
(2) इसका विस्तार सम्पूर्ण बिहार राज्य में होगा।
(3) यह तुरंत प्रवृत्त होगी।
2. बिहार सिविल सेवा (न्यायिक शाखा) (प्रशिक्षण और विभागीय परीक्षा) नियमावली, 2019 में नियम-11 का प्रतिस्थापन:- उक्त नियमावली का नियम-11 निम्न प्रकार प्रतिस्थापित किया जायेगा:
परिवीक्षाधीन व्यक्ति के प्रशिक्षण की न्यूनतम अवधि सामान्यतया निम्नलिखित विभिन्न शाखाओं में विभाजित की जाएगी:
(i) मुंसिफ (सिविल न्यायाधीश, कनीय खंड) और अधीनस्थ न्यायाधीश (सिविल न्यायाधीश, वरीय खंड) के साथ प्रशिक्षण-2 माह
(ii) मजिस्ट्रेट के कार्य का प्रशिक्षण-2 माह
(iii) जिला और सत्र न्यायाधीश के साथ प्रशिक्षण-2 माह
(iv) बिहार न्यायिक अकादमी में राजस्व सर्वेक्षण और बंदोबस्त कार्य/विधि सहित प्रशिक्षण-6 माह
3. बिहार सिविल सेवा (न्यायिक शाखा) (प्रशिक्षण और विभागीय परीक्षा) नियमावली, 2019 के नियम-24 का प्रतिस्थापन:- उक्त नियमावली का नियम-24 निम्न प्रकार प्रतिस्थापित किया जायेगाः
प्रत्येक परिवीक्षार्थी (प्रोबेशनर) को छ: माह की अवधि के लिए बिहार न्यायिक अकादमी में अनुसूची के तहत प्रशिक्षण प्राप्त करना होगा। उक्त प्रशिक्षण के दरम्यान परिवीक्षार्थियों को उच्च गुणवत्ता के निर्णयों एवं आदेशों को लिखने में उन्हें सहायता करने वाले कौशल में पारंगत करने पर जोर दिया जाएगा। उसी समय परिवीक्षार्थियों पर इस बाबत विशेष बल दिया जायेगा कि उनमें मुद्दों के गठन/उनका निपटान, आरोपों के गठन और साक्षियों के बयान को लिखा जाना सहित विचारण की जटिलताओं को समझने का कौशल भी आ जाए। इस प्रयोजनार्थ परिवीक्षार्थियों से इस छ: माह की प्रशिक्षण अवधि के दरम्यान साप्ताहिक जाँच परीक्षाओं में मुद्दों/आरोपों के गठन, बनावटी साक्षियों का बयान एवं निर्णयों को लिखने को कहा जा सकेगा।
बिहार राज्यपाल के आदेश से
(शिवमहादेव प्रसाद)
सरकार के अवर सचिव ।
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