No: 27 Dated: Dec, 13 2017
[बिहार अधिनियम 27, 2017]
बिहार कृषि बाजार प्रांगण भूमि अंतरण अधिनियम, 2017
श्री गुरू गोविन्द सिंह जी महाराज की जीवनी पर आधारित बहुउद्देशीय प्रकाश केन्द्र एवं उद्यान के निर्माण हेतु कृषि बाजार प्रांगण, पटना सिटी के भूमि अंतरण करने के लिए प्रावधान करने हेतु अधिनियम ।।
प्रस्तावना- चूंकि, सिखों के दसवें गुरू श्री गुरू गोविन्द सिंह जी महाराज की 350वीं जयन्ती समारोह और राज्य के लिए विशेष गौरवशाली ऐतिहासिक अवसर पर उनकी ज्वलंत जीवनी पर आधारित बहुउद्देशीय प्रकाश केन्द्र एवं उद्यान का निर्माण करना आवश्यक एवं समीचीन है; और,
चूंकि, बहुउद्देशीय प्रकाश केन्द्र एवं उद्यान के निर्माण हेतु कृषि विभाग की कतिपय भूमि को चिन्हित किया गया है जिसे पर्यटन विभाग को अंतरित करना भी आवश्यक है;
इसलिए अब भारत गणराज्य के अड़सठवें वर्ष में बिहार राज्य विधान मंडल द्वारा निम्नलिखित रूप में यह अधिनियमित हो:
1 संक्षिप्त नाम, विस्तार और प्रारम्भ।- (1) यह अधिनियम "बिहार कृषि बाजार प्रांगण भूमि अंतरण अधिनियम, 2017" कहा जा सकेगा ।
(2) इसका विस्तार श्री गुरू गोविन्द सिंह बहुउद्देशीय प्रकाश केन्द्र एवं उद्यान हेतु भूमि अंतरण तक ही सीमित होगा ।
(3) यह तुरन्त प्रवृत्त होगा।
2 परिभाषाएँ। इस अधिनियम में जबतक कोई बात विषय या संदर्भ के विरूद्ध न हो (i) "अधिनियम" से अभिप्रेत है बिहार कृषि बाजार प्रांगण भूमि अंतरण अधिनियम, 2017;
(ii) "अनुसूची" से अभिप्रेत है इस अधिनियम के साथ उपाबद्ध अनुसूची;
(iii) “सरकार" से अभिप्रेत है बिहार राज्य सरकार;
(iv) "कृषि विभाग" से अभिप्रेत है बिहार सरकार का कृषि विभाग;
(v) “पर्यटन विभाग" से अभिप्रेत है बिहार सरकार का पर्यटन विभाग;
(vi) "बाजार प्रांगण" से अभिप्रेत है बिहार राज्य कृषि विभाग के अधीन बाजार प्रांगण।
3 बाजार प्रांगण की भूमि का अंतरण- राज्य सरकार बिहार कृषि उपज बाजार प्रांगण, पटना सिटी की भूमि, जो बिहार कृषि उपज बाजार (निरसन) अधिनियम, 2006 द्वारा राज्य सरकार में निहित हो चुकी है और जो इस अधिनियम की अनुसूची में उल्लेखित है, श्री गुरू गोविन्द सिंह की जीवनी पर आधारित बहुउद्देशीय प्रकाश केन्द्र एवं उद्यान के निर्माण के लिए पर्यटन विभाग को स्थायी रूप से अंतरित कर सकेगी।
4 निरसन एवं व्यावृत्ति- (1) बिहार कृषि बाजार प्रांगण भूमि अंतरण अध्यादेश, 2017 (बिहार अध्यादेश संख्या-2, 2017) एतद्वारा निरसित किया जाता है।
(2) ऐसे निरसन के होते हुए भी, उक्त अध्यादेश के द्वारा या के अधीन प्रदत शक्ति के प्रयोग में किया गया कोई कार्य या कि गई कोई कार्रवाई इस अधिनियम द्वारा या के अधीन प्रदत शक्तियों के प्रयोग में किया गया या की गई समझी जाएगी मानो यह अधिनियम उस दिन प्रवृत्त था जिस दिन ऐसा कार्य किया गया था या ऐसी कार्रवाई की गई थी।