No: 6 Dated: May, 15 2018
1. संक्षिप्त नाम, विस्तार एवं प्रारम्भ। -(1) यह अधिनियम "बिहार कृषिक एवं ग्रामीण क्षेत्र विकास एजेन्सी (निरसन) अधिनियम, 2017" कहा जाएगा।
(2) इसका विस्तार सम्पूर्ण बिहार राज्य में होगा।
(3) यह 01.07.2017 के प्रभाव से प्रवृत्त होगा।
2. परिभाषाएँ । इस अधिनियम में जब तक सन्दर्भ में अन्यथा अपेक्षित न हो - (i) "अधिनियम” से अभिप्रेत है, बिहार कृषिक एवं ग्रामीण क्षेत्र विकास एजेन्सी अधिनियम, 1978 (बिहार अधिनियम 3, 1979);
(ii) " अभिकरण/एजेन्सी” से अभिप्रेत है, बिहार कृषिक एवं ग्रामीण क्षेत्र विकास एजेन्सी अधिनियम 1978 (बिहार अधिनियम 3, 1979) के अधीन गठित कमाण्ड क्षेत्र विकास अभिकरण/एजेन्सी;
(iii) "सरकार" से अभिप्रेत है, बिहार सरकार;
(iv) “नियमावली" से अभिप्रेत है राज्य सरकार द्वारा बिहार कृषिक एवं ग्रामीण क्षेत्र विकास एजेन्सी अधिनियम, 1978 (बिहार अधिनियम 3, 1979) की धारा-38 के अधीन बनाई गई नियमावली।
3. कमाण्ड क्षेत्र विकास अभिकरणों/एजेन्सी की आस्तियों एवं दायित्वों का जल एवं भूमि प्रबंधन संस्थान (वाल्मी), पटना में निहित होना। - इस अधिनियम के आरंभ की तिथि को एवं से कमाण्ड क्षेत्र विकास अभिकरणों/एजेन्सी की आस्तियाँ एवं दायित्व जल संसाधन विभाग के प्रशासी नियंत्रणाधीन सोसाईटी अधिनियम के अधीन गठित जल एवं भूमि प्रबंधन संस्थान (वाल्मी), पटना में निहित हो जायेंगे।
4. कमाण्ड क्षेत्र विकास अभिकरणों/एजेन्सी के पदाधिकारियों एंव कर्मचारियों का समायोजन। इस अधिनियम के आरंभ की तिथि को या से कमाण्ड क्षेत्र विकास अभिकरणों के पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों का समायोजन, जल एवं भूमि प्रबंधन संस्थान (वाल्मी), पटना के अधीन रिक्त समान वेतनमान वाले पदों पर अथवा समान वेतनमान वाले आवश्यकता आधारित पदों का सृजन कर, पूर्व के समान सेवाशर्त के अधीन किया जाएगा और यदि आवश्यक हो तो संस्थान द्वारा आस्तियों एवं दायित्वों के समुचित प्रबंधन के प्रयोजनार्थ राज्य सरकार के अनुमोदन से एक नियमावली बनाई जा सकेगी।
5. राज्य सरकार की शक्तियाँ। इस अधिनियम के उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए राज्य सरकार को ऐसे आदेश/निदेश अथवा अनुदेश निर्गत करने की शक्ति, प्राधिकार एवं अधिकारिता होगी जिसे वह इस अधिनियम के प्रावधानों के क्रियान्वयन में उत्पन्न परिस्थितियों एवं समस्याओं के निराकरण हेतु उचित तथा आवश्यक समझे।
6. निरसन एवं व्यावृत्ति (1) बिहार राज्य कृषिक एवं ग्रामीण क्षेत्र विकास एजेन्सी अधिनियम, 1978 (बिहार अधिनियम 3, 1979) एतद्द्वारा निरसित किया जाता है। नियमावली/आदेश/संकल्प इत्यादि एतद्द्वारा निरसित किए जाते है।
(2) ऐसे निरसन के होते हुए भी, उक्त अधिनियम के अधीन किया गया कुछ भी या की गई कोई कार्रवाई अथवा लिया गया कोई निर्णय विधि सम्मत्त माना जाएगा तथा इस अधिनियम के अधीन प्रारम्भ की गई कोई कार्यवाही जिसमें दण्डात्मक कार्रवाई शामिल होगी, तथा उक्त कार्यवाही के समापन तक जारी रहेगी मानों उक्त अधिनियम इस प्रयोजनार्थ विद्यमान है और इस आधार पर किसी न्यायालय में चल रही कार्यवाही अथवा लिए गए निर्णय के संबंध में कोई मामला किसी न्यायालय के समक्ष संस्थित नहीं किया जाएगा कि उक्त अधिनियम निरस्त कर दिया गया है।
बिहार-राज्यपाल के आदेश से,
मनोज कुमार,
सरकार के संयुक्त सचिव ।