आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय (संशोधन) अधिनियम, 2013
No: 9 Dated: May, 28 2013
[बिहार अधिनियम 9, 2013]
आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय (संशोधन) अधिनियम, 2013
आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय अधिनियम, 2008 (बिहार अधिनियम 24, 2008) का संशोधन करने के लिए अधिनियम।
प्रस्तावना :-आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के प्रशासनिक सुदृढ़ीकरण के लिए आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय अधिनियम, 2008 में कतिपय उपबंधो का संशोधन तथा कतिपय प्रावधानों का जोड़ना आवश्यक है।
भारत गणराज्य के चौसठवें वर्ष में बिहार राज्य विधान मंडल द्वारा यह निम्नलिखित रूप में अधिनियमित हो:
1. संक्षिप्त नाम, विस्तार एवं प्रारम्भ ।- (1) यह अधिनियम "आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय (संशोधन) अधिनियम, 2013" कहा जा सकेगा।
(2) इसका विस्तार संपूर्ण बिहार राज्य में होगा।
(3) यह राजपत्र में इसकी अधिसूचना के प्रकाशन की तिथि से प्रवृत होगा।
2. बिहार अधिनियम 24, 2008 की धारा-9 का प्रतिस्थापन | - बिहार अधिनियम 24, 2008 की धारा-9 निम्नलिखित द्वारा प्रतिस्थापित की जायगी :
"9- विश्वविद्यालय के पदाधिकारी - विश्वविद्यालय के निम्नलिखित पदाधिकारी होंगे:
(1) कुलपति
(2) प्रतिकुलपति
(3) डीन
(4) रजिस्ट्रार
(5) वित्तीय सलाहकार
(6) वित्त पदाधिकारी
(7) परीक्षा नियंत्रक
(8) पुस्तकालयाध्यक्ष।
(9) ऐसे अन्य पदाधिकारी जिन्हे परिनियम द्वारा विश्वविद्यालय का पदाधिकारी घोषित किया जाए ।
3. बिहार अधिनियम 24, 2008 की धारा-12 के बाद नई धारा-12क, 12ख और 12ग का अंतःस्थापन।- "उक्त अधिनियम की धारा-12 के बाद निम्नलिखित नई धाराएँ अंतःस्थापित की जायगी :
"12क* (1) प्रतिकुलपति :- प्रतिकुलपति ख्याति प्राप्त विद्धान होंगे ।
(2) प्रतिकुलपति की नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा की जाएगी।
(3) प्रतिकुलपति अपना पद धारण करने की तिथि से तीन वर्षों की पदावधि के लिए पद धारण करेगा और अगली एक पदावधि के लिए पुनर्नियुक्ति का पात्र होगा। पदावधि की समाप्ति के पश्चात् राज्य सरकार प्रतिकुलपति से यथाविनिर्दिष्ट अवधि, जो कुल एक वर्ष से अधिक नही होगी, तक पद पर बने रहने की अपेक्षा कर सकेगी।
(4) प्रतिकुलपति की परिलब्धियाँ एवं अन्य सेवा शर्ते वही होंगी जो जो राज्य सरकार द्वारा विहित की जाय।
12 ख - प्रतिकुलपति की शक्तियाँ, कर्तव्य एवं कृत्य:- प्रतिकुलपति कुलपति के नियंत्रणाधीन विश्वविद्यालय के अकादमिक एवं प्रशासनिक कार्यकलापो के कुशल संचालन एवं पर्यवेक्षण का उत्तरदायी होगा।
12 ग - प्रतिकुलपति को पद से हटाया जाना । यदि किसी समय तथा यथावश्यक जाँच पड़ताल के पश्चात् राज्य सरकार को यह प्रतीत हो कि प्रतिकुलपति-
(क) इस अधिनियम, परिनियमो या अध्यादेशो के अधीन उसे अधिरोपित किसी कर्तव्य के निर्वहन करने में विफल हो गया है, अथवा ।
(ख) इस रीति से कार्य किया है जो विश्वविद्यालय के हितों के प्रतिकूल है, अथवा
(ग ) विश्वविद्यालय के कार्यकलापों के प्रबंधन में असमर्थ रहा हैं, तो राज्य सरकार, इस तथ्य के होते हुए भी कि प्रतिकुलपति की पदावधि समाप्त नहीं हुई है, लिखित आदेश द्वारा, तथा उसमें कारणो का उल्लेख करते हुए आदेश में यथाविनिर्दिष्ट तिथि से, प्रतिकुलपति के पद से मुक्त कर सकेगी।
(घ) उपर्युक्त कंडिका-(ग) के अधीन तबतक कोई आदेश पारित नही किया जाएगा जबतक कि प्रस्तावित उल्लिखित आधारों, जिसपर कार्रवाई प्रस्तावित हो, को अधिकथित करते हुए, सूचना तामिल न कर दी गयी हो और प्रस्तावित आदेश के विरूद्ध कारण दर्शाने हेतु युक्तियुक्त अवसर प्रतिकुलपति को न दिया गया हो।"
4. बिहार अधिनियम 24, 2008 की धारा-14 के बाद नई धारा-14क का अंतःस्थापन F उक्त अधिनियम की धारा-14 के बाद निम्नलिखित नई धारा अंतःस्थापित की जाएगी :
"14 क - वित्तीय सलाहकार। -(1) वित्तीय सलाहकार विश्वविद्यालय के पूर्णकालिक पदाधिकारी होंगे।
(2) वित्त सलाहकार की नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा की जाएगी, जिस पर नियुक्ति/प्रतिनियुक्ति के माध्यम से भारतीय लेखापरीक्षा एवं लेखा सेवा के पदाधिकारी या किसी अन्य लेखा सेवा के पदाधिकारी अथवा चार्टड एकाउटेट (सी०ए०) की नियुक्ति की जा सकेगी।
(3) वित्तीय सलाहकार की नियुक्ति उसकी नियुक्ति की तारीख से तीन वर्षों के लिए होगी, परन्तु राज्य सरकार, इस तथ्य के होते हुए भी कि वित्तीय सलाहकार की पदावधि समाप्त नही हुई है, वित्तीय कदाचार अथवा कर्तव्यों के निर्वहन में विफलता अथवा अक्षमता के आधार पर कारणो का उल्लेख करते हुए लिखित आदेश द्वारा आदेश में यथाविनिर्दिष्ट तिथि से वित्तीय सलाहकार को सेवामुक्त कर सकेगी।
(4) उप-धारा (3) के अधीन तब तक कोई आदेश पारित नहीं किया जाएगा जब तक कि प्रस्तावित उल्लिखित आधारों, जिस पर कार्रवाई प्रस्तावित हो, को अधिकथित करते हुए, सूचना तामिल न की गई हो और प्रस्तावित आदेश के विरूद्ध कारण दर्शाने हेतु युक्तियुक्त अवसर वित्तीय सलाहकार को न दिया गया हो।
(5) वित्तीय सलाहकार की परिलब्धियाँ एवं सेवाशर्ते विश्वविद्यालय द्वारा राज्य सरकार के अनुमोदन से विहित की जाएगी।
(6) वित्तीय सलाहकार विश्वविद्यालय के कुलपति के नियंत्रणाधीन विश्वविद्यालय के वित्तीय अनुशासन एवं पर्यवेक्षण का उत्तरदायी होगा।"
बिहार-राज्यपाल के आदेश से,
विनोद कुमार सिन्हा,
सरकार के सचिव।