No: 11 Dated: Mar, 24 2005

AMITY UNIVERSITY UTTAR PRADESH ACT, 2005

एमिटी विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश अधिनियम, 2005

-: अधिनियम :-

भारत गणराज्य के छप्पनवें वर्ष में निम्नलिखित अधिनियम बनाया है :-
1-(1) यह अधिनियम एमिटी विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश अधिनियम, 2005 कहा जायेगा।
(2) यह 12 जनवरी, 2005 को प्रवृत्त हुआ समझा जायगा। 
2-जब तक संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो, इस अधिनियम में :-
(क) “विद्यापरिषद'' का तात्पर्य विश्वविद्यालय के विद्यापरिषद से है;
(ख) “बोर्ड" का तात्पर्य विश्वविद्यालय के पाठ्य बोर्ड और योजना बोर्ड या अन्य बोर्ड से है;
(ग) “कुलाधिपति", "कुलपति” और “प्रति-कुलपति" का तात्पर्य विश्वविद्यालय के क्रमशः कुलाधिपति, कुलपति और प्रति-कुलपति से है;
(घ) “कोर्ट'' का तात्पर्य विश्वविद्यालय के कोर्ट से है;
(ङ) “निदेशक/प्राचार्य'' का तात्पर्य किसी संस्था, महाविद्यालय, विद्यालय, पॉलिटेक्निक और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के प्रधान या उसकी अनुपस्थिति में इस रूप में कार्य करने के प्रयोजन हेतु नियुक्त व्यक्ति से है;
(च) “विभाग” का तात्पर्य अध्ययन विभाग से है और उसके अन्तर्गत अध्ययन और अनुसंधान केन्द्र भी हैं; 
(छ) “कर्मचारी'' का तात्पर्य विश्वविद्यालय द्वारा नियुक्त किसी व्यक्ति से है और उसके अन्तर्गत विश्वविद्यालय का कोई अध्यापक या कर्मचारिवृन्द का कोई सदस्य भी है;
(ज) “कार्यपरिषद'' का तात्पर्य विश्वविद्यालय के कार्यपरिषद से है; 
(झ) “संकाय'' का तात्पर्य विश्वविद्यालय के संकाय से है;
(ञ) “फाउन्डेशन" का तात्पर्य सोसाइटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1860 के अधीन रजिस्ट्रीकृत रितनन्द बलवेद एजूकेशन फाउन्डेशन, से है;
(ट) “छात्रावास" का तात्पर्य विश्वविद्यालय के विद्वानों/छात्रों के निवास से है;
(ठ) “संस्था'' का तात्पर्य विश्वविद्यालय के द्वारा स्थापित या अनुरक्षित किसी शैक्षणिक संस्था से है;
(ङ) “विहित'' का तात्पर्य परिनियमों द्वारा विहित से है;
(ढ) “अभिलेखों और प्रकाशनों" का तात्पर्य विश्वविद्यालय के अभिलेखों और प्रकाशनों से है;
(ण) “परिनियमों” और “अध्यादेशों'' का तात्पर्य तत्समय प्रवृत्त विश्वविद्यालय के क्रमशः परिनियमों और अध्यादेशों से है;
(त) "छात्र" का तात्पर्य विश्वविद्यालय के रजिस्टर में दर्ज किसी छात्र से है;
(थ) "विश्वविद्यालय के अध्यापक" का तात्पर्य आचार्यों, उपाचार्यों, प्राध्यापकों और ऐसे अन्य व्यक्ति से है जिसे विश्वविद्यालय में शिक्षा अनुदेश प्रदान करने या शोध कार्य के संचालन के लिए नियुक्त किया जाय और अध्यादेशों द्वारा अध्यापक के रूप में पदाभिहित किया जाय;